Bihar First Transgender Restaurant: बिहार में खुला अनोखा रेस्टोरेंट, वेटर से लेकर कुक तक होंगे किन्नर समुदाय से, जानिए और क्या है खासियत

Satrangi Dostana first restaurant opened by transgender in bihar

बिहार अपने अनोखे कारनामों को लेकर अक्सर चर्चा में रहता है। लेकिन इस बार ये कहानी आपको प्रेरित भी करेगी। दरअसल बिहार में एक अनोखा रेस्टोरेंट खुला है, जहाँ वेटर से लेकर कूक तक किन्नर समुदाय से है। आईये जानते है इस रेस्टॉरेंट की कहानी और इसकी खासियत के बारे में।

ट्रांसजेन्डर द्वारा खोला गया बिहार का पहला रेस्टोरेंट

ये रेस्टोरेंट पटना में ट्रांसजेन्डर समुदाय द्वारा खोला गया है। रेस्टोरेंट का नाम ‘सतरंगी दोस्ताना’ रखा गया है। इस रेस्टोरेंट की सबसे बड़ी खास बात यह है कि इसे पूरी तरह से ट्रांसजेन्डर समुदाय द्वारा संचालित किया जाएगा।

Satrangi Dostana Bihars first restaurant opened by transgender
ट्रांसजेन्डर द्वारा खोला गया बिहार का पहला रेस्टोरेंट – ‘सतरंगी दोस्ताना’ Source: Dainik Bhaskar

यहां मेनेजर, अकाउंटेंट, सर्विस देने वाले, क्लीनर, शेफ और असिस्टेंट सभी लोग ट्रांसजेंडर समुदाय से ही होंगे। आपको बता दे की यह बिहार का पहला ऐसा रेस्टोरेंट है जो ट्रांसजेन्डर द्वारा खोला गया है। इस पहल से ट्रांसजेंडर समुदाय में रोजगार के अवसर बढ़ेंगे। इसको कुल 20 ट्रांसजेन्डर मिलकर चलाएंगी।

कहाँ बना है ये अनोखा रेस्टोरेंट?

Satrangi Dostana restaurant is constructed just behind Mona Cinema at Gandhi Maidan Patna
कहाँ बना है ये अनोखा रेस्टोरेंट?

इस रेस्टोरेंट का निर्माण पटना के गांधी मैदान स्थित मोना सिनेमा के ठीक पीछे किया गया है। इसके लिए पटना नगर निगम की तरफ से जमीन दी गई है। इस रेस्टोरेंट को दो मंजिला बनाया गया है।

क्या है खासियत?

जहां पहले फ्लोर पर आप परिवार के साथ बैठकर खाने का आनंद ले सकेंगे, जबकि दूसरी मंजिल को ओपन टेरेस गार्डन के रूप डेवलप किया गया है। यहां कपल्स और अन्य लोग लोग मीटिंग भी कर सकते है।

यहां पर आप भोजन भी कर सकेंगे। साथ ही छोटी-छोटी पार्टियों का आयोजन भी किया जा सकता हैं। यहाँ आपको इंडियन और चाइनीज दोनों ही तरह के व्यंजन मिलेंगे।

3 साल की कड़ी मेहनत का फल है ये रेस्टोरेंट

सतरंगी दोस्ताना रेस्टोरेंट की प्रमुख रेशमा बताती हैं कि – “रेस्टोरेंट खोलना मेरा बहुत बड़ा सपना था। जो अब पूरा हो रहा है। मैं बहुत खुश हूं। पिछले 3 साल से सपने के पीछे लगी हूं। रेस्टोरेंट खोलने में आए दिन चैलेंजस का सामना करना पड़ रहा है।

The name of the restaurant is Satrangi Dostana
रेस्टोरेंट का नाम ‘सतरंगी दोस्ताना’

लेकिन बदलाव के लिए काम तो करना ही पड़ता है, और हम काम करने के लिए खड़े हो गए है। हमनें 17 साल संघर्ष किया है। तब जाकर अब कुछ लोग स्वीकार भी करने लगे। हम चाहते हैं कि लोग हमें जानें और समझे और मुझे उम्मीद है कि धीरे- धीरे इसमें बदलाव आएगा। मैं चाहती हूं कि समाज हमें स्वीकार करे।”

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गैरबराबरी को खतम करने का बहुत बड़ा मौका

रेशमा आगे बताती हैं कि – “रेस्टोरेंट को पूरी तरह से ट्रांसजेन्डर समुदाय द्वारा संचालित किया जाएगा। इसमें सभी कर्मचारी ट्रांसजेन्डर समुदाय के ही काम कर रहे हैं। हमारे लिए रेस्टोरेंट खोलना बहुत ही चैलेंजिंग एक्सपीरियेन्स रहा है।

लेकिन मुझे उम्मीद है कि हम यहां लोगों की मदद से जरूर सफल होंगे। यह जगह बहुत अच्छा अनुभव देगा की लोग ट्रांसजेन्डर साथियों के साथ मिलकर खाना खाएंगे। यह गैरबराबरी को खतम करने का बहुत बड़ा मौका है।”

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