बिहार में अब हवा में उगेंगी सब्जियां, उत्पादन होगा बेहद आसान, जाने इस अद्भुत तकनीक के बारे में

Vegetables will now grow in the air in Bihar

बिहार में पहली बार बिहार कृषि विश्वविद्यालय हाइड्रोपोनिक विधि से सब्जी की खेती करने जा रहा है। इसका शुभारंभ गुरुवार को किया गया। इस विधि में केवल पानी के जरिये जलवायु को नियंत्रित करके हरे चारे और सब्जियों की

खेती आधुनिक तरीके से की जाएगी। इसमें मिट्टी की भी जरूरत नहीं है। पौधों के लिए जरूरी पोषक तत्व पानी के माध्यम से ही दिए जाते हैं।

Vegetable cultivation by hydroponic method
हाइड्रोपोनिक विधि से सब्जी की खेती

खेती कई पहलुओं से फायदेमंद

इस विधि से खेती के कई फायदे हैं। भूमिहीन किसान भी इस विधि से खेती कर सकते हैं। बीएयू के कुलपति डा. अरुण कुमार ने कहा कि भूमिहीन किसान भी इस विधि से खेती कर अपनी आमदनी बढ़ा पाएंगे।

इसके पूर्व उन्होंने विश्वविद्यालय के प्रायोगिक प्रक्षेत्र में लगी फसलों का भी निरीक्षण किया।

Farming beneficial in many aspects
खेती कई पहलुओं से फायदेमंद

विश्वविद्यालय के निदेशक प्रसार शिक्षा डा. आर के सोहाने ने कहा कि हाइड्रोपोनिक्स विधि से खेती किसानों के लिए मील का पत्थर साबित होगा।

90 फीसद तक पानी की बचत

किसान इस विधि से खेती कर 90 फीसद तक पानी की बचत कर पाएंगे। मिट्टïी में सिंचाई करने से पानी ज्यादा व्यय होता था।

विश्वविद्यालय के शिक्षकों एवं शोधार्थियों को भी इस दिशा में रिसर्च का नया आयाम मिलेगा साथ ही राज्य के डेयरी व्यवसाय को भी नए अवसर प्रदान होंगे।

Water saving up to 90%
90 फीसद तक पानी की बचत

उद्घाटन सत्र के दौरान योजना के प्रभारी पदाधिकारी सस्य विज्ञान विभाग के सहायक प्राध्यापक डा. एसके गुप्ता ने हाइड्रोपोनिक्स विधि से हरे चारे की खेती के बारे में विस्तार से तकनीकी जानकारी दी।

किसानों को भी किया जाएगा प्रशिक्षित

उन्होंने कहा कि इस विधि से किसान हरे चारे के रूप में मक्का, गेहूं, जई और जौ की खेती सहजता से कर पाएंगे। इस तकनीक को पड़ोसी राज्यों झारखंड, यूपी और पश्चिम बंगाल के किसानों को भी प्रशिक्षित किया जाएगा।

Farmers will also be trained
किसानों को भी किया जाएगा प्रशिक्षित

इस मौके पर निदेशक अनुसंधान डा. पी के सिंह, डीन पीजी डा. आरपी शर्मा, बीएसी के प्राचार्य डा. एसएन सिंह शस्य विज्ञान विभाग के अध्यक्ष डा. एसके पाठक, पीआरओ डा. शशिकांत सहित विश्वविद्यालय के अन्य वरीय अधिकारी उपस्थित थे।