पूरा होगा CM नीतीश का सपना, बिहार का यह वॉटरफॉल इको टूरिज्म के तौर पर होगा विकसित; 15 करोड़ खर्च करेगी सरकार

This waterfall of Bihar will be developed as eco tourism

बिहार एक ऐतिहासिक और सुंदर जगह माना जाता है और इसी खूबसूरती के चार चांद लगाते हैं यहां के सुंदर-सुंदर झरने और ऐतिहासिक स्थल| इस लेख में हम ऐसे ही ऐतिहासिक पर्यटक स्थल जो कि नवादा जिले में स्थित है उसके बारे में बात करने जा रहे हैं|

बात कर रहे हैं ककोलत वाटरफॉल की मिली जानकारी के अनुसार आपको बहुत जल्द यहां का नया रूप देखने को मिलेगा सरकार के निर्देश अनुसार इसके परिसर को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया जाना है| यहां स्थित आसपास के प्रकृति व वन को बिना क्षति पहुंचाए ईकोटूरिज्म के रूप में निर्माण किया जाएगा।

बदल जाएगी ककोलत वाटरफॉल की तस्वीर

मिली जानकारी के अनुसार इस जगह को विकास करने के लिए 14 करो 95 लाख का बजट में प्रावधान किया गया है। आपको बता दें कि ककोलत वॉटरफॉल काबे का दो चरणों में किया जाना है पहले चरण में पुल 6 करोड़ 59 लाख रुपए की योजना पर मोहर लगी है। इस योजना में रॉक स्टेबलाइजेशन, मुख्य द्वार पर्यटक के लिए शौचालय तथा कुंड का सौंदर्य करण किया जाना है।

आपको एक बात जानकर खुशी होगी कि पहले चरण का काम अब आखरी दौर में है जल्द ही ककोलत वॉटरफॉल का नया रूप आप सबके सामने होगा उम्मीद किया जा रहा है कि आने वाले 20 से 25 दिनों में प्रथम चरण का कार्य समाप्त हो जाएगा और सैलानी वाटरफॉल का लुफ्त उठा सकेंगे।This waterfall of Bihar will be developed as eco tourism

सैलानियों का रखा गया है खास ख्याल

ककोलत वाटरफॉल के आसपास पहाड़ियों में लोहे की जाली लगाने का कार्य तेजी से चल रहा है, इस कार्य को पूरा हो जाने के बाद पहाड़ से पत्थर टूटने की घटना कम हो जाएगी। इससे पहले पत्थर टूट के नीचे गिरने पर सीढ़ियों के साथ-साथ सैलानियों को भी चोट लगने की खबर सामने आते रहते थे।

ककोलत वॉटरफॉल का सबसे मुख्य द्वार का निर्माण कार्य लगभग पूरा हो चुका है आपको बता दें कि गेट का निर्माण पत्थर को काटकर किया गया है और दूसरी तरफ कुंड को आकर्षित बनाने के लिए यहां पर तेरी से निर्माण कार्य किया जा रहा है। कुंड में ग्रेनाइट लगाने का काम अपने आखिरी चरण पर है।

जमीनी सतह पर एक छोटा कुंड का निर्माण किया जा रहा है जो भी बच्चे और बूढ़े ऊपर वाटरफॉल का आनंद नहीं ले पाते थे वह आसानी से नीचे छोटे कुंड में स्नान कर मजे ले सकेंगे। परिसर में शौचालय का निर्माण पूरा हो चुका है, और सैलानियों के लिए सबसे बड़ी राहत परिसर में एक क्लीनिक का निर्माण किया जा रहा है जिससे यात्रियों को है किसी भी परेशानी में सहायता मिलेगी।

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This waterfall of Bihar will be developed as eco tourism

मुख्यमंत्री का है ड्रीम प्रोजेक्ट

ककोलत वॉटरफॉल का इको सुरेश का विकास बिहार के मौजूदा मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का ड्रीम प्रोजेक्ट आपको बता देगी बीते 30 दिसंबर 2018 को पहली बार नीतीश कुमार का आगमन परिसर में हुआ था जहां पर पहुंचकर सीएम ने विकास का दावा किया था।

निर्देश देते हुए विकास के सभी संभावना को तलाशने के लिए सभी अधिकारियों को निर्देश दिया था। इस योजना के शुरुआत नहीं रुपए के निर्माण पर लग गई थी मोहर लेकिन कुछ कारणवश वहीं रुक गया था कार्य, उसके बाद मुख्यमंत्री जब अगले बार साल 2022 में नवादा पहुंचे तो ककोलत योजना को शीघ्र शुरू करने का निर्देश दिया था।

फिर उसके बाद निर्माण कार्य में कुछ तकनीकी कारण आई जिसके बाद तारा जिन्ना वन विभाग को चला गया और योजना में देरी होती गई उसके बाद 22 जनवरी 2023 को सीएम ने ककोलत योजना की समीक्षा बैठक बुलाई और फिर निर्देश जारी करते हुए फरवरी 2023 से निर्माण कार्य में तेजी आई है।

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