Bihar Shikshak Bharti: पहले चरण में सिर्फ 92000 शिक्षकों ने ली ज्वाइनिंग, अगली बहाली में BPSC जोड़ेगा खाली रह गए पद
बिहार में पहले चरण की शिक्षक भर्ती प्रक्रिया पूरी हो चुकी है। बीपीएससी शिक्षक भर्ती परीक्षा पास कर चयनित हुए शिक्षकों के लिए आवंटित स्कूल में योगदान करने का अब अंतिम मौका है।
राज्य के विभिन्न जिलों द्वारा भेजी गई रिपोर्ट के मुताबिक अब तक 92 हजार शिक्षकों ने अपना योगदान किया है। अब ऐसे में शिक्षक बहाली के फर्स्ट फेज में जो पद खाली रह जाएंगे, उन्हें BPSC आगे की बहाली में जोड़ेगा।
बीपीएससी से एक लाख 20 हजार अभ्यर्थी हुए सेलेक्ट
दरअसल शिक्षा विभाग ने यह स्पष्ट कर दिया है कि 30 नवंबर 2023 की शाम 5 बजे के बाद योगदान स्वीकार नहीं किया जाएगा। यह आदेश उनपर लागू नहीं किया जाएगा जो पहले से नियोजित शिक्षक या केंद्र व राज्य सरकार की नौकरी में हैं।
इन सभी को योगदान के लिए 07 दिसंबर 2023 तक का समय दिया गया है। इसके साथ ही 92000 शिक्षकों की योगदान तिथि के साथ पूरी सूची ऑनलाइन विभाग को उपलब्ध करा दी गई है।
जानकारी के लिए बता दे की पहले चरण में बीपीएससी से एक लाख 20 हजार अभ्यर्थी सेलेक्ट हुए हैं। जिनमें से एक लाख दस हजार ने औपबंधिक नियुक्ति पत्र प्राप्त किए थे।
आगे की बहाली में जोड़े जाएंगे खाली पद
बिहार लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित की गई पहले फेज की नियुक्ति में जो पद खाली रह जाएंगे, उन्हें आगे की बहाली में जोड़ा जाएगा। पहले चरण में 28 हजार 800 वैसे अभ्यर्थियों का चयन हुआ हैं, जो पहले से नियोजित शिक्षकों के रूप में काम कर रहे थे।
इनमें से बड़ी संख्या में ऐसे अभ्यर्थी भी शामिल हैं, जो नई जगह पर अपना योगदान नहीं दे रहे हैं। योगदान प्रक्रिया समाप्त होने के बाद पता चल पाएगा कि कितने पद खाली रह गये हैं?
इससे पहले खबर थी की बिहार में BPSC पास 30000 शिक्षकों ने अपना योगदान नहीं दिया है। यह जानकारी शिक्षा विभाग को 25 नवंबर 2023 तक योगदान की रिपोर्ट पर आधारित है।
बयानबाजी करने वाले टीचर्स को भेजा गया नोटिस
इसके अलावा बिहार के शिक्षा विभाग के निर्णय और नीतियों के खिलाफ बयानबाजी करने वाले शिक्षकों को नोटिस देने का कार्य जिलों द्वारा शुरू किया जा चूका है। विभिन्न जिलों द्वारा ऐसे शिक्षकों की पहचान कर उन्हें नोटिस भेजकर 24 घंटे के अंदर जवाब मांगा गया है।
विभाग ने सभी जिलों को निर्देश दिया है कि बिहार सरकार की नीतियों के खिलाफ विभिन्न मीडिया के माध्यम से शिक्षकगण अनर्गल बयान दे रहे हैं। यह कदाचार की श्रेणी में आता है। कोई शिक्षक संघ बनाते हैं अथवा इसके सदस्य बनते हैं, उन्हें भी चिह्नित करें। ऐसे शिक्षकों पर भी कठोर अनुशासनिक कार्रवाई करें।

