‘सब्जी वाला गाँव’ के नाम से जाना जाता है बिहार का ये गाँव, लाखों में हो रही किसानों की कमाई, पढ़िए स्टोरी

This village of Bihar is known as Sabji Wala Ganv

बिहार के गया जिले की किसान परंपरागत खेती जैसे धान और गेहूं से जुड़े हुए हैं। सालों से यहाँ के किसान इसकी खेती करते आ रहे हैं, लेकिन जिले के मानपुर प्रखंड क्षेत्र के ननौक गांव में पिछले 15 साल से सभी किसान बड़े पैमाने पर सब्जियों की खेती कर रहे हैं।

दरअसल इस गाँव में बारिश नहीं होने की वजह से यहां की खेती का ट्रेंड बदल गया है। अब यहाँ के किसान बड़े पैमाने पर सब्जी की खेती से बेहतर मुनाफा कमा रहे हैं। आईये जानते है इस गाँव की कहानी।

बिहार का सब्जी वाला गाँव की कहानी

फिलहाल बिहार के इस गांव की पहचान सब्जियों की खेती के लिए होती है। इस गाँव को लोग सब्जी वाला गाँव के नाम से भी जानते है। यहां का रकबा लगभग 1100 बीघा है। जिसमें 600 बीघे में सब्जी की खेती होती है। बाकी में धान मक्का और गेहूं की खेती किया जाता है।

आपको बता दे की सालभर इस गांव में सब्जियों का उत्पादन किया जाता है। बात करे सब्जियों की तो सबसे अधिक आलू और करैले की खेती होती है। इसके अलावा नेनुआ, बींस, कद्दू, झींगी, बैगन, मुली, लालमी, कैता आदि की खेती भी बड़े स्तर पर की जाती है।

लोकल मार्केट में सब्जियों की डिमांड

किसानों द्वारा उगाए गए इन सब्जियों की डिमांड गया के लोकल मार्केट में होती है। इनके गांव से ही सब्जी की खरीदारी कर बड़े-बड़े व्यापारी शहर में ले जाकर बेचते हैं। दर्जनों छोटी गाड़ियां इस गाँव से हर रोज सब्जी लोड कर ले जाती है।

फिलहाल कद्दू, करेला, कैता और नेनुआ का सीजन चल रहा है। यहां से प्रतिदिन क्विंटल के क्विंटल सब्जी बाजार भेजी जा रही है।

सालाना 4 से 5 लाख रुपए की कमाई

लगभग 15 वर्ष पहले इस गांव में सब्जी की खेती की शुरुआत हुई है। इससे पहले यहां के किसान धान गेहूं और मक्का की खेती करते थे। लेकिन आवश्यकतानुसार बारिश नहीं होने के कारण किसानों ने अपनी खेती का ट्रेंड बदल लिया।

परंपरागत खेती के स्थान पर सब्जी की खेती करना शुरू कर दिए। यहां के हर किसान सब्जी की खेती कर अच्छा मुनाफा कमाते हैं और इससे अपना घर परिवार चलाते हैं। गांव के कई ऐसे भी किसान हैं, जो सब्जी बेचकर सालाना 4 से 5 लाख रुपए की कमाई कर लेते हैं।

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गांव में लगभग 1000 से अधिक किसान

गाँव के ही किसान संजय कुमार, धनंजय कुमार और सुनील प्रसाद बताते हैं कि गांव में लगभग 1000 से अधिक किसान है। जिनमें से अधिकांश किसान सब्जियों की ही खेती करते हैं। इन किसानों ने बताया कि धान और गेहूं की तुलना में सब्जियों की खेती में अच्छा फायदा होता है।

धान और गेहूं की तुलना में इसमें ज्यादा मेहनत भी नहीं करना पड़ता। सालभर गांव में बड़े पैमाने पर सब्जियों की खेती की जाती है जिसमें सबसे अधिक आलू का उत्पादन किया जाता है।

फिलहाल 600 बीघा में से 300 बीघा में करेला, लगभग 100 बीघा में नेनुआ झींगी, 150 बीघा में कद्दू शेष में कैता और हल्दी तथा ओल की खेती की जा रही है।

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