पंजाब से बिहार लौटकर मंडल दंपत्ति ने शुरू किया यह व्यापार, दूसरों को रोजगार देने के साथ कर रहे दोगुनी कमाई

Katihar News: आपने मधुमक्खी पालन का बिज़नेस के बारे में तो सुना होगा, मधुमक्खी पालन का बिज़नेस करके लोग महीने के लाखो रुपये तक कमा लेते है। ऐसे ही आज हम बिहार राज्य में रहने वाले एक शख्स के बारे में बताएँगे जिसने मधुमक्खी पालन का बिज़नेस करके पैसे कमा रहे है और दूसरे को भी रोजगार दे रहे है।
हम बात कर रहे है, बिहार राज्य के कटिहार के डंडखोरा के रहने वाले पति पत्नी सदानंद मंडल और पुष्पा देवी की जिन्होंने मधुमक्खी पालन का बिज़नेस करके अपने गाँव में बहुत फेमस हुए है। इन दोनों की जोड़ी गाँव में बहुत ही चर्चित जोड़ी है।
पति पत्नी ने शुरू किया बिज़नेस
पुष्पा देवी अपने पति सदानंद मंडल का आम के बगीचे में भी हाथ बटाती है, पहले सदानंद पंजाब में मजदूरी करते थे, वही रहते रहते उन्होंने मधुमक्खी पालन के बिज़नेस के बार में जाना और उसे सीखे उसके बाद उन्होंने अपने गाँव आकार मधुमक्खी पालन की शुरुआत की और आज वो गाँव के लोगो को रोजगार देकर उनकी आर्थिक मदद कर रहे है।
गाँव में सदानंद जी मधुमक्खी से अच्छी क्वालिटी का शहद देने के लिए एक ब्रांड बन चुके है। अब बहुत साडी बड़ी बड़ी कंपनी सदानंद जी से गाँव में आकर शहद खरीद कर ले जाती है। इस काम में उनकी पत्नी पुष्पा देवी उनका बहुत सहयोग करती है।
पंजाब से लौटे गांव फिर शुरू किया काम
सदानंद जी ने बताया की वे पहले पंजाब में मजदूरी करते है। वही रहकर उन्होंने मधुमक्खी पालन के बारे में जाना और उसे सीखा, इस बिज़नेस का हुनर लेने के बाद वह अपने गाँव कटिहार में आकार इस बिज़नेस की शुरुआत की, इसके लिए शुरूआती दौर पर सरकारी सहायता भी ली। उन्होंने शुरूआती दौर पर छोटे लेवल में बिज़नेस किया, उन्होंने सबसे पहले 10 बॉक्स से काम शुरू किया, और धीरे धीरे बिज़नेस को बढ़ाकर आज उनके पास 250 से ज्यादा बॉक्स है।
लोगों को दे रहे है रोजगार
सदानंद जी ने यहाँ भी बताया कि 38 लोगो का एक समूह चला कर सभी को रोजगार दे रहे है, इसमें वह महिलाओ को भी मौका दे रहे है, जिससे वह भी आर्थिक रूप से स्वतंत्र हो। वह बताते है कि एक साल में 50 किलो से ज्यादा शहद का उत्पादन करते है। उन्होंने यह भी बताया कि 100 बॉक्स मधुमक्खी पलने से उनको अच्छा मुनाफा हो जाता है। इसके साथ ही उनकी पत्नी का भी इस काम में भरपूर सहयोग मिलता है। वह घर के काम करने के साथ साथ अपने पति का भी पूरा सहयोग देती है।
क्या कहते है गाँव के लोग
कटिहार गाँव में रहने वाले लोग कहते है कि सदानंद जी की इस पहल से गाँव में आर्थिक उन्नति की नई राह दिखाई है। इससे गाँव के युवा में भी क्रांति आयी है अब वह शहर की तरफ अपना रुख न मोड़ कर गाँव में ही इसी तरह से आर्थिक संपन्न होने के तलाश कर रहे है। गाँव में रहने वाले राजेश कुमार मंडल जी कहते है की इस मधुमक्खी पालन बिज़नेस से जुड़ने से पहले वह भी मजदूरी किया करते थे।
लेकिन जब से वह सदानंद जी के साथ जुड़े हुए है, उन्हें इस काम में अधिक मुनाफा हो रहा है वो कहते है कि 10000 कि लागत लगाने पर उन्हें 20000 से अधिक का मुनाफा हो जाता है। इसी को देखते हुए वह और भी लोगो को जुड़ने की अपील करते है। वे बताते है कि व्यापार स्थानीय स्तर पर तो नहीं है लेकिन शहरो से बड़े बड़े व्यापारी यहां उनकी मधुमक्खी का शहद लेने के लिए पहुंचते है।
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