Ganga Aarti: बनारस की तरह बिहार के मलमास मेले में होगी गंगा आरती, श्रद्धालुओं के लिए होगी ये ख़ास व्यवस्थाएं
बिहार के राजगीर में मलमास मेले की शुरूआत बहुत जल्द होने जा रही है। जिसको लेकर जिला प्रशासन की तैयारी पूरे जोर-शोर से चल रही है।prapt जानकारी के अनुसार इस मेले का उद्घाटन बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) द्वारा किया जाएगा। इस दौरान वो सरस्वती घाट का शुभारंभ करेंगे और गंगा महाआरती में शामिल होंगे।
ये महाआरती बनारस के गंगा घाट के तर्ज पर आयोजित की जाएगी। इसकी तैयारी को लेकर सरस्वती नदी की उड़ाही और सरस्वती घाट का भी जीर्णोद्धार कार्य किया गया है। घाट को सुंदर बनाने के लिए घाट पर भगवान शिव की एक प्रतिमा भी लगाई गई है।
शिव की प्रतिमा के जटा से गंगा के समान जल की धारा पहती है। आपको बता दें कि मलमास मेले के दौरान इसी घाट पर साधु संत शाही स्नान करेंगे। आईये जानते है मलमास मेले के दौरान श्रद्धालुओं के लिए क्या ख़ास व्यवस्थाएं की जाएँगी?
मलमास मेले में होंगे 4 शाही स्नान
इस बार राजगीर के पावन मलमास मेले में चार शाही स्नान होंगे। 29 जुलाई को पहला शाही स्नान एकादशी के दिन आयोजित किया जाएगा। हिन्दू पंचांग के अनुसार, हर वर्ष सावन मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को पद्मिनी एकादशी मनाई जाती है। इस एकादशी का काफी ज्यादा महत्व है। ऐसे में इस शाही स्नान का महत्व और भी बढ़ जाता है।
वहीँ, एक अगस्त को दूसरा शाही स्नान पूर्णिमा के पावन अवसर पर आयोजित किया जाएगा। मलमास मेले में फिर से एकादशी के दिन तीसरा शाही स्नान 12 अगस्त को आयोजित किया जाना है।
इसके बाद 16 अगस्त को इस पावन मास का चौथा और आखिरी शाही स्नान आयोजित किया जाएगा। वहीँ बताया जा रहा है कि इन 4 दिनों पर मेले में सबसे ज्यादा भीड़ रहने की उम्मीद है।
श्रद्धालुओं के लिए होगी ख़ास व्यवस्था
पर्यटन विभाग ने बिहार के राजगीर में 18 जुलाई से 16 अगस्त 2023 तक चलने वाले मलमास मेले को लेकर जरुरी तैयारियां पूरी कर ली हैं। पर्यटन सचिव अभय कुमार सिंह ने बताया कि – “सांस्कृतिक एवं धार्मिक रूप से अत्यंत महत्वपूर्ण मलमास मेले में आने वाले श्रद्धालुओं के लिए तीन जगहों पर जर्मन हैंगर विधि से निर्मित टेंट सिटी की व्यवस्था की गयी है।”
स्टेट गेस्ट हाउस के पास 2000 बेडयुक्त टेंट सिटी बनाई गई है। इसके साथ-साथ राजगीर रेलवे स्टेशन परिसर, राजगीर ब्रह्मकुंड व मेला थाना में प्रत्येक के पास 1000-1000 श्रद्धालुओं के लिए जर्मन हैंगर विधि से निर्मित टेंट सिटी में आवासन की व्यवस्था भी रहेगी।
इन जगहों पर चेंजिंग रूम व बाथरूम के साथ पुरुष-महिला शौचालय व पेयजल की सुविधा मिलेगी। उपरोक्त तीनों टेंट सिटी के पास कंट्रोल रूम, हेल्थ कैंप व सस्ती रोटी की सुविधा भी उपलब्ध करायी गयी है।
ठहरने से लेकर सुरक्षा तक का इंतजाम
पर्यटन सचिव ने बताया कि इसके अतिरिक्त जिला प्रशासन नालंदा के द्वारा निम्न व्यवस्थाएं भी की गई है:
- झुनकिया बाबा, गढ़ महादेव, धुनिवर में प्रत्येक के पास 500 बेड की आवासन क्षमता का वाटरप्रूफ पंडाल व बस स्टैंड के पास 300 बेड तथा सैनिक स्कूल के पास 150 बेड की आवासन क्षमता का वाटरप्रूफ पंडाल।
- सभी जगहों पर भी हेल्थ कैंप व सस्ती रोटी की सुविधा।
- महत्वपूर्ण पर्यटन स्थलों एवं सरकारी कार्यालयों में ट्यूनिंग बल्ब एवं लाइटिंग से सजावट की व्यवस्था।
- विभिन्न मार्गों पर पर्याप्त सुरक्षा हेतु सीसीटीवी से निगरानी व लाइटिंग की व्यवस्था।
- विधि-व्यवस्था एवं ट्रैफिक नियंत्रण हेतु विभिन्न स्थलों पर 48 ट्रैफिक पोस्ट।
- पार्किंग सुविधा।
और पढ़े: क्या मलमास में नहीं करने चाहिए शुभ कार्य! जाने कहां चले जातें हैं भगवान?

