Bihar Development: बिहार के हर ब्लॉक में बनेगा स्विमिंग पुल, तैराकी की मिलेगी ट्रेनिंग

बिहार में जल्द ही सभी ब्लॉकों यानि प्रखंडों में स्विमिंग पुल का निर्माण किया जाएगा। जिसके बाद हर आयु वर्ग के लोगों को तैरने की ट्रेनिंग भी मुहैया करवाई जाएगी। इसके साथ ही लोगों को कई अन्य सुविधाएं भी उपलब्ध करवाए जाएंगे।
स्विमिंग की ट्रेनिंग पाने वाले कुछ लोग तैराक बनकर भी उभरेंगे। ऐसे लोगों को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आयोजित होने वाली स्विमिंग कॉम्पीटीशन में जाने का भी मौका मिल पाएगा।
बिहार के हर प्रखंड में स्विमिंग पुल का होगा निर्माण
गौरतलब है की बिहार के हर प्रखंड में स्विमिंग पुल बनाने के लिए आपदा प्रबंधन ने भवन निर्माण विभाग को प्रस्ताव बनाने के लिए लेटर लिखा था। जिसके बाद अब भवन निर्माण विभाग ने नक्शा और प्राक्कलन तैयार कर आपदा प्रबंधन को भेज दिया है।
यहाँ से स्वीकृति मिलने के साथ ही निर्माण की दिशा में कार्य शुरू हो जाएगा। बिहार के इन स्विमिंग पुलों की लंबाई 25 मीटर और चौड़ाई 12.5 मीटर होगी। वहीँ स्विमिंग पुल बनाने के लिए 40-40 मीटर लंबी-चौड़ी जमीन की जरूरत पड़ेगी।
इस वजह से बनाई गई स्वीमिंग पूल बनाने की योजना
मिल रही जानकारी के अनुसार, बिहार आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा बाढ़ के दौरान आने वाले आपदा से निपटने और पानी में डूब कर होने वाली मौतों को रोकने के उद्देश्य से स्वीमिंग पूल बनाने की योजना बनाई गई है।
जिसके तहत पहले चरण में गंगा के किनारे बसे प्रखंडों में जमीन उपलब्धता के आधार पर स्विमिंग पूल का निर्माण किया जाएगा। इसके बाद बाढ़ से प्रभावित होने वाले प्रखंडों में इसका निर्माण होगा और लोगों को तैराकी की ट्रेनिंग मिलेगी।
लोगों को मिलेंगी कई सुविधाएं
बिहार के सभी प्रखंड में बनाए जाने वाले स्विमिंग पुल से लोगों को ये सुविधएं मिलने वाली है:
- यह स्विमिंग पुल चार लेन का होगा, जिसके चारों ओर स्टील की रेलिंग रहेगी।
- इसके चारों तरफ व ऊपरी भाग में टाइल्स लगाए जाएंगे।
- महिला और पुरुषों के लिए अलग-अलग चेंजिंग रूम और शौचालय की व्यवस्था रहेगी।
- पानी की कमी नहीं हो, इसके लिए दो सबमर्सिबल बोरिंग भी लगाई जाएंगी।
- बाढ़ के दौरान आपदा से निपटने के उद्देश्य से लोगों को दिया जाएगा तैराकी का प्रशिक्षण।
बिहार में तैयार होंगे राष्ट्रिय स्तर के तैराक
बिहार में नदियों का जाल बिछा हुआ है। लेकिन इसके बावजूद राष्ट्रीय स्तर पर राज्य के युवा तैराकी के क्षेत्र में नहीं उभर पा रहे हैं। सुविधाएं बढ़ने से यहां भी ऐसे तैराक तैयार हो सकेंगे।
स्विमिंग पूल में फ्री, बैक, ब्रेस्ट और बटरफ्लाई स्टाइल स्ट्रोक के आधार पर तैराकी की जाती है। राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर होने वाली तैराकी प्रतियोगिता में इन्हीं चारों स्ट्रोक के आधार पर विजेताओं का चयन होता है। लेकिन नदी में जो लोग तैराकी करते हैं, उन लोगों को स्ट्रोक के तरीकों की जानकारी नहीं होती है। – बिहार तैराकी संघ उपाध्यक्ष प्रभाकर नंदन प्रसाद
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