बिहार में सरकारी नौकरी का ऐसा क्रेज, जेल में कैदी कर रहे कंपीटिशन की तैयारी, खान सर से करते है ऑनलाइन क्लास

Prisoners are preparing for competitive exams in jail of bihar

बिहार में सरकारी नौकरी का महत्व बहुत ज्यादा है, क्योंकि यहाँ के युवाओं के लिए अन्य क्षेत्रों में रोजगार के अवसर ही नहीं उपलब्ध है। ऐसे में बिहार के प्रतिभाशाली और मेहनती युवा सरकारी बाबू बनने के लिए कड़ी मेहनत करते है।

राज्य के भीतर सरकारी नौकरी को लेकर ऐसा क्रेज है की अब बिहार के जेलों में बंद कैदी भी कंपीटिशन यानि की प्रतियोगिता परीक्षा की तैयारी करने लगे है। इसके लिए वो बिहार के बहुचर्चित शिक्षक खान सर से ऑनलाइन क्लास भी लेते है।

बिहार में पहली बार जेल के अंदर स्मार्ट क्लास

दरअसल बिहार में ऐसा पहली बार हुआ है जब जेल के अंदर बंद साक्षर युवा कैदियों को विभिन्न प्रतियोगिता परीक्षाओं की तैयारी के लिए स्मार्ट क्लास की शुरूआत की गई है। भारत में पहली बार कैदियों के लिए डिजिटल साक्षरता लागू करने वाला बांका जेल ने एक बार फिर राज्य स्तर पर नया आयाम गढ़ दिया है।

कैदियों को स्मार्ट क्लास के माध्यम से ऑनलाइन चर्चित शिक्षकों के द्वारा पढ़ाया जा रहा है। इसमें प्रसिद्ध खान सर के अलावा देश स्तर के कई चर्चित प्रतियोगिता परीक्षा की तैयारी कराने वाले शिक्षक भी शामिल हैं।

Smart class inside jail for the first time in Bihar
बिहार में पहली बार जेल के अंदर स्मार्ट क्लास

जेल प्रशासन इस कार्य के जरिए समाज की मुख्य धारा से भटके युवाओं को मुख्य दिशा से जोड़ने का प्रयास कर रहा है।

जेल में एसएससी, रेलवे सहित बीपीएससी व यूपीएससी की तैयारी

शिक्षक दिवस के अवसर पर बांका जेल में ये नया कीर्तिमान रचा गया है। जेल के अंदर स्मार्ट क्लास की शुरुआत की गई है। वर्तमान समय में इस स्मार्ट क्लास में बांका जेल के उन 25 बंदियों को जोड़ा गया है, जो इंटर व स्नातक पास हैं।

कैदियों के लिए जेल के अंदर स्मार्ट क्लास बनाया गया है। जहां प्रोजेक्टर के माध्यम से इन कैदियों को देश के चर्चित शिक्षकों का क्लास ऑन लाइन करवाया जाता है। क्लास के माध्यम से एसएससी, रेलवे से लेकर बीपीएससी व यूपीएससी के प्रतियोगिता की तैयारी शुरू की गई है। रोजाना 1 बजे से 3 बजे तक क्लास करवाया जाता है।

खान सर और विकास दिव्यकीर्ति द्वारा करवाया जाता है क्लास

इसके अलावा इन कैदियों को पुस्तकालय में अभ्यास की भी सुविधा दी जाती है। ऑनलाइन क्लास में खान सर (Khan Sir), विनय सिंह, विकास दिव्यकीर्ति (Vikas Divyakirti), सीबीपी श्रीवास्तव जैसे चर्चित व प्रतिष्ठित शिक्षकों का क्लास करवाया जाता है।

जेल के बंदी नीरज कापरी, विनय कुमार आदि का कहना है कि ऑनलाइन क्लास के माध्यम से उन्हें अपनी तैयारी को जारी रखने में काफी सुविधा मिल रही है।

मंडल कारा बांका देश का पहला ऐसा जेल

आपको बता दे की मंडल कारा बांका देश का पहला ऐसा जेल बन गया है जहां कैदियों के लिए डिजिटल साक्षरता अभियान शुरू किया गया। जिसके तहत अबतक लगभग 500 बंदियों को डिजिटल रूप से साक्षर किया जा चुका है।

इसके अलावा जेल में साक्षरता अभियान के तहत निरक्षर कैदियों को साक्षर किया गया जा रहा है। साथ ही किशोर बंदियों को प्रारंभिक, माध्यमिक शिक्षा के साथ नैतिक एवं व्यक्तित्व विकास का प्रशिक्षण दिया जा रहा है।

कौशल प्रशिक्षण के तहत यूकोआरसेटी, कृषि विज्ञान केंद्र द्वारा समय-समय पर बकरी पालन, मुर्गी पालन, पशु पालन, अगरबत्ती निर्माण का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। इसके अलावे टूरिज्म मैनेजमेंट कोर्स की भी कई बंदियों को शिक्षा दी जा रही है।

ऑनलाइन सब्सक्रिप्शन के माध्यम से कैदियों को शिक्षा

इस पहल पर बांका जेल के अधीक्षक सुजीत कुमार राय ने बताया कि जेल में चलाए जा रहे विभिन्न कार्यक्रम कैदियों में बदलाव को नया आयाम दे रहे है। बिहार में पहली बार जेल में बांका से स्मार्ट क्लास की शुरुआत हुई है। वैज्ञानिक अनुसंधान भी इस बात को मानता है कि देखी हुई चीजें ज्यादा याद रहती हैं।

जेल में ख्यातिप्राप्त शिक्षकों को बाहर से बुलाना तो संभव नहीं है, लेकिन इन शिक्षकों के ऑनलाइन सब्सक्रिप्शन के माध्यम से कैदियों को शिक्षा दी जा सकती है। इसके लिए और भी प्रतिष्ठित शिक्षकों से भी संपर्क किया जा रहा है।

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