बिहार: विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में होगी नॉन टीचिंग स्टाफ की बंपर भर्ती, दो दशक बाद जगी उम्मीद

लगभग दो दशक बाद बिहार सरकार द्वारा प्रदेश के परंपरागत विश्वविद्यालयों व अंगीभूत महाविद्यालयों में तृतीय श्रेणी के कर्मचारियों की नियुक्ति की उम्मीदें जगती हुई नज़र आ रही है, बीते दिन बिहार सरकार में शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी ने रिक्तियों का ब्योरा महाविद्यालय व विश्वविद्यालय द्वारा सरकार को भेजने को लेकर ऑनलाइन पोर्टल लांच किया।

मंत्री विजय कुमार चौधरी ने डिग्री कालेजों के आनलाइन संबद्धन पोर्टल (www.cabihar.com), संबद्धता प्राप्त कालेजों के अनुदान हेतु पोर्टल (education.bihar.nic.in) और शिक्षकेतर कर्मियों की नियुक्ति हेतु सूचना संग्रहण पोर्टल (www.serorg.net/edu.hrms) का शुभारंभ किया। तीन पोर्टलों की लांचिंग के मौके पर परंपरागत विश्वविद्यालय के कुलपति भी ऑनलाइन जुड़े रहे।

दो दशक से नहीं हुई बहाली

अगर अनुकम्पा बहाली को छोड़ दें तो तृतीय श्रेणी के कर्मियों की नियुक्ति बिहार के विश्वविद्यालयों-महाविद्यालयों में सन 2000 के बाद से अभी तक नहीं हुई है, दूसरी तरफ रिक्तियों की बात करें तो सभी जगह आधे से अधिक पद रिक्त हैं और कामकाज प्रभावित हो रहे हैं।

समारोह को संबोधित करते हुए शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी ने कहा कि काफी वर्षों से राज्य के परंपरागत विश्वविद्यालयों एवं उनके अधीनस्थ अंगीभूत महाविद्यालयों में शिक्षकेतर कर्मियों के पद बड़ी संख्या में रिक्त हैं लेकिन अब कॉलेज व विश्वविद्यालय स्वीकृत, कार्यरत एवं रिक्त पदों की पूर्ण सूचना पोर्टल पर देंगे। हर महीने के अंत तक पोर्टल के माध्यम से शिक्षक व शिक्षकेत्तर कर्मियों की रिक्तियां अपडेट होंगी। रिक्त पदों के आरक्षण रोस्टर क्लियरेंस से आने के साथ ही नियुक्ति की प्रक्रिया आरंभ हो जाएगी।

आयोग से होगी नियुक्ति

तृतीय श्रेणी के कर्मियों की नियुक्ति अब विश्वविद्यालय नहीं बल्कि आयोग के द्वारा की जाएंगी। आयोग का गठन या चयन (एसएससी) पर फैसला किया जाएगा जिसके लिए एक्ट में संशोधन किया गया है।