Bihar Development: बिहार में सबसे बड़े बापू टावर का निर्माण हुआ कम्प्लीट, जानिए इसकी खासियत

Construction of the largest Bapu Tower in Bihar completed

बिहार में एक एक करके जारी निर्माण कार्य कम्प्लीट होते जा रहे है। इसी बीच राजधानी पटना में बनाए जा रहे सबसे बड़े बापू टावर का निर्माण कार्य अब पूरा हो चूका है। जिसकी ताजा तस्वीरें भी सामने आई है।

पटना स्थित बापू टावर देश के राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी को समर्पित है। आईये जानते है इसकी खासियत क्या है और इसके पर्यटन सबंधी ख़ास बातें।

पटना के गर्दनीबाग में 120 फीट ऊँचा बापू टावर

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का ड्रीम प्रोजेक्ट कहा जाने वाले बापू टावर की बेहतरीन बनावट और इसमें महात्मा गांधी से जुड़े तथ्यों को आम लोगों के भ्रमण के लिए जल्द ही खोल दिया जाएगा।

120 feet high Bapu Tower in Gardnibagh Patna
पटना के गर्दनीबाग में 120 फीट ऊँचा बापू टावर

राजधानी पटना के गर्दनीबाग इलाके में 120 फीट ऊंचे बापू टावर के भवन का निर्माण कार्य अब पूरा हो चूका है। जिसका उद्घाटन जल्द ही किया जाना है। इसके लिए भवन निर्माण विभाग द्वारा इसे फिनिशिंग टच दिया जा रहा है।

इस दिन होगा टॉवर का उद्घाटन

बापू टावर बनाने की शुरुआत 02 अक्टूबर 2018 को की गई थी। जिसे पूरा करने का टारगेट 28 नवंबर 2021 का रखा गया था। काम पूरा नहीं होने के बाद इसे बढ़ाकर 31 दिसंबर 2022 कर दिया गया था।

इसके बाद फिर इसे दोबारा बढ़ाकर जून-2023 के अंत तक समाप्त करने का लक्ष्य रखा गया। हालाँकि अब इस टॉवर का काम पूरा हो गया है और 04 फ़रवरी  2024 को इसका उद्घाटन कर दिया जाएगा।

बापू टावर देश का पहला ऐसा भवन

आपको बता दे की बापू टावर का निर्माण पर्यावरण प्रबंधन तथा सतत विकास के उच्च मानकों तथा वैज्ञानिक तकनीकों को ध्यान में रखते हुए किया गया है। जिसमें ग्रीन टेक्नोलॉजी का प्रयोग मुख्य रूप से शामिल है।

entire exterior of Bapu Tower is covered with copper
बापू टावर के पूरे बाहरी भाग पर लगा है तांबे का आवरण

बापू टावर देश का पहला ऐसा भवन है, जिसके पूरे बाहरी भाग पर तांबे का आवरण जड़ा गया है। जो अपनी चमक बिखेर रहा है। रात के समय जब लाइटें जलती हैं तो इसकी खूबसूरती में चार चाँद लग जाते है।

सात एकड़ में फैला है बापू टावर

पर्यटकों के लिए इस भवन में महात्मा गांधी के जीवन से जुड़ी ऐतिहासिक घटनाएं, गांधी के विचार, स्वतंत्रता संग्राम में उनकी भूमिका, बिहार से लगाव, बापू के आदर्शों को आम जन में स्थापित करने के लिए बिहार सरकार द्वारा किये गये कार्यों आदि की उत्कृष्ट प्रदर्शनी रहेगी।

Bapu Tower in Patna is spread over seven acres
सात एकड़ में फैला है पटना स्थित बापू टावर

जिस जगह पर इस टावर को बनाया गया है उस भूखंड का कुल क्षेत्रफल सात एकड़ है और कुल निर्मित क्षेत्र 10503 वर्ग मीटर है। टावर में विभिन्न गैलरी, अनुसंधान केंद्र, विशिष्ट अतिथियों के लिए लाउंज, प्रशासनिक कार्यालय आदि हैं।

इसमें बापू की जीवनी, शिक्षा, आदर्शों, मूल्यों और बिहार के प्रति उनके लगाव को बहुत अच्छे से दिखाया गया है।

इनके लिए उपयोगी साबित होगा

यह बच्चों, छात्रों, शोधकर्ताओं और गांधीजी के सिद्धांतों में रुचि रखने वालों के लिए बहुत उपयोगी साबित होगा। बापू टावर के गोलाकार भवन में टर्न टेबल थियेटर शो की भी व्यवस्था की गई है।

जिसके जरिए पर्यटकों को बापू की जीवनी दिखाई जाएगी। यहां घूमते हुए पर्यटक बापू के जीवन, संघर्ष और इतिहास के बारे में जान पाएंगे।

बापू टावर की खासियत

Specialty of Bapu Tower of Bihar
बिहार के बापू टावर की खासियत

पर्यटन की दृष्टि से महत्वपूर्ण बिहार के बापू टावर की विशेषताएं कुछ इस प्रकार है:

  • पटना के गर्दनीबाग में बन रहा बापू टावर
  • तांबा की परत से तैयार 6 तले का बापू टावर
  • बापू टावर की ऊंचाई 120 फीट
  • सात एकड़ में फैला है बापू टावर परिसर
  • टावर की कुल लागत 129 करोड़
  • 85 करोड़ सिविल कार्य, 45 करोड़ प्रदर्शनी पर खर्च
  • 2 अक्टूबर 2018 रखी गई थी आधारशीला
  • सीएम नीतीश कुमार ने रखी थी आधारशीला
  • टावर में दर्शायी गई महात्मा गांधी के जीवन की घटना
  • कैफेटेरिया, रिसर्च सेंटर सहित कई सुविधाओं से लैस

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