बड़ी ख़बर: सतलज नदी में दुर्लभ धातु का बड़ा खजाना, भारत को फिर से “सोना का चिड़िया” बना सकती है यह धातु

Tantalum Found in Sutlej River: भारत देश में कई ऐसी धातु मौजूद है जिसकी जानकारी अभी तक पूरे देश को नहीं है| ताजा रिपोर्ट के मुताबिक सतलज नदी में टेंटेलम नामक दुर्लभ धातु होने की बात सामने आ रही है|
IIT रोपड़ के हाथ लगी बड़ी सफलता
भारत का मशहूर इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी रोपड़ संस्था को पिछले कुछ महीना पहले एक बड़ी सफलता हाथ लगी है| रिपोर्ट के अनुसार ऐसी जानकारी है कि संस्था से जुड़े शोधकर्ताओं को पंजाब राज्य के सतलज नदी की रेट में बेहद दुर्लभ धातु की जानकारी प्राप्त हुई है|
विशेषज्ञ और शुभचिंतकों की माने तो भारत को यह धातु हाथ लगने के बाद इलेक्ट्रॉनिक क्षेत्र में भूचाल आ सकता है| जिस तरीके से भारत में इलेक्ट्रॉनिक के क्षेत्र में विकास देखने को मिल रहा है इसके आने के बाद रफ्तार दुगनी हो जाएगी|
जानकारी के लिए आपको बता दे कि इस धातु की खोज पहली बार साल 221 में स्वीडन में की गई थी| इस खबर को सुनने के बाद पूरे भारतवर्ष में खुशी की लहर दौड़ पड़ी है| सरकार के द्वारा जांच टीम को रवाना कर दिया गया है|
टेंटेलम धातु की ख़ास बात
विशेषज्ञों की माने तो टेंटेलम धातु विश्व में पाए जाने वाला सबसे दुर्लभ धातु में से एक है। रिपोर्ट की माने तो आज के दौर में इस्तेमाल होने वाला सबसे जंग रोधी धातुओं में से एक टेंटेलम, जानकारी के लिए आपको बता दे कि इस धातु का रंग ग्रे होता है।
आपको बता दे की टेंटेलम धातु की शुद्धता की बात की जाए तो यह काफी लचीला होता है। रिपोर्ट की माने तो इस धातु को आसानी से जितना चाहे उतना खींचा जा सकता है। इसको पतला कर तर या धागे के आकार में भी बनाया जा सकता है।
वैज्ञानिक की माने तो टेंटेलम धातु का मेल्टिंग पॉइंट काफी ज्यादा होता है। मेल्टिंग पॉइंट के मामले में इस धातु के आगे सिर्फ रिनियम और टंगस्टन होते है।