Hill Stations In Bihar: मानसून में है घूमने का प्लान, तो घूम आए बिहार के ये 10 हिल स्टेशन, दिल को मिलेगा सुकून

अक्सर लोग बारिश में परिवार के साथ घर से बाहर निकलना चाहते हैं, घूमना चाहते हैं। लेकिन बारिश में कहां जाएँ इस बात को लेकर अक्सर दुविधा में भी रहते हैं। जिन लोगों को घूमने-फिरने का शौक है, और वह गर्मियों की छुट्टियों में किसी ट्रिप की योजना बनाते-बनाते रह गये हों, तो ये उनके काम की खबर है।
बिहार में मॉनसून बहुत जल्द दस्तक देने वाला है। यहाँ जून के मध्य तक भीषण गर्मी पड़ती है और उसके बाद जब बारिश शुरू होती है, तो लोगों के दिल को बहुत सुकून देती है। ऐसे में आप मॉनसून के दौरान बिहार के कई खूबसूरत लोकेशन को एक्सप्लोर कर सकते हैं।
क्योंकि बिहार में कई पर्यटन स्थल बारिश में और अधिक खूबसूरत लगने लगते हैं। यहां झमाझम बारिश के बीच घूमने-फिरने में आपको भी बहुत आनंद आयेगा। आईये जानते है बिहार के इन 10 खूबसूरत हिल स्टेशनों (Top 10 Hill Stations In Bihar) के बारे में………..
घोड़ा कटोरा/राजगीर
बिहार के राजगीर में स्थित घोड़ा कटोरा झील एक प्राकृतिक स्थल है। जो छोटी पहाड़ियों से घिरा हुआ मनमोहक और प्राकृतिक सम्पदा से भरा हुआ है। इस झील में नौका विहार का आनंद आपको रोमांचित कर देगा।

इस झील की प्राचीन प्राकृतिक शैली और इसके बीचों बीच स्थित भगवान बुद्ध की प्रतिमा आज के दौर में पर्यटकों को अपने अतिविशिष्ट रूप के कारण काफी आकर्षित करेगा।
दुर्गावती जलाशय
पहाड़ी की गोद में बसे रोहतास जिले के दक्षिणी भाग की प्राकृतिक सुंदरता काफी मनमोहक है। रोहतास के शेरगढ़ पहाड़ी और कैमूर के करमचट के पास राजादेव टोंगर की पहाड़ी के बीच से निकलने वाली दुर्गावती नदी पर बना है – दुर्गावती डैम।
यहां आपको हरे-भरे जंगलों से लदी पर्वत श्रेणियों की तलहटी में प्रकृति की सुंदरता के अनमोल खजाने के दर्शन होंगे। जो बरबस हर किसी को अपनी ओर आकर्षित करते हैं।

इस जलाशय की खास बात यह है कि इसके पूर्वी तट पर शेरगढ़ का प्राचीन भूमिगत किला है। शेरगढ़ किला की ऊपरी हिस्से से दुर्गावती जलाशय का विहंगम दृश्य देखते ही बनता है।
भीमबांध
प्राकृतिक धरोहर के रूप में मुंगेर जिले के भीमबांध और सिमुलतला के जंगलों में जलप्रपात का मनोरम दृश्य देखने को मिल जाता है।
वहीँ कुछ हटकर सिकंदरा से दक्षिण ईंटासगर जंगल स्थित देवोदह झरना (जलप्रपात) बिहार के कश्मीर के रूप में प्रसिद्ध ककोलत जलप्रपात की तरह प्रकृति का सुंदर नमूना बना है।

जंगलों व पहाड़ों से बहकर आने वाली ध्वनि और घने वृक्षों की लंबी शृंखला से सजी वादियां हर किसी को आकर्षित करती हैं। यहां पहुंचकर मन में खूबसूरत प्राकृतिक सौंदर्य की एक नयी छटा पैदा होती है।
कैमूर घाटी
कैमूर घाटी लगभग 480 किलोमीटर लंबी विंध्य पहाड़ियों का पूर्वी भाग है। विंध्य पहाड़ियों ने सबसे प्राचीन काल से मानव गतिविधियों को आश्रय दिया है। यह पहाड़ियां सबसे पुरानी चट्टान संरचनाओं में से एक है।
यहां पर बहने वाली नदियां दुर्गम और ऊंचे घाटियों से हो कर गुजरती हुई कई जलप्रपात का निर्माण करती हैं। मॉनसून के समय इन जलप्रपातों की अलौकिक खूबसूरती और दुर्गम घाटियों के विहंगम दृश्य यहां के वातावरण को सुकून और रोमांच से भर देते है।

प्रकृति प्रेमियों के लिए यह जगह स्वर्ग से कम नहीं है। यह स्थान पर्यटकों को उन्हें प्रकृति के करीब होने का एहसास कराता है।
करकटगढ़ जलप्रपात
यह जलप्रपात करकट गढ़ घाटी में मौजूद है। कैमूर के करकट गढ़ में एक ओर जहां कल-कल झरने की गूंज सुनाई देती है, वहीं दूसरी तरफ जल पक्षियों का कलरव संगीत भी सुनाई देता है।
करकट गढ़ में नदी का पानी लगभग 600 फीट नीचे गिरता है। वन एवं पर्यावरण विभाग की ओर से करकटगढ़ जलप्रपात के बगल में इको पार्क, सेल्फी प्वाइंट तथा हैंगिंग झूला का भी निर्माण कर दिया गया है।

इसके अलावा लकड़ियों की मदद से कई आकृति बनायी गयी है. करकटगढ़ जलप्रपात भभुआ से 50 किलोमीटर दूरी पर स्थित है। यह मगरमच्छ के प्राकृतिक स्थल के रूप में अलग महत्व रखता है।
मांझर कुंड और धुआं कुंड
रोहतास के कैमूर पहाड़ी पर स्थित मांझर कुंड और धुआं कुंड अपनी प्राकृतिक सुंदरता के लिए जाना जाता है। मांझर कुंड व धुआं कुंड जलप्रपात दशकों से प्रकृति प्रेमियों को अपनी ओर आकर्षित करता रहा है।

यहां आप अपने परिवार के संग जा सकते हैं। मांझर कुंड आकर लोग प्रकृति के संगीत को करीब से सुन पाते हैं। पहाड़ से गिरते पानी को निहारना आपको रोमांचक एहसास देगा।
डॉल्फिन सेंचुरी
भागलपुर में विक्रमशिला गंगा डॉल्फिन सेंचुरी गंगा नदी से 60 किलोमीटर की दूरी पर है। सुल्तानगंज से कहलगांव तक इस सेंचुरी का इलाका है। डॉल्फिन की वजह से सेंचुरी काफी मशहूर है, यहां पर आपको सून नाम की डॉल्फिन काफी देखने को मिलेंगी।

पर्यटकों का आकर्षण इस सेंचुरी में इसलिए भी है क्योंकि यहां मीठे पानी के कछुओं के साथ कई तरह के जलीय जीव का दीदार एक साथ किया जा सकता है। यहां लगभग 153 प्रजातियों के जलीय जीव देखने को मिल जाते हैं।
गुरपा हिल स्टेशन
गुरपा हिल स्टेशन बिहार के गया जिले में स्थित है। स्थानीय भाषा में गुरपा हिल स्टेशन को कुक्कुटपदगिरी भी कहा जाता है।

कई दिलकश नजारों से भरपूर इस हिल स्टेशन पर आपको कई खूबसूरत मंदिरों और बौद्ध मठों के दर्शन भी हो सकते हैं। वहीं गुरपा हिल स्टेशन घूमने के लिए जुलाई और अगस्त का महीना परफेक्ट होता है।
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प्राग्बोधि हिल स्टेशन
गया जिले में स्थित प्राग्बोधि हिल स्टेशन को स्थानीय भाषा में धुंगेश्वर कहा जाता है। ऐसी मान्यता है कि ज्ञान प्राप्ति के कुछ समय पहले महात्मा बुद्ध ने प्राग्बोधि हिल स्टेशन पर स्थित एक गुफा में साधना की थी।

जिसके चलते यहां आपको कई स्तूप भी देखने को मिल सकते हैं। वहीं अक्टूबर से फरवरी के बीच में आप कभी भी प्राग्बोधि हिल स्टेशन की सैर कर सकते हैं।
मां तुतला भवानी
रोहतास जिले के तिलौथू क्षेत्र के तहत चंद्रपुरा पंचायत में प्राकृतिक सौंदर्य के बीच स्थित है – मां तुतला भवानी इको पर्यटन स्थल। हजारों फुट ऊंची पर्वत शृंखला व हरी वनस्पति छटा के बीच झर-झर गिरते ऊंचे झरने के मध्य में माता का मंदिर हैं।

प्राकृतिक के गोद में बसे यहां जलकुंड भी लोगों को आकर्षण का केंद्र रहे हैं। जिससे अनायास ही लोग यहां खिंचे चले आते हैं। वन विभाग द्वारा यहां झुला पथ भी बनाया गया है।