बिहार के इन 5 जिलों से गुजरेगा पटना-कोलकाता एक्सप्रेसवे, जानिए पूरा रूट प्लान

बिहार की राजधानी पटना से बंगाल के कोलकाता तक प्रस्तावित एक्सप्रेस योजना धीरे धीरे धरातल पर उतरने जा रही है, इस एक्सप्रेसवे के निर्माण से बिहार, झारखण्ड और पश्चिम बंगाल के बीच कनेक्टिविटी काफी दुरुस्त हो जाएगी जिससे कई शरहों को लाभ होगा।
पूर्वांचल एक्सप्रेसवे की तरह ही इस एक्सप्रेसवे का भी निर्माण कराया जायेगा जो की कुल 550 किलोमीटर लम्बी होगी, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पूर्व में ही इसकी घोषणा कर चुके है। इस सड़क की मांग बिहार में कई नेताओं ने की थी।
पूर्वोत्तर भारत से भी बढ़ेगी कनेक्टिविटी
बिहार सरकार में पथ निर्माण मंत्री नितिन नवीन ने घोषणा करते हुए कहा कि पटना-कोलकाता एक्सप्रेसवे भी यूपी के पूर्वांचल एक्सप्रेसवे जैसी सड़क होगी। सरकार बहुत जल्द इस सड़क के लिए काम शुरू करनेवाली है. इस सड़क के बनने से पूर्वोत्तर भारत का शेष भारत से कनेक्टिविटी मजबूत होगी।
18000 करोड़ से अधिक की लागत
इस सड़क के निर्माण में लगभग 18000 करोड़ से अधिक की अनुमानित लागत आने वाली है जो बिहार के 5 जिले से होकर गुजरेगी। पटना (बख्तियारपुर), नालंदा (बिहारशरीफ), शेखपुरा, जमुई के सिकंदरा व चकाई, बांका के कटोरिया होते हुए मधुपुर, दुर्गापुर और पानागढ़ होते हुए यह रोड ढालकुनी से आगे बढ़ेगी।
एक्सप्रेसवे बिहारशरीफ, सिकंदरा, चकाई से सीधे झारखंड में देवघर जिले के देवीपुर क्षेत्र में प्रवेश करेगी. देवीपुर में यह एक्सप्रेस-वे एम्स को जोड़ने वाली प्रस्तावित फोरलेन सड़क को कनेक्ट करते हुए मधुपुर की ओर निकल जाएगी. इससे देवघर की बिहार व बंगाल से कनेक्टिविटी बढ़ेगी।
बताते चले कि नेशनल हाइवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (NHAI) द्वारा 450 किमी से अधिक पटना-कोलकाता एक्सप्रेसवे बिहार और पश्चिम बंगाल के बीच प्रस्तावित 6 लेन एक्सेस-कंट्रोल्ड राजमार्ग होगा। भारतमाला परियोजना (बीएमपी) चरण 2 के तहत यह ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे पुराने भीड़भाड़ वाले राष्ट्रीय राजमार्ग एनउच-2 के विकल्प के रूप में काम करेगा, जिस पर सिर्फ भारी वाहनों का परिचालन होगा।