BPSC Teacher Exam: परीक्षा में जाने से पहले देखे जरूरी जानकारी, इन बातों का रखे ध्यान

अगर आप भी किसी सरकारी नौकरी की तलाश में हैं, और आप एक शिक्षक बनना चाहते हैं। तो आपको पता होगा कि बिहार सरकार द्वारा बड़ी संख्या में शिक्षकों की भर्ती निकाली गई है। और BPSC ने इसकी सारी तैयारियां पूरी कर ली है।
आपको बता दे की बीपीएससी द्वारा 24 से 26 अगस्त तक विभिन्न जिलों में बिहार शिक्षक भर्ती परीक्षा ली जाएगी और इसमें लगभग 8 लाख से अधिक अभ्यर्थी बैठेंगे। और अगर आपने भी इसके लिए आवेदन किया है तो इस परीक्षा में शामिल होने से पहले आपको कुछ जरूरी बातें जान लेना चाहिए।
जैसा कि हमने आपको पहले बताया है कि बिहार शिक्षक भर्ती परीक्षा का आयोजन बीपीएससी द्वारा किया जा रहा है,शुरू में केवल बिहार के मूल निवासियों के लिए ही यह परीक्षा निर्धारित की गई थी लेकिन बाद में शिक्षा विभाग के निर्देश पर अन्य प्रदेशों के अभ्यार्थी भी इसमें शामिल होंगे, और कुल आवेदकों की संख्या करीब 8 लाख तक बताई जा रही है।
आरक्षित सीटों पर प्रभाव
शिक्षक भर्ती परीक्षा के लिए बिहार के साथ अन्य राज्यों के भी अभ्यर्थियों ने आवेदन किया है जिसमें 312560 अभ्यर्थी बिहार से बाहर के हैं और इस आवेदन के कारण जनरल कैटेगरी में प्रतियोगिता बढ़ गई है।

आरक्षित सीटों पर बाहरी आवेदकों की भीड़ का कोई असर नहीं होगा, क्योंकि बिहार में आरक्षण का प्रावधान केवल बिहार के आवेदकों के लिए सीमित है। आपको बता दें कि इस परीक्षा में 61.4% आवेदक बिहार से हैं।
महिला और पुरुषों के लिए अलग-अलग समय
आपको बता दें कि बीपीएससी ने बिहार शिक्षक भर्ती परीक्षा के लिए दो सेटिंग में परीक्षा का आयोजन किया है। जिसमें पहले सेटिंग में केवल पुरुष अभ्यर्थी यानी मेल कैंडिडेट परीक्षा में शामिल होंगे।
तथा दूसरी सेटिंग में केवल महिला अभ्यर्थी परीक्षा दें सकेंगी आपको बता दें की 24 अगस्त को इनके विषय पत्र की परीक्षा होगी तथा 25 अगस्त को अनिवार्य भाषा पत्र की परीक्षा होगी। इस परीक्षा में 25 अगस्त को माध्यमिक और उच्च माध्यमिक शिक्षक अभ्यर्थी भी शामिल होंगे।
B.Ed या सीटेट में फेल होने पर क्या
शिक्षक नियुक्ति परीक्षा में शामिल होने वाले वे अभ्यर्थी जो अभी B.Ed कर रहे हैं और सीटेट फेल कर गए हैं उनका यह एक अवसर काउंट हो जाएगा। इसके अलावा 31 अगस्त तक होने वाली बीएड और सीटेट परीक्षा में शामिल होने वाले अपीयरिंग कैंडिडेट को भी शिक्षक नियुक्ति परीक्षा में शामिल होने का अवसर मिल रहा है।
आपको बता दें कि इन अभ्यर्थियों को इस बात का विशेष ध्यान रखना होगा कि शिक्षक नियुक्ति परीक्षा में शामिल होने पर उन्हें प्राप्त 3 अवसरों में से एक अवसर समाप्त हो जाएगा, भले ही वे सीटेट की परीक्षा में फेल होने के कारण शिक्षक नियुक्ति परीक्षा की मेधा लिस्ट में शामिल ना किए गए हो।
इन बातों का रखें विशेष ध्यान
आपको बता दें कि 24,25 और 26 अगस्त को होने वाली शिक्षक भर्ती परीक्षा में शामिल होने वाले अभ्यर्थियों को एग्जाम सेंटर जाने से पहले कुछ विशेष बातों का ध्यान जरूर रखना होगा
- परीक्षा शुरू होने से 2:30 घंटे पहले परीक्षा केंद्र में अभ्यर्थियों का प्रवेश शुरू कर दिया जाएगा और केवल परीक्षा शुरू होने से 1 घंटे पहले तक परीक्षार्थियों को एग्जाम सेंटर में एंट्री मिलेगी।
- परीक्षा सेंटर के मेन गेट पर सीसीटीवी लगा होगा। इसके साथ ही सभी क्लासरूम्स में भी सीसीटीवी लगाया गया है।
- एग्जाम सेंटर में मोबाइल और किसी तरह का इलेक्ट्रॉनिक गैजेट लेकर जाना मना है।
- इसके अलावा एग्जाम सेंटर के अधीक्षक के पास भी केवल कीपैड वाला मोबाइल फोन ही रहेगा। यानी कि एग्जाम सेंटर पर स्मार्टफोन पूरी तरीके से वर्जित है।
- फेशियल पहचान के साथ बायोमेट्रिक जरूरी होगी यानी फेशियल पहचान के साथ अंगूठे का छाप और स्कैन के द्वारा अपनी पहचान देनी होगी।
- इसके अलावा एडमिट कार्ड के क्यूआर कोड को भी स्कैन किया जाएगा।
- परीक्षा के रिजल्ट मिलने के बाद डोसियर की हार्ड कॉपी के साथ सॉफ्ट कॉपी भी भेजी जाएगी और इसमें भी बायोमेट्रिक दर्ज होगी ताकि परीक्षा में सफल होने वाले कैंडिडेट की जगह किसी और को नौकरी ना मिले और ऐसा होने पर उसे पकड़ा जा सके।
- वैसे परीक्षार्थी जो सीटेट और b.ed के लिए अपीयरिंग कैंडिडेट के रूप में फॉर्म भर रहे हैं उनकी परीक्षा 31 अगस्त तक समाप्त होनी चाहिए और डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन उनका रिजल्ट प्रकाशित होना जरूरी है अन्यथा उनकी नियुक्ति खारिज कर दी जाएगी।
- परीक्षार्थियों को यह ध्यान रखना होगा कि हर दिन हर पाली में एडमिट कार्ड की एक एक्स्ट्रा कॉपी अपने साथ परीक्षा केंद्र में लेकर जाएं और वीक्षक के सामने सिग्नेचर कर उन्हें सौंप दें।
- आपको बता दें कि इस परीक्षा में नेगेटिव मार्किंग नहीं है, लेकिन प्रश्न पत्र पर नेगेटिव मार्किंग का निर्देश छपा हुआ होगा। ऐसा इसलिए है क्योंकि बीपीएससी अध्यक्ष के अनुसार पहले नेगेटिव मार्किंग लागू करने का निर्णय लिया गया था और अब तक प्रश्नपत्र प्रिंट हो चुके थे।