बिहार में है ताजमहल से भी सुंदर यह इमारत! मुगल काल में हुआ था निर्माण, देश विदेश से पहुंचते है पर्यटक

विविधताओं से भरे भारत में अनेकों ऐसे ईमारत है जो अपनी खूबसूरती से देश विदेश के पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करता है, दुनिया के सात अजूबों में एक ताजमहल भी भारत में ही है जिसके दीदार के लिए हर साल लाखों विदेशी पर्यटक पहुंचते है।

ऐसी ही एक ईमारत बिहार में भी है जिसकी सुंदरता ऐसी है कि कनिंधम ने इसे ताजमहल से भी सुंदर माना है। जी हाँ हम बात कर रहे है शेर शाह सूरी के मकबरे के बारे में जो बिहार के सासाराम में स्थित है।

इस मकबरे की यही खूबसूरती लोगों को काफी आकर्षित करती है, इसलिए लोग दूर-दूर से इस मकबरे को देखने आते हैं। झील के बीच स्थित यह मकबरा देखने में न सिर्फ बड़ा है बल्कि तीनों मंज़िलों पर बने बुर्ज इसकी भव्यता में चार चाँद लगाकर पठान वास्तुकला का श्रेष्ठ नमूना पेश करते हैं।

शेर शाह सूरी एक पठान योद्धा था यानि वह पठान खानदान से ताल्लुक रखता था और जिसने मुगल साम्राज्य को हराया और उत्तरी भारत में सूरी साम्राज्य की स्थापना की। शेर शाह सूरी ने लगभग पांच साल 1540 से लेकर 1545 तक शासन किया था और साल 1545 में उनकी मृत्यु हो गई थी। अपनी हुकूमत के दौरान उन्होंने बिहार में शेरशाह सूरी नाम से एक मकबरा बनवाया था।

मकबरा शेर शाह के जीवनकाल के साथ-साथ उनके बेटे इस्लाम शाह के शासनकाल के दौरान बनाया गया था। शेर शाह की मृत्यु के तीन महीने बाद 16 अगस्त, 1545 इसका निर्माण पूरा हुआ। यह मकबरा भारत-इस्लामी वास्तुकला का एक उदाहरण है, जिसे भारत के दूसरे ताजमहल के रूप में जाना जाता है।

इस मकबरे को बनाने वाले वास्तुकार का नाम अलीवाल खान है, अलीवाल खान ने लाल बलुआ पत्थर से इस मकबरे का निर्माण किया था। यह मकबरा भारतीय-इस्लामिक शैली में निर्मित किया गया है, जो झील के बीचो-बीच स्थित है।

आप इस मकबरे को देखने के लिए किसी भी मौसम में यहाँ की यात्रा कर सकते है, हालाँकि अगर आप मानसून के वक्त यहाँ जायेंगे तो तालाब में पानी और चारों तरफ हरियाली देखने को मिलेगी। इसके साथ ही बिहार के इस जिले में आपको कई अन्य बेहतरीन पर्यटक स्थल देखने को मिल जायेंगे।

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