बिहार की महिलाओं ने रचा इतिहास, मिल कर खड़ी की 50 लाख की टर्नओवर वाली कंपनी

बिहार के गया जिले की महिलाओं ने पूरे भारतवर्ष की महिलाओं के लिए एक उदाहरण प्रस्तुत की है। इन महिलाओं ने भी यह बात सिद्ध कर दी है कि वो किसी भी मामले में पुरुषों से कम नहीं है।
आपको बता दें कि बिहार के गया जिले की महिलाओं ने सामूहिक वुमन एंटरप्रेन्योरशिप का एक बेहतरीन उदाहरण प्रस्तुत किया है। और एक कंपनी को शुरू करने से लेकर उसे संगठित और उसे सुचारू रूप से संचालित करने तक का कार्य बखूबी निभाया है और अब उस कंपनी का टर्नओवर लगभग 50 लाख रुपये है।
आइए आपको बताते हैं कि कैसे इन महिलाओं ने सामूहिक प्रयास से बंजर पड़ी भूमि से ₹50 लाख कमाए और खुद की मदद तो की ही, साथ ही और लोगों के लिए भी एक मिशाल बन गई।
सामूहिक प्रयास से किया कमाल
गया जिले के बांके बाजार की बेला गांव की महिलाओं ने गांव के बंजर भूमि पर लेमन ग्रास की खेती शुरू की और सामूहिक प्रयास से इसे एक व्यवसाय के रूप में बदल दिया। इसके अलावा उन्होंने यहां लेमन ग्रास से तेल निकालने के लिए मशीन भी लगवाया है, जिससे उन्हें दोगुना मुनाफा हो रहा है।
बंजर पड़ी भूमि पर खड़ी की कंपनी
गया स्थित वन क्षेत्र जहां बांके बाजार के बेला गांव में रहने वाली महिलाओं ने गांव की बंजर पड़ी भूमि को अपने सामूहिक प्रयास से उपजाऊ बनाया। और यहां लेमन ग्रास की खेती शुरू की इसके अलावा उन्होंने यहां से व्यवसाय भी शुरू किया।
आपको बता दें कि गांव में इस कंपनी को खड़ा करने के लिए द्रौपदीदेवी ने काफी मशक्कत की और बंजर पड़ी भूमि पर गांव की महिलाओं की सहायता से खेती शुरू की इसके अलावा उन्होंने आसपास की गांव की महिलाओं की मदद से भी कुछ रुपए योगदान लेकर पहले इसे एक फार्म के रूप में विकसित किया।
और धीरे-धीरे फिर एक कंपनी का स्वरूप दिया।जिसके अंतर्गत लेमन ग्रास के तेल से परफ्यूम, साबुन, फिनायल और कई अन्य चीजें भी बनाई जिसकी मांग बाजारों में बहुत है।
कमा रहे अच्छा मुनाफा
आपको बता देगी इन खेतों के फसल से लगभग 80 से 90 लीटर लेमन ग्रास तेल निकाला जाता है जो बाजार में 1200 रुपए प्रति लीटर बिक रहा है। इस इससे रोजाना इस्तेमाल में आने वाली वस्तुओं का निर्माण किया जाता है जैसे साबुन, फिनायल, परफ्यूम,मच्छरों की अगरबत्ती इत्यादि।अब इस कंपनी का टर्नओवर 50 लाख रुपये है।
आपको बता देगी सीएम नीतीश कुमार भी यहां आकर इस खेत में उपजे लेमन ग्रास से बनी चाय की चुस्की ले चुके हैं और उन्होंने इन महिलाओं की कठिन परिश्रम की सराहना भी की है।
महिलाओं ने संभाली पूरी जिम्मेदारी
आपको बता देगी इस खेत से लेकर कंपनी और फॉर्म तक के सभी जिम्मेदारियों को महिलाओं ने ही उठाया है, कुछ पुरुषों के सहयोग को भी नकारा नहीं जा सकता। लेकिन जिस प्रकार महिलाओं ने पुरे कंपनी को संगठित रूप से चलाया है,वह सराहनीय है।
सभी जिम्मेदारियों को महिलाओं ने आपस में इस प्रकार बांट रखा है कि सारी चीजें व्यवस्थित तरीके से समय पर पूरी हो जाती है आपको बता दें कि यहां पटवन से लेकर खेतों और सामानों की सुरक्षा तक की जिम्मेदारी महिलाओं की ही है।
कौन है कंपनी की मालकिन
बिहार में बंजर भूमि पर खेती शुरू कर कंपनी शुरू करने वाली महिला द्रौपदी देवी है जिन्होंने गांव की ही महिलाओं के साथ मिलकर पहले यहां एक महिला फॉर्म प्रोड्यूस कंपनी गठित की और फिर आसपास के कई गांव की लगभग 1090 महिलाएं इसमें शामिल हुए अपने शुरुआती दिनों में इस कंपनी को बनाने में महिलाओं ने एक -एक हज़ार रूपये का योगदान भी दिया है और अब इस कंपनी का टर्नओवर 50 लाख रुपये है।
कंपनी की शुरुआत आंगनबाड़ी में सेविका स्वरूप काम करने वाली द्रौपदी देवी ने की। उन्होंने बताया कि बचपन से ही उन्हें कुछ अलग करने की प्रेरणा दी गई और आज लगभग 1000 से अधिक महिलाओं को स्वावलंबी बनने में मदद करने पर उन्हें गर्व महसूस होता है।