UPSC Result में बिहार का तुषार ही असली हरियाणा का फर्जी, जानिए असली नकली कैंडिडेट्स की कहानी

Story Of Real and fake UPSC Candidates on 44th rank

यूपीएससी के रिजल्ट में 44वीं रैंक के लिए फर्जीवाड़े की कोशिश हुई। बिहार और हरियाणा के तुषार के बीच इस रैंक पर असली और नकली की कहानी सामने आई है। बिहार के तुषार ने यूपीएससी की सिविल सेवा परीक्षा में अच्छा प्रदर्शन किया, लेकिन हरियाणा के तुषार ने अपनी कहानी में सफलता की नई कहानी सुना दी।

बिहार से लेकर हरियाणा तक इन दोनों की कहानी चर्चा में है। हरियाणा के तुषार का आत्मविश्वास टूट गया, लेकिन बिहार के तुषार और उनके परिवार को पूरा विश्वास था कि यूपीएससी सच्चाई का पर्दाफाश करेगा। अब संघ लोक सेवा आयोग ने हरियाणा के तुषार को फर्जी ठहराया है। इस खास कहानी में 44वीं रैंक पर दो उम्मीदवारों की पूरी कहानी पढ़ें।

रिजल्ट में बिहार का बोलबाला

23 मई को UPSC ने अपने अंतिम रिजल्ट की घोषणा की। जैसा की हमेशा से रहा है, इस बार भी बिहार के उम्मीदवारों ने धूम मचाई है। पहले और दूसरे स्थान पर रहने वाले टॉपर्स के साथ, बिहार से 50 से अधिक उम्मीदवारों ने सफलता प्राप्त की है।

इसमें, भागलपुर के उधाड़ही गांव से होनेवाले अश्विनी कुमार सिंह और बबिता सिंह के पुत्र तुषार ने भी सफलता प्राप्त की है। वर्तमान में, तुषार भागलपुर के मोहनिया में अवर निर्वाचन पदाधिकारी के पद की जिम्मेदारी संभाल रहे हैं।

इस नौकरी के लिए, उन्होंने BPSC की परीक्षा में सफलता हासिल की है। उन्होंने UPSC की परीक्षा में 6वीं बार में महत्वपूर्ण सफलता प्राप्त की है।

हरियाणा के तुषार ने किया फर्जीवाड़ा

UPSC परीक्षा के परिणाम के बाद ही बिहार के तुषार चर्चा में आए, क्योंकि उनकी रैंक 44 थी। हरियाणा के रेवाड़ी निवासी तुषार ने अपने द्वारा बनाए गए फर्जी दस्तावेजों का उपयोग करके अपने को 44वीं रैंक का उम्मीदवार बताकर एक नई कहानी सुना दी।

मीडिया में रेवाड़ी के तुषार ने हीरो की पदवी प्राप्त कर ली। उनकी संघर्षों की काबिलियत के साथ चर्चा शुरू हो गई। मीडिया ने तुषार के संघर्षों की कहानी को प्रकट किया है, जो उसके मुताबिक एक गरीब परिवार से है। तुषार ने सरकारी स्कूल में पढ़ाई की है और वर्तमान में बीकॉम पढ़ रहे हैं।

44th rank in UPSC Bihars Tushar turns out to be true Haryanas Tushar is fake
UPSC में 44वीं रैंक: बिहार का तुषार निकला सही, हरियाणा वाला तुषार फर्जी
Credits: Dainik Bhaskar

उनकी मां कमलेश की ख्वाहिश थी कि उनका बेटा एक सफल अधिकारी बनेगा। इस ख्वाहिश को दिल में रखकर तुषार ने कठिनाइयों का सामना करके UPSC परीक्षा में क्वालीफाई करके 44वीं रैंक हासिल की। सफलता के बाद, उन्होंने मीडिया में इंटरव्यू दिया और असफल उम्मीदवारों को सफलता के टिप्स भी दिए।

सफलता और संघर्ष की कहानी ने किया सच का पर्दाफाश

हरियाणा के रेवाड़ी निवासी तुषार ने 44वीं रैंक का दावा किया। यह रैंक वास्तविकता से दूर है, इसलिए उनकी सफलता की कहानी मीडिया में बहुत दूर तक पहुंची। यह कहानी बिहार तक पहुंच गई। जब बिहार के तुषार के सामने मीडिया की कहानी आई तो वह भी हकीकत से चौंक गए।

दोनों में अंतर यह था कि रेवाड़ी निवासी तुषार के पिता नहीं हैं। वह बिहार के हैं और उनके पिता सरकारी सिविल इंजीनियर हैं। तुषार ने इस बारे में मीडिया संस्थानों को आपत्ति भी जताई।

Tushar from Bihar who secured 44th rank in UPSC exam with his parents
UPSC परीक्षा में 44वीं रैंक हासिल करने वाले बिहार के तुषार अपने माता पिता के साथ
क्रेडिट्स: दैनिक भास्कर

हालांकि, बिहार के निवासी तुषार को UPSC पर विश्वास था। उनकी मां बबिता सिंह और पिता अश्विनी सिंह को पूरा विश्वास था कि उनके बेटे ने परीक्षा में क्वालीफाई किया है। वे खुशियों में डूबे रहे, उन्होंने UPSC के ऊपर सबकुछ छोड़ दिया।

अब UPSC ने खुलासा किया है कि हरियाणा के तुषार की कहानी परी तरह से झूठी है। उन्होंने बिहार के तुषार के नाम और रैंक का इस्तेमाल किया है।

UPSC ने की कारवाई

यूपीएससी के अंतिम परिणामों के बाद, दो अभ्यर्थी एक-दूसरे के सामने 180वीं रैंक और 44वीं रैंक पर आ गए थे। यूपीएससी ने इन दोनों रैंकों पर किए गए दावों को खोल दिया है।

आयोग ने उन लोगों के खिलाफ कार्रवाई करने की भी बात कही है जो जालसाजी करके यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा 2022 के नियमों का उल्लंघन करने के आरोप में फंस गए हैं। यूपीएससी के मुताबिक, आयशा मकरानी ने सिविल सेवा परीक्षा में सफल होने का दावा किया था, लेकिन उनके पास जाली दस्तावेज का पता चला है।

आयशा परीक्षा की प्रारंभिक चरण में शामिल थी, लेकिन उन्होंने क्वालिफाई नहीं की। वहीं, दूसरे व्यक्ति ने एमपी रैंक 180 प्राप्त की थी। इसी तरह, बिहार और रेवाड़ी के तुषार के साथ भी ऐसा हुआ। बिहार के तुषार ने अपने परिणाम में रेवाड़ी के तुषार का उपयोग किया था।

यूपीएससी ने बिहार के तुषार को सही ठहराया है। तुषार ने मीडिया से कहा है कि “यह सब पता लगाना UPSC का काम है, जब मामला पहुंचा तो सब कुछ क्लीयर हो गया।”

बिहार वाले तुषार ने असफल कैंडिडेट्स को दिए टिप्स

UPSC की फाइनल परीक्षा में 44 वीं रैंक लाने वाले बिहार के तुषार का कहना है कि उन्होंने 6वें प्रयास में सफलता हासिल किया। तुषार ने कहा कि खुद पर भरोसा रखना बेहद जरुरी है। सबसे जरुरी बात है कि हमे अपनी गलतियां पहचानना बहुत जरुरी होता है।

आप काम करने के साथ अच्छा एग्जाम दीजिए, अगर आपकी मेहनत सही है तो आपको सफलता हर हाल में मिलेगी। संघर्षों से नहीं भागना चाहिए, कठिन परिश्रम और ईमानदारी से की गई तैयारी ही सफलता के चौखट तक ले जाती है।

तुषार की बड़ी बहन निधि बांका में असिस्टेंट इंजीनियर हैं जबकि छोटे भाई ऋषभ भुवनेश्वर से पीजी की पढ़ाई कर रहे हैं। तुषार ने UPSC की परीक्षा में गलत रिजल्ट बताने वालों के लिए कुछ नहीं कहा है, उनका साफ तौर पर कहना है कि ऐसा करने वालों पर UPSC ही संज्ञान लेकर कार्रवाई करता है।

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