बिहार के नियोजित शिक्षकों को मिला राज्यकर्मी का दर्जा, अब इतनी मिलेगी सैलरी, यहाँ देखे
वर्ष 2023 अब अंत होने वाला है और जाते-जाते यह साल बिहार के नियोजित शिक्षकों के लिए बड़ी खुशखबरी लेकर आया है। राज्य के लगभग 4 लाख नियोजित शिक्षकों को राज्यकर्मी का दर्जा मिल गया है।
प्रदेश के मुखिया नितीश कुमार की अध्यक्षता में हुई बिहार कैबिनेट की बैठक में इसको मंजूरी भी मिल चुकी है। ऐसे में अब हर किसी के मन में ये सवाल होगा की बिहार के नियोजित शिक्षकों को राज्यकर्मी का दर्जा मिलने के बाद कितनी सैलरी मिलेगी? आईये जानते है………………….
नियोजित शिक्षक कहलाएंगे विशिष्ठ शिक्षक
अब बिहार के नियोजित शिक्षकों को भी बिहार लोक सेवा आयोग द्वारा बहाल होने वाले शिक्षकों की तरह ही वेतनमान (BPSC Teacher Salary) और सुविधाएं प्रदान की जाएंगी। इसके साथ साथ नियोजित शिक्षकों को विशिष्ठ शिक्षक कहा जाएगा।
बिहार कैबिनेट की बैठक में इस फैसले पर मुहर लगने के बाद से नियोजित शिक्षकों में ख़ुशी का माहौल है। लेकिन नियोजित शिक्षकों को राज्यकर्मी का दर्जा मिलने के लिए उन्हें एक शर्त पूरी करनी होगी।
नियोजित शिक्षकों के लिए सक्षमता परीक्षा
दरअसल 26 दिसंबर 2023 को नीतीश कैबिनेट की बैठक में बिहार विद्यालय विशिष्ट शिक्षक नियमावली 2023 को मंजूरी दे दी गई है। जिसके बाद से ये तो स्पष्ट हो गया है कि नियोजित शिक्षकों को राज्यकर्मी का दर्जा दिया जाएगा।
लेकिन इसके लिए राज्य सरकार चयनित एजेंसी के माध्यम से नियोजित शिक्षकों के लिए सक्षमता परीक्षा का आयोजन करेगी। इस परीक्षा को पास करने के लिए तीन अवसर मिलेंगे। तीसरे एटेम्पट में भी असफल रहे शिक्षकों को सेवा से हटा दिया जाएगा।
राज्यकर्मी बनने के बाद कितनी मिलेगी सैलरी?

- एक से पांच के विशिष्ट शिक्षक (मध्य विद्यालय के शारीरिक शिक्षक सहित) : 25 हजार रूपए
- छह से आठ के विशिष्ट शिक्षक: 28 हजार रूपए
- नौ व दस के विशिष्ट शिक्षक (मध्यमिक के शारीरिक शिक्षक व पुस्तकालयाध्यक्ष सहित): 31 हजार रूपए
- 11 से 12 तक के विशिष्ट शिक्षक: 32 हजार रूपए
सैलरी के साथ मिलेंगी और भी सुविधाएं
बिहार के नियोजित शिक्षकों को राज्यकर्मी का दर्जा मिलने के बाद उन्हें महंगाई भत्ता, मकान, किराया भत्ता, चिकित्सा भत्ता, शहरी परिवहन भत्ता भी मिलेगा। इसके अलावा समय-समय पर वेतन, भत्तों में संशोधन किया जा सकता है।
इसके अलावा विशिष्ट शिक्षकों के पद को स्थानांतरणीय किया गया है। जिला शिक्षा पदाधिकारी को शिक्षकों को जिला में स्थानांतरित करने का अधिकार रहेगा। आठ साल की कार्यावधि के बाद शिक्षकों का प्रमोशन भी किया जा सकता है।
पूरी सेवाकाल में दो बार प्रयोग कर सकते है ये ऑप्शन
जिला शिक्षा पदाधिकारी द्वारा शिक्षा का अधिकार अधिनियम, छात्र-शिक्षक अनुपात अथवा जनहित में प्रतिबद्धताओं को ध्यान में रखते हुए जिला के अंतर्गत शिक्षकों को स्थानांतरित किया जा सकेगा।
विशिष्ट शिक्षकों के अनुरोध पर निदेशक प्राथमिक या निदेशक माध्यमिक जैसा भी मामला हो, द्वारा जिला के बाहर स्थानांतरित किया जा सकेगा। हालांकि, एक विशिष्ट शिक्षक अपनी पूरी सेवाकाल में केवल दो बार इस तरह के ऑप्शन का प्रयोग कर सकते है।
हालाँकि इस सुविधा को अधिकार के रूप में दावा नहीं किया जा सकता है। प्रशासनिक विभाग अत्यावश्यकताओं के आधार पर इस तरह के अनुरोध को अस्वीकार भी कर सकता है।
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