बिहार के इस निर्माण के बाद राज्य की दो शहर की दूरी कम, जानिए

बिहार में दो शहरों के बीच बनाई जा रही पथ के दौरान लगभग एक दर्जन से अधिक गांव को अब होगा लाभ जिसके आर्थिक के साथ-साथ भौतिक विकास भी होगी क्योंकि किसी शहर या गांव के विकास में उनके सड़के मुख्य रोल अदा करती है तो वही कहीं सड़क के अभाव में किसी शहर व गांव की विकास अच्छी तरह नहीं हो पाती तो आइए जानते हैं बिहार के किन हिस्सों में यह निर्माण कार्य की जा रही है।
आपको बता दूं कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने करौटा-सालेहपुर-राजगीर पथ का हवाई सर्वेक्षण करने के बाद उन्होंने पदाधिकारियों को नूरसराय से राजगीर तक के पथ को ग्रीन फील्ड परियोजना के रूप में विकसित करने का निर्देश दिया जिसमें पटना से राजगीर के बीच 108 किलोमीटर की दूरी को टूरिस्ट वे ऑफ राजगीर के निर्माण के बाद यह दूरी घटकर 75 किलोमीटर हो जाएगी और जल्द ही यह टूरिस्ट वे ऑफ राजगीर बुद्ध सर्किट का हिस्सा बनेगी यह सर्किट कुशीनगर से वैशाली, करौटा, तेलमर, सालेहपुर, सिलाव, नानंद, नालंदा, राजगीर, गया, सारनाथ होते हुए पुन: कुशीनगर में मिल जाएगा।
बुद्ध सर्किट के इस निर्माण पर जापान की टीम ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से एक हफ्ते पहले मुलाकात कर विशेष चर्चा कि जिसके बाद आयोग अब जल्दी ही जापान सरकार की टीम को अपनी रिपोर्ट सौंप देगी और फिर इसकी स्वीकृति के बाद निर्माण की प्रक्रिया शुरू की जाएगी कहां जा रहा है कि टूरिस्ट वे ऑफ राजगीर उन स्थानों से निकाली जाएगी जहां की आबादी बहुत ही कम है क्योंकि इस कारण सड़क पर ट्राफिक की लोड कम होगी जबकि इसे कई गांव से भी निकाली जिसमें लगभग दर्जनभर से भी अधिक नए गांव का विकास होगा।