500 करोड़ की लागत से बन रहा बिहार में दुनिया का सबसे बड़ा मंदिर, जानिए कब होगा तैयार

क्या आपको पता है कि अगले कुछ ही सालों के भीतर बिहार में दुनिया के सबसे बड़े रामायण मंदिर होने का गौरव प्राप्त होने वाला है। अगर नहीं तो आज के इस पोस्ट में हम आपको इसी के बारे में विस्तार से जानकारी देने वाले है।
बिहार के पूर्वी चंपारण जिले दुनिया के सबसे बड़े रामायण मंदिर का निर्माण शुरू हो चूका है, बता दे कि मंदिर का निर्माण 20 जून को शुरू हुआ था जिसमें पूर्व आईपीएस अधिकारी आचार्य किशोर कुणाल और राजस्थान हाई कोर्ट के पूर्व मुख्य न्यायाधीश जस्टिस एसएन झा ने मंदिर का भूमि पूजन किया था।
निर्माणाधीन विराट रामायण मंदिर की कई ऐसे विशेषताएं होंगी जिन्हें जानकर फिलहाल आपको हैरानी होगी, 500 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से बन रहा यह मंदिर 120 एकड़ की भूमि पर बनाया जा रहा है।
मंदिर 3.67 लाख वर्ग फुट के क्षेत्र में कब्जा करेगा और मंदिर में सबसे ऊंचा शिखर 270 फीट का होगा। इसके अतिरिक्त, 180 फीट की ऊंचाई के साथ डिज़ाइन की गई चार और संरचनाएं हैं।

बता दें कि मंदिर की मंदिर की लंबाई 1080 फीट और चौड़ाई 540 फीट होगी, यह मंदिर कंबोडिया के 12वीं सदी के अंगकोरवाट मंदिर परिसर से भी ऊंचा होगा। मंदिर परिसर में विश्व के सबसे बड़े शिवलिंग की भी स्थापना होगी।
साथ ही मंदिर परिसर में मैरिज हॉल और गेस्ट हाउस भी होंगे। मंदिर में एक समय में 20,000 लोगों के बैठने की क्षमता होगी। मंदिर परिसर के भीतर शैव और वैष्णव देवी-देवताओं को समर्पित 22 मंदिर होंगे। परिसर में एक आश्रम, गुरुकुल (शैक्षणिक संस्थान), धर्मशाला (गेस्टहाउस) और अन्य सुविधाएं होंगी।

बता दें कि, रामायण मंदिर का निर्माण पटना महावीर मंदिर के द्वारा कराया जा रहा है, मंदिर का भूमि पूजन वर्ष 2012 में हुआ था तब इसका नाम विराट अंकोरवाट मंदिर था, लेकिन कंबोडिया सरकार की आपत्ति और जमीन क्रय में देरी के कारण मंदिर निर्माण में विलंब होती गई।
यह मंदिर बिहार की राजधानी पटना से 120 किलोमीटर तथा वैशाली से 60 किलोमीटर की दूरी पर वर्तमान केसरिया-चकिया पथ पर चार गांवों और तीन पंचायतों की सीमा में पड़ता है। इस मंदिर के 2025 तक पूरा हो जाने की उम्मीद है।