जंगल में मिलने वाले इस पत्ते से बनी विशेष डिश दामाद को परोसने का है महत्व, बहुत गुणकारी माना जाता है यह पत्ता

जैसे की हम सबको पता है हमारे भारत में दामादों की स्पेशल खातिरदारी की जाती है। ससुराल में उनका बहुत आदर और सम्मान किया जाता है, उनके लिए तरह-तरह के पकवान बनाए जाते है। ऐसे ही आज हम बात करेंगे ऐसे जंगल के पत्ते के बारे में जो दामादों के लिए बनाया जाता है।
तिलकोर का मिथिलांचल में विशेष महत्व माना जाता है। यह खासकर दामाद को बनाकर खिलाई जाती है। यहां दामाद की खातिरदारी में खास ध्यान दिया जाता है।
इनकी खातिरदारी में कोई कमी नहीं छोड़ी जाती। खातिरदारी खास तब होती है जब खाने में लजीज़ व्यंजन हो। स्वादिष्ट भोजन हर किसी को खुश कर देता है।
जंगल से चुनकर लाए जाते है पत्ते
मिथिलांचल में खास भोजन में से एक है तिलकोर। मालती देवी से बातचीत में उन्होंने बताया कि इसकी किसी प्रकार से खेती नहीं होती है। यह पत्ते जंगल से चुनकर लाए जाते हैं। इसके पौधे प्राकृतिक है।
दामाद को विशिष्ट अतिथि का दर्जा प्राप्त है। ऐसे में उनकी खातिरदारी भी लाजिमी है। दामाद के लिए तैयार किए गए भोजन में तिलकोर का बहुत महत्व है।
दामाद के विशेष सत्कार में शामिल है तिलकोर का तरूआ
मालती देवी कहती है कि मिथिलांचल में दामाद को चाहे कितने ही स्वादिष्ट व्यंजन परोसे गए हो और उसमे तिलकोर का तरूआ नहीं है, तो आपका अतिथि सत्कार पूरा नही हुआ है।
यह तिलकोर का तरूआ परोसना बहुत खास होता है। यह स्वादिष्ट तिलकोर का तरूआ देखने में बहुत खूबसूरत होता है। साथ ही स्वाद की बात की जाए तो यह खाने में भी उतना ही टेस्टी होता है।
यहां के लोग इसे बहुत शौक से बनाते है और उतने ही चाव से इसे खाना पसंद करते है। करंची होने की वजह से यह तरुआ अपने आप में बेहद ही खास हो जाता है।
ऐसे बनाया जाता है तिलकोर का तरूआ
यह साधारण सा दिखने वाला गुणकारी पत्ता जंगल और झाड़ियां में मिलता है। मालती देवी बताती है कि इसे बनाना बेहद ही आसान है। इस तिलकोर के पत्ते की सब्जी और तरूआ दोनो बनती है।
विशेषकर दामाद के खातिरदारी के लिए इसका तरुआ बनाया जाता है। यह बहुत ही कुरकुरा होता है। इसे बनाने के लिए सबसे पहले चावल को पीसकर उसका पिठार बनाया जाता है। उसके बाद हल्दी के साथ मसाले मिलाकर पेस्ट तैयार किया जाता है।
फिर उस पेस्ट में तिलकोर के पत्ते को सनाकर तेल में तल लिया जाता है। जिससे यह बहुत ही स्वादिष्ट और कुरकुरा हो जाता है। स्वाद के साथ-साथ इस पत्ते में विशेष गुण भी पाए जाते है।
यह पत्ता कई बीमारियों में लाभदायक होता है। इसे खाने से कई बीमारियों में आराम मिलता है।
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