मनचाही नौकरी चाहिए तो चले आइए बिहार की इस मंदिर में, माथा टेकते ही खुल जाएंगे किस्मत के ताले

दोस्तों, बिहार में कई प्राचीन और दिव्य मंदिर स्थित है जिनमें से कुछ प्रसिद्ध है जबकि बहुत से ऐसे मंदिर भी है जिन्हें अभी बहुत कम लोग जानते हैं ऐसी ही एक मंदिर के बारे में आज हम आपको बताने जा रहे हैं जो बिहार के आरा जिले में स्थित है।
हम बात कर रहे हैं बिहार के एक ऐसे मंदिर की जहां अगर आपकी नौकरी नहीं हो रही है और आप किसी सरकारी या गैर सरकारी नौकरी की तैयारी में है और उसे पाना चाहते हैं तो अपनी तैयारी के साथ-साथ माता महामाया के मंदिर में आकर एक बार अर्जी जरूर करें क्योंकि लोगों की ऐसी मान्यता है कि इस मंदिर में आने से ही माता महामाया आपकी नौकरी पक्की कर देती है।
माता महामाया मंदिर: एक अद्भुत स्थल
महामाया की एक अद्भुत मंदिर है ऐसा माना जाता है कि जो कोई भी सच्चे मन से यहां पूजा करता है उसकी मनोकामना जरूर पूरी होती है और देवी का आशीर्वाद लेने के लिए वे युवा जो बेरोजगार हैं अपनी मनवांछित नौकरी पाने के लिए आया करते हैं।
इस मंदिर का प्रभाव इतना अधिक है कि बिहार के लगभग सभी बेरोजगार युवा यहां आते ही हैं, स्थानीय लोगों की इच्छापूर्ति और उनके असीम विश्वास के कारण इस मंदिर को माता महामाया की एक भव्य मंदिर के रूप में विकसित किया गया है।
भक्तों के दान से मंदिर का विस्तार
स्थानीय लोगों की माने तो आज से करीब 15 वर्ष पूर्व अपने शुरुआती दौर में या मंदिर बिल्कुल छोटा सा मंदिर था लेकिन भक्तों के चढ़ावे और उनके दान से इस मंदिर का विस्तार जा रहा है।
वे युवा जिनकी आस्था है कि उन्हें यहां से मन्नत मांगने पर ही नौकरी मिली है उनके दान से इस मंदिर का विस्तार किया गया है, अपनी मनचाही नौकरी प्राप्त करने वाले अधिकांश युवाओं ने अपना पहला वेतन मंदिर को दान कर दिया है।
और यही कारण है कि यह मंदिर अब इतनी प्रसिद्धि पा रही है कि इसे लोगों में यह कहकर याद किया जाता है कि माता के दर्शन करने से ही उन्हें मनचाही नौकरी मिल जाएगी।
समर्पण और विकास की आवश्यकता: एक तीर्थ स्थल के रूप में मंदिर का प्रमोशन
मंदिर के पुजारी ने यह बताया कि माता महामाया ने यहां कब अवतार लिया इसका कोई लिखित इतिहास तो नहीं है लेकिन सैकड़ों साल पहले यह स्थान घने जंगल से गिरा था और तब महामाया माई जंगल के बीच में निवास करती थी।
इसके साथ ही मंदिर के पुजारी ने ये भी जानकारी दी कि स्थानीय प्रशासन इस मंदिर के विकास और रखरखाव के लिए कोई भी मदद नहीं करती है बल्कि मंदिर के विकास की उपेक्षा की जा रही है।
उन्होंने आगे यह भी सुझाव देते हुए कहा कि यदि मंदिर को एक तीर्थ स्थल घोषित कर दिया जाए तो, इससे इस मंदिर की प्रतिष्ठा तो बढ़ेगी ही, लोगों को रोजगार के अवसर भी मिलेंगे।
कहां स्थित है यह अद्भुत मंदिर
आइए आपको बताते हैं लोगों की मनोकामना पूर्ण करने वाली माता महामाया कहां विराजमान है वैसे तो बिहार में मंदिर है और सबकी अपनी अलग-अलग होता है लेकिन बेरोजगारों को नौकरी देने वाली माता महामाया बिहार के आरा से 20 किलोमीटर दूर पिपरा गांव है जहां पर यह मंदिर मौजूद है।
मां काली को समर्पित है यह दिव्य मंदिर बक्सर जिले में स्थित है तथा मां काली को शमशानवासिनी माता भी कहते हैं ,कहा जाता है कि मंदिर में मां की आरती के समय सिर्फ इंसान ही नहीं बल्कि कुत्ते भी हिस्सा लेते हैं।
कुछ लोगों का कहना है कि मंदिर की आरती शुरू होते ही इलाके के सारे कुत्ते मंदिर पहुंच जाते हैं और आरती के वक्त जब इंसान घंटियां बजाते हैं तब कुत्ते मुंह से आवाज निकालकर मां को अपनी भावना प्रकट करते हैं और आरती के बाद प्रसाद खाकर ही वहां से कुत्ते जाते हैं। बिहार में स्थित महामाया मंदिर