बिहार के खेतों में लहलहाएगी मूंगफली, सूर्यमुखी, तिल की फसल, इन सात जिलों के लिए बनी योजना

राज्य सरकार किसानों की आमदनी बढ़ाने के लिये राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन तेलहन के अन्तर्गत टारगेटिंग राइस फालो एरिया इन ईस्टर्न इंडिया फोर आइल सीड्स योजना के कार्यान्वयन की स्वीकृति दे दी है। अब तिलहनी फसलों का उत्पादन बढ़ाने के लिए खेतों में राई, सरसों, मूंगफली, सूर्यमुखी, कुसुम, अंडी एवं तिल की फसल बोयी जायेगी।
इन जिलों को होगा लाभ
इन सभी फसलों को धान की फसल के बाद से परती पड़े खेतों में बोया जायेगा। इस योजना में तीस फीसदी लाभ महिला किसानों को दिया जायेगा वहीं 33 फीसदी किसान लघु और सीमांत श्रेणी के होंगे।
यह योजना भागलपुर, बांका, गया, नवादा, औरंगाबाद, कटिहार और किशनगंज के तीस हजार एकड़ क्षेत्र को लेकर बनायी गयी है जहाँ इन जिलों के 99 प्रखंड की 1513 पंचायत में क्लस्टर बनाये जायेंगे। हर क्लस्टर कम से कम दस हेक्टेयर का होगा।
जानिए कितना मिलेगा अनुदान
अनुदान की बात करें तो राई-सरसों के लिये 1200 रुपये प्रति एकड़ की दर से अनुदान दी जाएगी, राई- सरसों के प्रमाणित बीज पर अधिकतम 4000 रुपये प्रति क्विंटल अनुदान दिया जायेगा। वहीं सूर्यमुखी, कुसुम अंडी एवं तिल की संकर प्रभेद वाले बीज पर अधिकतम आठ हजार रुपये प्रति क्विंटल का अनुदान मिलेगा।
इस योजना में कुल छह करोड़ 33 लाख 33 हजार रुपये खर्च किया जायेगा जिसमें 380 लाख और राज्य सरकार 253.33 लाख रुपये वहन करेगी। विशेष सचिव कृषि रविन्द्र नाथ राय ने इस संबंध में दिशा- निर्देश जारी कर दिये हैं, मोबाइल एप्लीकेशन के जरिए बीज का वितरण कराया जायेगा। जैव कीटनाश और पोषक तत्व के लिये प्रति एकड़ 500 रुपये दिये जायेंगे. किसान और पदाधिकारियों को प्रशिक्षण भी दिया जायेगा।