श्रीलंका के हालात पर बोले सनथ जयसूर्या- नेताओं ने देश का बेड़ागर्क किया, लोकतंत्र की वापसी जरूरी

भारत के पड़ोसी देश श्रीलंका में अब वित्तीय संकट और अशांति और भी बढ़ गई है जिसके कारण अब पूरा देश सड़को पर प्रदर्शन करने के लिए मजबूर हो गया है। जिसे देख कर श्रीलंका के पूर्व क्रिकेटर सनथ जयसूर्या नाराज भी हैं और दुखी भी। परंतु उनका मानना है कि यह सब जल्दी ही ठीक हो जायेगा। इन हालातों को देखकर जयसूर्या ने अपने देश के राजनेताओं को जमकर आड़े हाथों लिया। उन्होंने दुख जताया कि श्रीलंका में इस तरह के खराब हालात हो गए हैं।
सनथ जयसूर्या ने कहा, ‘यह बहुत दुखद स्थिति है। मेरा देश संकट के दौर में है और जरूरी खानपान के सामान के लिये लोगों को लंबी कतार में लगा देखकर मुझे बहुत कष्ट हो रहा है। बिजली नहीं है, ईंधन नहीं है और जरूरी दवाइयां भी नहीं है। इससे बुरा क्या हो सकता है। यह सब दुर्भाग्यपूर्ण है। उम्मीद है कि 13 जुलाई को गोटाबाया अपना इस्तीफा सौंप देंगे। हमारे राजनेताओं ने जिस तरह देश का बेड़ा गर्क किया है, उसे बयां करने के लिए शब्द नहीं है।’
जयसूर्या ने कहा, ‘अगर आप मुझसे इस समय राष्ट्रपति भवन के भीतर मौजूद जनता के बारे में पूछेंगे तो मुझे उनके विरोध में कोई बुराई नजर नहीं आती। उन्होंने शांतिपूर्ण विरोध किया। उनसे बार बार सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान नहीं पहुंचाने के लिए कहा गया था। श्रीलंका के अलग अलग हिस्सों से नौ जुलाई को यहां लोग एकत्र हुए जो राष्ट्रपति के इस्तीफे की मांग कर रहे हैं।’
जयसूर्या ने उम्मीद जताई कि श्रीलंका में लोकतंत्र जल्दी लौटेगा और यह हालात जल्दी ही ठीक होंगे। यह पूछने पर कि क्या वह प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे को कार्यवाहक राष्ट्रपति बनाए जाने के पक्ष में हैं, श्रीलंका के पूर्व कप्तान ने कहा, ‘रानिल के पास कोई विकल्प नहीं है। उन्हें स्पीकर महिंदा यापा अभयवर्धना के आदेश को मानना होगा। देश में शांति और लोकतंत्र की बहाली के लिए रानिल को विपक्ष के नेता सजीत प्रेमदासा समेत विभिन्न दलों के नेताओं से बात करनी होगी।’