बिहार के ग्रामीणों इलाकों का बदलेगा स्वरूप, शहरीकरण के लिए इन 20 जिलों का चयन

बिहार सरकार ग्रामीण इलाकों में वहां के स्वरुप को बदलने के लिए एक बड़ा निर्णय लिया है, नीतीश कैबिनेट की बैठक के बाद यह तय हुआ है कि बिहार के 20 जिलों के ग्रामीण इलाकों में वो तमाम सुविधाएं आने वाले समय में विकसित की जाएंगी जो शहरी इलाकों में होती हैं।
अगर राज्य सरकार की यह योजना जमीनी स्तर पर पहुंचने में सफल रही तो निश्चित रूप से बिहार के ग्रामीणों क्षेत्रों की तस्वीर बदल जाएगी और बिहार का ना सिर्फ तेजी से शहरीकरण होगा बल्कि ग्रामीण इलाकों में वो तमाम सुविधाएँ मिलने लगेंगी जो अमूमन शहरों में होती है।
इन 20 जिलों का चयन
इस योजना के सम्बन्ध में बताया गया है कि बिहार के 20 जिलों में शहरीकरण योजना को मंजूरी दी गयी है जिसके मुताबिक शहरों के निकट के ग्रामीण इलाकों को भी शहरी सुविधाओं से युक्त किया जाएगा ताकि भविष्य में ग्रामीण इलाक़े भी मूल शहर का हिस्सा बन सकें।
बिहार के जिन 20 जिलों को पहले फेज में चुना गया है उनमें बक्सर, किशनगंज, कटिहार, सासाराम, डेहरी, मोतिहारी, औरंगाबाद, हाजीपुर, जमुई, सीवान, बेतिया, बगहा, लखीसराय, खगड़िया, अररिया, फारबिसगंज, सीतामढ़ी, मधुबनी, शिवहर और भभुआ शामिल हैं।
बनेगा मास्टरप्लान
एक मीडिया चैनल से बातचीत के दौरान बिहार सरकार के पंचायती राज मंत्री सम्राट चौधरी ने बताया कि बिहार में शहरीकरण को बढ़ावा देने और ग्रामीण इलाक़ों की तस्वीर बदलने के लिए बिहार सरकार ने मास्टर प्लान बनाया है। ये आत्मनिर्भर बिहार के लिए बेहद ज़रूरी है। इसी को देखते हुए बिहार कैबिनेट की बैठक में ये फ़ैसला लिया गया है की शहरीकरण को बढ़ावा दिया जाएगा।
IIT के साथ मिलकर होगा काम
उन्होंने बताया कि जिन 20 जिलों को इसके लिए चयन किया गया है वहाँ के लिए एक मास्टरप्लान बनाया जायेगा जिसके हिसाब ये चिन्हित किया जाएगा कि कहां पर अस्पताल बने, कहां सड़क बने और कहां इंडस्ट्री लगानी है। सम्राट चौधरी न बताया कि IIT के सहयोग से मास्टर प्लान बनाया जाएगा और उसके बाद ही इस पर काम शुरू हो जाएगा।