इस वंदे भारत चेयर कार ट्रेन, में लगेगी स्लीपर कोच, जाने सभी डिटेल्स

Sleeper coach will be fitted in this Vande Bharat chair car

Vande Bharat: पूरे देश में अब तक 34 रूटों पर वंदे भारत ट्रेन का चेयर कार वर्जन चल रहा है। और रेलवे बहुत जल्द स्लीपर वंदे भारत ट्रेन ला रहा है। लेकिन क्या आप जानते हैं इंडियन रेलवे जल्द ही चेयर वर्जन वाले वंदे भारत में स्लीपर कोच को जोड़ने की तैयारी कर रही है और आज के इस पोस्ट में हम आपको बताएंगे कि वर्तमान में चल रहे 34 वंदे भारत में से, किस वंदे भारत ट्रेन में रेलवे स्लीपर कोच को लगाने वाली है?

इस वंदे भारत में लगेगी स्लीपर कोच

आप भी काफी उत्सुक होंगे किआखिर कौन सी Vande Bharat चेयर कार वर्जन में इंडियन रेलवे दो स्लीपर कोच लगाने वाला है? तो आपको बता दे की देश की पहली वंदे भारत ट्रेन जो वाराणसी से नई दिल्ली के बीच चल रही है, उसी में 2 स्लीपर कोच जोड़े जाएंगे।

बता दे की यह हमारे देश की सबसे लंबी दूरी तय करने वाली वंदे भारत ट्रेन भी है और यात्रियों को एक बेहतरीन आरामदायक यात्रा उपलब्ध करवाने के लिए  रेलवे दो स्लीपर कोच इसमें लगाने वाली है।

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और इस वजह से यात्रियों की लंबे समय से चली आ रही मांग को देखते हुए, रेलवे दो स्लीपर कोच इसमें लगाने वाली है। स्लीपर कोच लगने से यात्री सो कर भी अपनी यात्रा को वाराणसी से दिल्ली या फिर दिल्ली से वाराणसी के लिए बड़े ही आरामदायक तरीके से पूरा कर पाएंगे।

क्यों वंदे भारत ट्रेन में लगेगी स्लीपर कोच

तो बता दे की वाराणसी से दिल्ली का दूरी 758 किलोमीटर है और इस दूरी को तय करने में वंदे भारत को करीब 8 घंटे का समय लग जाता है। और इस वजह से यात्रियों की लंबे समय से चली आ रही मांग को देखते हुए,इसमें  दो स्लीपर कोच लगाने वाली है।

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स्लीपर कोच लगने से यात्री सो कर भी अपनी यात्रा को वाराणसी से दिल्ली या फिर दिल्ली से वाराणसी के लिए बड़े ही आरामदायक तरीके से पूरा कर पाएंगे। इन स्लीपर कोच में काफी ज्यादा लग्जरी होटल रूम जैसा डिजाइन दिया गया है, इसके इंटीरियर का लुक सभी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर काफी ज्यादा वायरल हुआ था।

दिल्ली से कानपुर तक कई प्रीमियम चेयर कार वाली ट्रेन चलती है, जैसे शताब्दी, स्वर्ण शताब्दी और तेजस इस रूट पर चलती हैं। लेकिन ये ट्रेनें केवल लखनऊ तक ही जाती है, जबकि वंदे भारत ट्रेन दिल्ली -कानपुर -प्रयागराज -वाराणसी तक जाती है।

 

वाराणसी में ट्रेन दोपहर 2:00 बजे पहुंचती है और ऐसे में यात्री वाराणसी तक पहुंचने में काफी ज्यादा थके महसूस करते हैं, यानी कि जिन यात्रियों को इस ट्रेन में शुरू से अंतिम स्टेशन तक जर्नी करना है उनको स्लीपर कोच की जरूरत महसूस होती है।

रेलवे द्वारा किए गए एक सर्वे में पता चला कि दिल्ली से वाराणसी तक पहुंचने में  यात्री काफी ज्यादा थक जाते हैंऔर इसी को लेकर पैसेंजर ने रेलवे के साथ अपना फीडबैक शेयर किया और इस फीडबैक को देखते हुए  रेलवे ने इसमें दो स्लीपर कोच लगाने का फैसला किया है।

कितना होगा किराया

बात करें इसमें कितना किराया देना होगा तो इस ट्रेन में जब भी स्लीपर  कोच लगेंगे तो वह एग्जीक्यूटिव क्लास के बराबर ही किराया रखने की तैयारी है। इसका टिकट एसी चेयर कार से महंगा होगा, लेकिन एग्जीक्यूटिव चेयर कार के बराबर होगा।

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आपको बता दे की दिल्ली से वाराणसी तक एसी चेयर कार का किराया 1805 और एग्जीक्यूटिव क्लास का किराया 3335 रुपए है। कानपुर तक चेयर कार का  किराया 1115 रुपए और एग्जीक्यूटिव क्लास का किराया 2130 रुपए है।

होगी आरामदायक जर्नी

यानी की एग्जीक्यूटिव क्लास के किराया में इस ट्रेन के स्लीपर कोच में अपने जर्नी को बिल्कुल आरामदायक तरीके से वाराणसी से दिल्ली और दिल्ली से वाराणसी तक पूरा कर पाएंगे।इस बात की पुष्टि करते हुए उत्तर मध्य रेलवे के सीपीआरओ हिमांशु शेखर उपाध्याय ने कहा है कि वंदे भारत के स्लीपर कोच तैयार हो रहे हैं और अगले साल की शुरुआत में स्लीपर कोच के साथ वंदे भारत ट्रेन चलने लगेगी।

इससे लंबी दूरी की यात्रा करने वाले यात्रियों को बहुत बड़ी सहूलियत मिलेगी।बता दे कि फरवरी या मार्च 2024 तक हमें देश की पहली स्लीपर वंदे भारत स्लीपर वर्जन पटरी पर देखने को मिल सकती है। उसके बाद वाराणसी दिल्ली के बीच में इस स्लीपर वंदे भारत के दो कोच को रेलवे लगाएगी। आपको बताते चले कि  स्लीपर वंदे भारत ट्रेन के ऊपर इंडियन रेलवे अभी काफी तेजी से काम कर रही है। और इसको लेकर हमारे रेल मंत्री श्री अश्विनी वैष्णव समय समय पर जानकारी भी साझा करते रहते है।