बिहार का वर्ल्ड फेमस पेड़ा, लालू यादव से लेकर नीतीश कुमार तक है इसके दीवाने, करोड़ों में है कमाई

कहते हैं यशोदा मैया ने एक बार दूध उबलने के लिए रखा था भट्टी पे और वो दूध रख के भूल गई, दूध धीरे-धीरे पकता गया, कमता गया और खोया बन गया, भट्टी फिर बंद हो गई और वो पक- पक के पका हुआ खोया हो गया, तो यशोदा मैया ने उसने बुरा डाला और उसके पेड़े बन गए।
यू तो बिहार अपने कई मिठाइयों के लिए वर्ल्ड फेमस है और यहां की मिठाइयों के लोग दीवाने हैं, लेकिन आज आपको हम बताते हैं एक ऐसी विशेष जगह जहां का पेड़ा अगर आप एक बार चख ले तो आप भी इसके दीवाने हो जाएंगे। ये पेड़ा मुंह में जाते ही ऐसे घुल जाता है, मानो आपने अमृत चख लिया हो।
आज हम बिहार का पेड़ा (Peda of bihar) जो खगड़िया के चौथम प्रखंड के करुवामोड़ चौक पर मिलता है, की बात कर रहे है । आइए आपको बताते हैं आखिर क्या खास है करुवामोड़ चौक पर मिलने वाले पेड़ों में जिसके कारण, आम जनता से लेकर आरजेडी सुप्रीमो लालू यादव और सीएम नीतीश कुमार भी इन पेड़ों के दीवाने हैं।
पेड़े का 50 सालो पुराना इतिहास
बिहार का पेड़ा (Peda of bihar) का इतिहास लगभग 50 सालों पुराना है। यहां के स्थानीय दुकानदार बताते हैं कि शंकर साव नाम का एक व्यक्ति जो पिपरा गांव में रहता था,उसी ने यहां दूध की अधिकता को देखते हुए पेड़ों को बनाने का काम शुरू किया।
धीरे-धीरे अन्य लोग भी उसके साथ जुड़ते चले जाए और लोगों को आमदनी का एक नया जरिया मिल गया। आसपास के लोगों ने बताया कि क्योंकि यह एक दियारा क्षेत्र (स्थानीय शब्द है जो भोजपुरी, मगही, मैथिल भाषी क्षेत्र में नदी के बाढ़ मैदान में स्थित एक भूखंड को कहते है) है और लोग यहां पशुपालन और खेती करने के लिए रहते हैं।
अतः यहां दूध यहां प्रचुर मात्रा में उपलब्ध होता है और दूध से शुद्ध खोवे का पेड़ा तैयार किया जाता है जो कि बिहार के साथ- साथ पूरे वर्ल्ड में फेमस है।
लालू यादव से लेकर सीएम नीतीश भी दीवाने
आपको बता दे की खगड़िया जिले के चौथम प्रखंड में स्थित करुवामोड़ में , जो पेड़े मिलते हैं उसके दीवाने स्थानीय लोगों के साथ-साथ बिहार के सीएम नीतीश कुमार और लालू यादव भी है।
अगर आपने यहां का पेड़ा एक बार खा लिया तो फिर आपको बाकी जगहों के पेड़े पसंद नहीं आएंगे यहां का पेड़ा बिहार बंगाल उड़ीसा और झारखंड इन सभी राज्यों में बहुत पसंद किया जाता है।
आपको जानकर हैरानी होगी कि पेड़ों के व्यवसाय से ही यहां के लोग करीब 30 करोड़ रूपये का सालाना कारोबार करते हैं।
शुगर फ्री पेड़ा भी उपलब्ध
वर्ल्ड फेमस करुवामोड़ का पेड़ा, लगभग 30 से 35 करोड़ रुपए की सालाना कारोबार करते हैं और यहां के दुकानदारों का कहना है कि हर रोज करीब 500 लीटर से ज्यादा दूध का पेड़ा बनाया जाता है जिसके लिए खगड़िया के साथ-साथ आसपास के क्षेत्र जैसे चौथम,बेलदौर, अलौली, समस्तीपुर और दरभंगा से दूध मंगाया जाता है।
इसके अलावा लोगों ने बताया कि यहां का पेड़ा बाजार में बहुत आसानी से 200 से ₹300 प्रति किलो मिलता है तथा शुगर वाले लोगों के लिए यहां शुगर फ्री पेड़ा भी उपलब्ध है।