बिहार में आधा दर्जन नदी जोड़ परियोजना पर शुरू होगा काम, बाढ़ और सुखाड़ से मिलेगी राहत

Work will start on half a dozen river linking project in Bihar

बिहार में आधा दर्जन नदी जोड़ परियोजना पर काम करने की तैयारी की जा रही है। इससे बाढ़ और सुखाड़ से होने वाले नुकसान में कमी लायी जा सकेगी।

इसमें बड़ी नदियों में कोसी-मेची लिंक, सकरी-नाटा परियोजना, बागमती-गंगा लिंक, बागमती (बेलवाधार)-बूढ़ी गंडक लिंक, बूढ़ी गंडक नून वाया गंगा लिंक और कोसी-गंगा लिंक योजना शामिल हैं।

नदी जोड़ योजनाओं के संभावनाओं की जांच

इसके अलावा राज्य सरकार अपने संसाधनों से उत्तर बिहार में बागमती, कमला और कोसी बेसिन सहित दक्षिण बिहार में पुनपुन, किऊल-हरोहर बेसिन में छोटी नदियों को जोड़ने और उससे होने वाले फायदे की संभावनाओं का पता लगा रही है।

Examining the possibilities of river linking schemes
नदी जोड़ योजनाओं के संभावनाओं की जांच

नेशनल वाटर डेवलमेंट एजेंसी ने कोसी-मेची लिंक योजना को छोड़ कर शेष नदी जोड़ योजनाओं पर सवाल खड़ा कर दिया था।राज्य सरकार के प्रयासों के बाद बागमती-बूढ़ी गंडक लिंक योजना, बूढ़ी गंडक नून वाया गंगा लिंक व कोसी-गंगा लिंक योजना की संभावनाओं की जांच फिर की जा रही है।

केंद्र से 90 फीसदी खर्च वहन करने की मांग

राज्य में कोसी-मेची लिंक परियोजना की वर्किंग डीपीआर बनाने के लिए राज्य सरकार ने नेशनल वाटर डेवलमेंट एजेंसी से अनुराेध किया है।

इसके साथ ही केंद्र से 90 फीसदी खर्च वहन करने की मांग की गई है। इस पर केंद्र से अब तक मंजूरी नहीं मिली है। इस योजना से अररिया, कटिहार, किशनगंज और पूर्णिया जिले के दो लाख 14 हजार 812 हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई की सुविधा मिल सकेगी।

सकरी-नाटा परियोजना पर मंजूरी का इंतजार

सकरी नदी के बकसोती बराज से नहर निकाल कर आहर-पइन को जोड़ते हुए नाटा नदी में सकरी नदी का पानी ले जाने की योजना है।

इस पर फिलहाल केंद्रीय जल आयोग की मंजूरी का इंतजार है। इस योजना से नवादा, नालंदा, शेखपुरा और जमुई जिलों के 68 हजार 808 हेक्टेयर में सिंचाई सुविधा मिल सकेगी।