बिहार में 4 साल का होगा वोकेशनल कोर्स, आपके करियर के लिए साबित होगा फायदेमंद

बिहार में वोकेशनल कोर्स की अवधी को बढ़ाकर 4 साल का कर दिया गया है. वहीँ अब इसमें एडमिशन लेने के लिए छात्र और छात्राओं को एंट्रेंस टेस्ट में शामिल होना पड़ेगा।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक बिहार के सभी यूनिवर्सिटी में इसका सिलेबस भी समान रहने वाला है. आईये जानते है की यह कोर्स आपके करियर के लिए कैसे फायदेमंद साबित होने वाला है?
बिहार में अब चार सालों का होगा वोकेशनल कोर्स
बिहार में अब वोकेशनल कोर्स चार सालों का होने वाला है. नए वर्ष में रेगुलर कोर्स के साथ ही वोकेशनल कोर्स में एडमिशन शुरू हो जाएगा. वहीं, रेगुलर कोर्स के लिए आवेदन करने का प्रोसेस अलग रहेगा.
जबकि, वोकेशनल कोर्स के लिए अलग से आवेदन करना होगा. वोकेशनल कोर्स में आवेदन करने की चाह रखने वाले छात्र दो फार्म को ऑनलाइन माध्यम से भरेंगे.
जिसको लेकर बहुत जल्द नई नियमावली जारी की जाएगी. इसमें सीबीसीएस सिस्टम के आधार पर छात्रों की ग्रेडिंग प्रकिया को कम्प्लीट किया जाएगा.
वोकेशनल कोर्स का क्रेडिट और ग्रेडिंग फार्मूला
वोकेशनल कोर्स का क्रेडिट और ग्रेडिंग फार्मूला कुछ इस प्रकार होने वाला है:
- O (आउटस्टैंडिंग) के लिए 10 ग्रेड (90 से 100 प्रतिशत अंक) प्वाइंट मिलेगा.
- A प्लस (एक्सीलेंट) के लिए नौ ग्रेड (80 से 90 प्रतिशत) प्वाइंट मिलेगा.
- A (वेरी गुड) के लिए आठ ग्रेड (70 से 80 प्रतिशत) प्वाइंट मिलेगा.
- B प्लस (गुड) के लिए सात ग्रेड (60 से 70 प्रतिशत) प्वाइंट मिलेगा.
- B (औसत से ज्यादा) के लिए छह ग्रेड (55 से 60 प्रतिशत) प्वाइंट मिलेगा.
- C (औसत) के लिए पांच ग्रेड प्वाइंट (50 से 55 प्रतिशत) प्वाइंट मिलेगा.
- P (पास) के लिए चार ग्रेड (45 से 50 प्रतिशत) प्वाइंट मिलेगा.
- F (फेल) 45 प्रतिशत से नीचे को कोई प्वाइंट नहीं मिलेगा.
आपके करियर के लिए फायदेमंद वोकेशनल कोर्स

प्रवेश परीक्षा के बाद स्टूडेंट्स को इस कोर्स में एडमिशन मिलेगा. दरअसल, परीक्षा देने के बाद मेरिट के आधार पर स्टूडेंट को कॉलेजों में दाखिला दिया जाएगा.
वोकेशनल कोर्स से आपके करियर को काफी लाभ मिलेगा. वोकेशनल कोर्स के कारण नौकरियों के कई विकल्प खुल जाते है. यह करियर ओरिएंटेड कोर्स होता है. जिस वजह से इससे सीधा लाभ छात्र-छात्राओं के करियर को मिलता है.
इन कोर्सेस में छात्र व छात्राओं को किसी खास विषय के बारे में पढ़ाया जाता है. इस दौरान छात्र व छात्राएं किसी खास फील्ड में महारत हासिल करते हैं.
ग्राफिक्स, वेब डिजाउनिंग, हेल्थ केयर, फूड टेकनोलॉजी क्षेत्र में इस तरह के कोर्स होते हैं. इसके अलावा इन कोर्स को करने वाले विद्यार्थियों को तकनीकी ज्ञान भी दिया जाता है.
वोकेशनल कोर्स की क्या है खासियत?
वोकेशनल कोर्स की खासियत की बात करे तो इसमें 12वीं पास से लेकर ग्रेजुएट तक इस कोर्स में अपना एडमिशन करवा सकते हैं. वहीं, 10वीं क्लास से भी कम पढ़े लिखे लोग भी इस कक्षा में शामिल हो सकते हैं.
क्रिएटिव युवाओं के लिए डिप्लोमा इन ग्रफीक डिजाइनिंग व वेब डिजाउनिंग के कोर्स काफी सही साबित होते है. इसे अच्छी तरह से सीख जाने के बाद खुद का भी सर्विस बिजनेस शुरु किया जा सकता है.
इन कोर्स के जरिए युवा होटल मैनेजमेंट से लेकर टूरिज्म में एडमिशन ले सकते हैं. खाना बनाने में अगर दिलचस्पी है तो होटल मैनेजमेंट का कोर्स किया जा सकता है.
वहीँ बिहार सहित सम्पूर्ण भारत में टूरिज्म काफी तेजी से उभर रहा है. इसमें डिप्लोमा के साथ डिग्री कोर्स भी उपलब्ध है. वहीं, अब बिहार में यह चार वर्षों का होने वाला है.
टेलिकम्यूनिकेशन, कंप्यूटर साइंस, इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग, इवेंट मैनेजमेंट , केटरिंग मैनेजमेंट , फूड प्रिजरवेशन , ब्यूटी कल्चर, हेयर डिजाइन , हाउसकीपिंग, क्लिनिकिल न्यूट्रिशन, कॉरपोरेट कम्यूनिकेशन, ऑफिस मैनेजमेंट जैसे कोर्स किए जा सकेंगे.
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चार साल के डिग्री कोर्स में ऑड व इवन सेमेस्टर
इसके अलावा बीकॉम सेल्फ फाइनांस कोर्स भी पिछले साल से ही चार साल का हो चूका है. व्यावसायिक पाठ्यक्रम चार साल के डिग्री कोर्स में ऑड व इवन सेमेस्टर फॉलो किया जाएगा.
ऑड सेमेस्टर जुलाई से दिसंबर व इवेन सेमेस्टर जनवरी से जून तक चलेगा. इसके साथ-साथ सेमेस्टर परीक्षा से पहले सीआईए परीक्षा भी ली जाएगी. सीआईए टोटल 30 अंक का होगा.
जिसमें स्टूडेंट्स को उपस्थिति व बिहेवियर पर पांच अंक मिलेंगे. वहीं, सेमिनार, एसाइनमेंट आदि पर 10 व मिड सेमेस्टर टेस्ट 15 अंकों का होगा.
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