गाँव की बहु IPS अधिकारी बनी तो मच गया हल्ला, पहले फूल माला से हुआ स्वागत, फिर पुलिस ने दर्ज कर दी FIR, जानिए कारण

uproar on villages daughter-in-law became an IPS officer

अक्सर आपने ख़बरों में पढ़ा होगा की फला जगह के युवक या युवती ने यूपीएससी की परीक्षा पास कर ली और अब वो आईएएस या आईपीएस अफसर बन गया है। कुछ ऐसा ही मामला अभी सामने आया है।

जहाँ एक गाँव की बहु IPS अधिकारी बन कर आई थी। पहले उसका फूल मालाओं के साथ जोरदार स्वागत किया गया लेकिन उसके बाद पुलिस ने FIR दर्ज कर दी। आईये जानते है क्या है पूरा मामला?

गांव की बहू आईपीएस

दरअसल यूपी पुलिस की वर्दी पहने एक महिला पिछले कुछ दिनों से खुद को आईपीएस अफसर बता रह रही थी। वह एक युवक के साथ गाँव आई हुई थी। पुलिस की वर्दी पहने हुए के कारण और उस पर आईपीएस लिखा हुआ होने के चलते कई लोगों ने उसका स्वागत भी किया।

कई लोगों ने तस्वीरें अपने सोशल मीडिया पर भी डाल रखे थे, जिसमें गांव की बहू आईपीएस लिखा हुआ था। यह मामला उत्तर प्रदेश के बदायूं जिले के अलापुर थाना क्षेत्र के गांव दारानगर का बताया जा रहा है।

पुलिस ने क्यों दर्ज कर दी FIR?

लेकिन मामले में असल मोड़ तब आया जब मीडिया ने इस फर्जीवाड़े को प्रमुखता से प्रकाशित किया। अब इस मामले को लेकर अलापुर पुलिस ने उस महिला के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कर ली है।

अलापुर थाने के उपनिरीक्षक रामवीर सिंह की ओर से दर्ज कराई गई FIR के मुताबिक, जानकारी मिली कि दारानगर गांव के रहने वाले नेमपाल की पत्नी काजल यादव के कुछ फोटो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं।

उन फोटो को देखने पर पता चलता है क‍ि काजल यादव ने उप्र पुलिस की वर्दी पहनी हुई है, जिस पर आईपीएस लिखा हुआ है। इसके साथ ही गांव के लोग उसे गांव की आईपीएस बहू समझ कर फूल-मालाओं से स्वागत कर रहे हैं।

इस तरह से वह गांव की भोली-भाली जनता को धोखा दे रही है और लोकसेवक की वर्दी को पहन कर उसका गलत उपयोग कर रही है।

सोशल मीडिया पर वायरल हुई फोटो

मालूम हो की कि इसी काजल यादव की कुछ और फोटो 12 नवंबर 2023 के आसपास सोशल मीडिया पर वायरल हुई थी। जिसकी शिकायत एसएसपी डॉ. ओपी सिंह से की गई थी।

एसएसपी के आदेश पर अलापुर थाना पुलिस ने इस मामले की जांच की थी, लेकिन उस समय पुलिस को बताया गया था कि यह फोटो काजल ने किसी मेले में खिंचवाई थी। वही फोटो हैं।

लेकिन अब जो फोटो सामने आईं है उस फोटो में काजल यादव का गांव में स्वागत होते और अलग अलग लोगों के साथ ली गई सेल्फी भी शामिल थी।

धोखा देने और गुमराह करने के मामले में आईपीसी की धारा

जानकारी के लिए बता दे की अगर पुलिस चाहती तो लोगों को धोखा देने और गुमराह करने के मामले में आईपीसी की धारा 420, 203 आदि के तहत भी प्राथमिकी कर सकती थी, लेकिन इसमें ऐसा नहीं किया गया।

इस संबंध में अलापुर इंस्पेक्टर धनंजय सिंह ने बताया कि वायरल हुई फोटो में दिख रहे अपराध के आधार पर प्राथमिकी दर्ज की गई है। विवेचना के दौरान अगर इसमें और तथ्य व आरोप पाए जाते हैं तो धारा बढ़ाकर कार्रवाई की जाएगी।

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