बीपीएससी में सफल होकर मीमांसा बनी अफसर, बिना कोचिंग के ले आई 10वीं रैंक

अक्सर आपने देश के विभिन्न प्रतियोगिता परीक्षा के लिए विद्यार्थियों एक कोचिंग से दूसरे कोचिंग जाते हुए देखा होगा। लेकिन कई अभ्यर्थी ऐसे होते है जो सेल्फ स्टडी के सहारे ही अपना मुकाम पा लेते है.
उन्हीं में से एक नाम है बिहार की मीमांसा का. जिन्होंने सेल्फ स्टडी के सहारे 68 वीं बीपीएससी परीक्षा में 10वीं रैंक प्राप्त किया है. इस सफलता के बाद उनका चयन अफसर के रूप में हो गया है. आईये जानते है उनकी कहानी.
भागलपुर की मीमांसा को 68वीं बीपीएससी में 10वां रैंक
दरअसल 68 वीं बीपीएससी परीक्षा का अंतिम परिणाम जारी कर दिया गया है. इस बार के 68th BPSC Toppers List 2024 के टॉप 10 में कुल 6 लड़कियों ने अपना कब्ज़ा जमाया है.
जिसमें बिहार के भागलपुर जिले की मीमांसा को 10वां रैंक प्राप्त हुआ है. भागलपुर के जीरो माइल चाणक्य विहार कालोनी की रहने वाली मीमांसा ने पूरे शहर का नाम रोशन किया है.
सहायक राज्य आयकर आयुक्त के पद पर हुआ चयन
बीपीएससी की 68वीं संयुक्त परीक्षा में सफलता प्राप्त करके मीमांसा सहायक राज्य आयकर आयुक्त बनी हैं. 68वीं बीपीएससी का रिजल्ट जारी होते ही मीमांसा के बधाई देने वालों का तांता लग गया.
बता दे की मीमांसा की प्रारंभिक शिक्षा माउंट असीसी से हुई है. यहीं से उन्होंने अपना इंटरमीडिएट भी पूरा किया है. जिसके बाद मीमांसा ने दिल्ली यूनिवर्सिटी से राजनीति शास्त्र में स्नातक उत्तीर्ण किया है.
इसके बाद उन्होंने जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी से राजनीति शास्त्र में स्नाकोत्तर की डिग्री हासिल की है.
बेटी ने हर जगह ऊंचा कर दिया नाम
मीमांसा के पिता का नाम मिथिलेश कुमार यादव है, जो की कोऑपरेटिव विभाग में कार्यरत है. जबकि माता कंचन देवी होम मेकर है. मीमांसा अपने भाई बहनों में सबसे बड़ी हैं.
उनका छोटा भाई दिल्ली यूनिवर्सिटी से ही स्नातक कर रहा है. वहीं, रिजल्ट आने के बाद मीमांसा के माता-पिता बहुत ही खुश है.
पिता मिथिलेश कुमार यादव ने खुशी जाहिर करते हुए कहा कि – “आज मेरी बेटी ने मेरा नाम हर जगह ऊंचा कर दिया.”
बिना कोचिंग के बीपीएससी में मिली सफलता

आपको बता दे की मीमांसा को यह सफलता उनके दूसरे अटेम्प्ट में मिली है. उन्होंने अपना पहला प्रयास स्नाकोत्तर के समय ही दिया था.
जब वह 2022 में वापस भागलपुर लौटी तो उन्होंने फिर से बीपीएससी के लिए तैयारी शुरू की. उन्होंने बताया कि इस दौरान किसी भी कोचिंग का सहारा नहीं लिया.
सेल्फ स्टडी की बदौलत ही मीमांसा ने यह मुकाम हासिल किया है.
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