IPL 2022: “DRS” मामले पर वीरेंद्र सहवाग ने BCCI पर उठाए सवाल, जाने पूरा मामला

आईपीएल के इस सीजन में अंपायरिंग का स्तर क्या रहा है इस बात का एक और ताजा उदहारण मुंबई और चेन्नई के बीच हुए मैच में देखने को मिला, वानखेड़े स्टेडियम में खेले गए मैच में पहले बल्लेबाजी करने उतरी चेन्नई के लिए पहली कुछ गेंदों के लिए डीआरएस (डिसिजन रिव्यू सिस्टम) उपलब्ध नहीं था।
और जब तक DRS सिस्टम वापस आता 10 गेंदों के भीतर ही चेन्नई सुपरकिंग्स के दो बड़े खिलाड़ी LBW आउट हो चुके थे और निश्चित रूप से दोनों बार निर्णय इतना करीबी था कि खिलाड़ी DRS की मांग करते ही। लेकिन स्टेडियम में पावर कट के कारण यह सुविधा थोड़े वक्त के लिए उपलब्ध नहीं थी।
चेन्नई सुपरकिंग्स के सलामी बल्लेबाज डेवन कॉनवे LBW आउट दे दिए गए थे, जो रीप्ले में लग रहा था कि गेंद लेग स्टंप के बाहर चली जाएगी। इसी को लेकर वीरेंद्र सहवाग ने क्रिकबज पर बात करते हुए कहा, “ये बड़ी हैरानी की बात है कि पावर कट की वजह से DRS का इस्तेमाल नहीं हुआ। इतनी बड़ी लीग है और उसमें जेनरेटर का इस्तेमाल किया जा सकता है।”
सहवाग ने आगे कहा, “जेनरेटर के जरिए उस सॉफ्टवेयर या मशीन को चलाया जा सकता है, जिसे DRS के लिए इस्तेमाल किया जाता है। ये बड़ा सवाल है बीसीसीआई के लिए भी, क्योंकि पावर कट होता है तो क्या सिर्फ लाइट्स के लिए जेनरेटर है, ब्रॉडकास्टर्स के लिए जेनरेटर नहीं है।”
सहवाग ने आगे कहा, “मुझे भी अचंभा लगा कि अगर मैच हो रहा है तो DRS का इस्तेमाल होना चाहिए। या फिर ये नियम बना दिया जाना चाहिए था कि अगर मैच शुरू हो गया है तो पूरे मैच में DRS नहीं होगा। चाहे फिर पावर कट सही हो जाए या नहीं, क्योंकि ये डिसएडवांटेज चेन्नई के लिए हो गया। अगर मुंबई बल्लेबाजी कर रही होती तो उनके लिए भी डिसएडवांटेज होता।”