चलते फिरते बाघ देखना है तो बिहार के इस जंगल में पहुंचे, मन मोह लेगा वीटीआर का प्रकृति सान्‍नि‍ध्‍य

बिहार में पर्यटकों की रुचि वाले स्‍थलों में वाल्म‍ीकिनगर टाइगर रिजर्व यानी वीटीआर अपना खास स्‍थान बना चुका है, प्रकृति के सान्‍न‍िध्‍य का जो आनंद यहां मिलता है, वह किसी को भी मंत्रमुग्‍ध कर सकता है। हिमालय की तराई और गंडक नदी के किनारे बसे वीटीआर (VTR) में बहुत ही जल्द पर्यटकों को प्रवेश मिल सकता है। फिलहाल बाढ़ और बारिश की वजह से जंगल में जगह-जगह रास्ते कट गए हैं। घास बड़ी हो गई है। भ्रमण वाले क्षेत्र में बारिश बंद होने के बाद रास्‍तों को सामान्य बनाने की जरूरत पड़ती है।

ठंड का मौसम यहां घूमने के लिए सबसे बेहतर ठंड का मौसम आते ही व्‍याघ्र परियोजना में अलग-अलग जानवरों के बच्चे दिखने लगते हैं और यही मौसम पर्यटकों के लिए सबसे बेस्ट समय होता है। दिसंबर से अप्रैल के बीच बाघ शावक भी दिखने लगते हैं। उन्हें हिरण, सांभर, गौर आदि के बच्चे भोजन के रूप में आसानी से उपलब्ध हो जाते हैं। मानसून के दौरान घड़ियाल, मगर, सांप, कछुआ और पक्षी अंडे देते हैं। घास बड़ी हो जाती है और शाकाहारी जानवरों को भी भोजन पर्याप्‍त मात्रा में मिलने लगता है।

बढ़ रही बाघों की संख्या

बिहार में वाल्मीकि नगर व्याघ्र परियोजना में तेजी से बाघों की संख्या में वृद्धि हो रही है। 12 वर्षों में आठ बाघ से बढ़कर संख्या 31 हो गयी है। गणना के दौरान यहां 10 शावक भी मिले थे। 2008 में यहां आठ बाघ थे। 2022 की गणना में बाघों की संख्या 50 से अधिक पहुंचने की संभावना है। वाल्म‍िकीनगर का वन क्षेत्र 900 वर्ग किमी में स्थित है। इस जंगल से नेपाल के चितवन और परसा तथा उत्तर प्रदेश के सुहागी वन्य प्राणी आश्रयणी का क्षेत्र भी जुड़ा हुआ है। चारों आश्रयणियां मिलकर चार हजार वर्ग किलोमीटर में हैं। इस पूरे क्षेत्र में करीब 160 बाघ हैं।

पर्यटकों के लिए काफी सुविधाएँ उपलब्ध

VTR में पर्यटकों के ठहरने के लिए बैंबू हट, एसी और नॉन एसी कमरे उपलब्ध हैं। यहां जंगल सफारी के लिए प्रत्येक दिन दो बार सुबह और एक बार शाम में जाने की व्यवस्था है। यहां लोगों को एडवेंचर विभिन्न प्रकार के पशु-पक्षी, पेड़-पौधे, तालाब और हरियाली के बीच बने रास्ते लुभा रहे हैं। वीटीआर में वह सब कुछ है। जो एक नेशनल पार्क में होता है। वहीं हरियाली के बीच बने करीब 30 किमी लंबा रास्ता लोगों को प्रकृति की नजदीकी से रूबरू करा रहा है।