प्रॉपर्टी के पेपर्स हो गए है गुम , बिना परेशान हुए जाने कैसे प्राप्त करे इसकी ओरिजनल कॉपी

आपकी संपत्ति के कागजात आपके लिए कितने महत्वपूर्ण हैं ये तो आप जानते है फिर भी अक्सर हम अपनी संपत्ति के दस्तावेजों के महत्व को अनदेखा करते हैं, लेकिन वास्तविकता यह है कि जमीन के कागजात आपके सबसे महत्वपूर्ण दस्तावेजों में से एक हैं। इन प्रॉपर्टी के पेपर्स का न होना आपको बड़ी मुश्किल में डाल सकता है। आइए जानते हैं कि ये क्यों इतने महत्वपूर्ण हैं और आपको इन्हें सुरक्षित रखने के लिए कौन-कौन से कदम उठाने चाहिए।
जमीन के कागजों का महत्व
जब हम एक संपत्ति को खरीदते हैं, तो हम उसके मालिक बनते हैं, लेकिन इसके लिए आपके पास जमीन के मालिक का प्रमाण होना आव्यश्यक होता है। जब आपके पास कोई भी प्रॉपर्टी का एक क़ानूनी प्रमाणपत्र होता है कि यह जमीन आपकी ही है। तो आप चिंतामुक्त हो जाते है लेकिन यदि वह कागज या प्रमाणपत्र गुम हो जाए, तो यह आपके लिए खतरा हो सकता है।
ऐसे ही बिहार में भूमि सुधार विभाग के द्वारा विशेष भू सर्वेक्षण का कार्य किया जा रहा है, जिसका उद्देश्य नागरिकों को उनकी ज़मीन के कागजात को प्राप्त करने में मदद करना है। इस कार्य के परिणामस्वरूप, ज़मीन के सच्चे मालिक बिहार के ग्रामीण और नगरीय क्षेत्रों में सुगबुगाहट को छोड़कर, आत्मविश्वास के साथ आगे बढ़ सकते हैं।
जिले में की गई कार्य की शुरुआत
इस प्रक्रिया की शुरुआत बिहार के कई जिलों में की गई है, जहां पहले से ही यह कार्य चल रहा है। राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के कर्मचारियों द्वारा की जा रही खोज और सर्वेक्षण के बाद, कई ज़मीनों के आधिकारिक कागजात प्राप्त किए जा रहे हैं। इससे ग्रामीण और नगरीय क्षेत्रों के लोगों को उनकी ज़मीन के मामले में विश्वास और सुरक्षा मिल रही है।
सीवान जिला का अगला कदम
राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग की प्रशासकीय व्यवस्था ने तय किया है कि इस कार्य को सीवान जिला में भी विस्तार से आगे बढ़ा जाएगा। यहां के ग्रामीण और नगरीय क्षेत्रों के लोगों को उनकी ज़मीन के कागजात के प्राप्ति का अधिकार दिलाने का काम शुरू होगा। इससे सीवान जिले के लोग भी खुद के ज़मीन के सच्चे मालिक बन सकेंगे।
रैयतों की सुगबुगाहट का समाधान
विशेष भू सर्वेक्षण कार्य की शुरुआत से पहले ही रैयतों में सुगबुगाहट की घड़़ी शुरु हो गई है। इस कारण, रैयरदार कागजातों के लिए कार्यालयों की ओर एक बड़ी भीड़ लग गई है। लेकिन इसके बावजूद, ज़मीन के आधिकारिक कागजात को प्राप्त करने के लिए रैयत को कुछ रूपए खर्च करने होंगे। यह एक सामान्य प्रक्रिया है जिसका पालन किया जाना चाहिए ताकि वे अपने संपत्ति के प्रमाणपत्र को पुनः प्राप्त कर सकें।
दस्तावेज निकालने का प्रक्रिया
जब दस्तावेज गुम हो जाता है या फिर व्यक्ति को नहीं मिलता है, तो उन्हें दस्तावेज को पुनः प्राप्त करने के लिए जिला निबंधन कार्यालय जाना होता है। यहां वे एक ई-स्टांप पेपर काउंटर से 100 रुपए का ई-स्टांप पेपर खरीदते हैं।
ई-स्टांप पेपर मिलने के बाद, वे कार्यालय के काउंटर पर जाकर डीड पेपर की प्रतिलिपि कौनसे काउंटर से मिलेगी इसकी जानकारी प्राप्त करते हैं, और उस काउंटर पर जाकर सच्ची प्रतिलिपि की सरकारी फीस और स्टांप पेपर जमा करते हैं। निबंधन कार्यालय के कर्मचारी दो दिनों के अंदर सच्ची प्रतिलिपि प्राप्त करा देंगे।
दस्तावेज की सच्ची प्रतिलिपि
यदि आपका दस्तावेज गुम हो गया है या फिर आपको वह मिल नहीं रहा है, तो आपके लिए यह आशा की बात है कि आप उसे पुनः प्राप्त कर सकते हैं। डीएसआर ने बताया कि डीड पेपर लेने के लिए रैयत को 600 रुपए का भुगतान करना होगा और साथ में 100 रुपए का स्टांप पेपर लगाना होगा।
इस प्रतिलिपि में वह सम्पूर्ण जानकारी होगी जो आपके दस्तावेज की पुनः प्राप्ति के लिए आवश्यक है जैसे – डीड नंबर, जींद नंबर, पृष्ठ संख्या, टोकन नंबर, आदि।
इसके अलावा, इस प्रतिलिपि को कहीं भी लागू किया जा सकता है और इसकी प्रमाणित प्रति को असली पेपर माना जाएगा। इससे पुराने दस्तावेजों की सच्ची प्रतिलिपि निकाली जा सकती है, और यह सुनिश्चित करने में मदद करता है कि ज़मीन के मालिकों को उनके मूल अधिकार प्राप्त करने में कोई कठिनाई नहीं होती है।
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