फर्जी नामांकन रोकने के लिए बिहार सरकार ने बदला नियम, अब स्कूल में एडमिशन लेने के लिए चाहिए ये डॉक्यूमेंट

Bihar School Admission Rules Changed: बिहार में लगातार शिक्षा व्यवस्था को ठीक करने के लिए सरकार प्रयासरत है, पिछले कुछ महीनों में बिहार के शिक्षा विभाग में तैनात केके पाठक के निर्णयों से बिहार का शिक्षा विभाग सुर्ख़ियों में बना रहता है।
इसी कड़ी में एक बड़ा निर्णय बिहार के स्कूलों में एडमिशन को लेकर किया गया है, एडमिशन को लेकर हुए नियम में बदलाव की बात करें उससे पहले आपको बता दे कि पिछले सत्र में बिहार में करीब 20 लाख से भी अधिक विद्यार्थियों का नाम विद्यालय से कटा जा चूका है।
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लाखों में थे फर्जी एडमिशन
ऐसा बताया जा रहा है कि सत्र 2023-24 में अनुपस्थिति की वजह से कुल 23.97 लाख नाम काटे गये जिसमें से सिर्फ 3.98 लाख ने ही नाम वापस लिखाये और सेष बचे लगभग 20 लाख से भी अधिक बच्चों ने नाम काटे जाने पर किसी से संपर्क करने की भी कोशिश नहीं की।
बच्चों के नाम काटे जाने के इतने बड़े संख्या से सिर्फ एक बात पता चलती है कि ये सारे एडमिशन फर्जी थी, बच्चे किसी दूसरे निजी विद्यालय में पढाई कर रहे थे और सरकारी स्कूल में एडमिशन के साथ सरकार द्वारा मिलने वाली सुविधाओं का लाभ उठा रहे थे।
अब बदल गया नियम
इसी को देखते हुए सरकार ने अब स्कूलों में एडमिशन को लेकर और भी सख्ती दिखाई है और अब आधार कार्ड के साथ अन्य डॉक्यूमेंट को भी अनिवार्य कर दिया है।
शैक्षणिक सत्र 2024- 25 में फर्जी तरह से बच्चों का नामांकन न हो इसके लिए शिक्षा विभाग ने गाइडलाइन जारी की है।
इन प्रमाण पत्रों की जरूरत
शिक्षा विभाग के नई गाइडलाइन के मुताबिक विद्यार्थियों को आधार कार्ड और जन्म प्रमाण-पत्र, अस्पताल या मिड वाइफ पंजी अभिलेख, आंगनबाड़ी अभिलेख, अभिभावक या माता-पिता की तरफ से घोषणा-पत्र में से कोई एक कागजात प्रस्तुत करना होगा।
बताते चले कि नए सत्र के लिए एक अप्रैल 2024 से एडमिशन की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी, विभाग ने सभी डीईओ को पत्र भेजकर नामांकन को लेकर जारी ताजा गाइडलाइन का पूरी तरह अनुपालन कराने का निर्देश दिया है।
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