Bihar Liquor Ban: बिहार में शराबबंदी को लेकर हाई कोर्ट का नया फैसला! कोर्ट ने कहा, ये अधिकारियों का मनमानापन…

बिहार में शराबबंदी को लेकर पटना हाईकोर्ट ने सुनाया नया फैसला

Bihar Liquor Ban: बिहार में लम्बे वक्त से पूर्ण शराबबंदी कानून लागू है ऐसे में बिहार के किसी हिस्से में शराब से जुड़ी हर गतिविधि चाहे बिक्री हो या सेवन प्रतिबंधित है। इस कानून को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार कई बार सवालों के घेरे में रहे हैं।

वक्त वक्त पर कानून में कई संसोधन भी किए गए है, इसी बीच Patna High Court ने बिहार में लागू शराबबंदी कानून पर एक अहम् फैसला सुनाया है।

होटल मामले में आया फैसला

कोर्ट का यह आदेश शराबबंदी कानून तोड़ने से जुड़ा हुआ है, कोर्ट ने यह फैसला मुजफ्फरपुर के याचिकाकर्ता होटल मालिक के मामले में सुनाया है। याचिकाकर्ता का यह मामला साल 2017 का है।

पटना हाईकोर्ट ने अपने एक महत्वपूर्ण निर्णय से यह स्पष्ट किया हैं कि शराबबंदी कानून को तोड़ने वाला अभियुक्त यदि घटना स्थल परिसर का किरायेदार है। उक्त अपराध में मकान मालिक की कोई संलिप्तता नहीं रहती हैं, तो उस भवन या परिसर को राज्य द्वारा जब्त किया जाना गैरकानूनी हैं।

जस्टिस पी बी बजनथरी और जस्टिस रमेश चंद मालवीय की खंडपीठ ने राकेश कुमार की रिट याचिका को मंजूर करते हुए यह निर्णय सुनाया।

मुजफ्फरपुर के है याचिकाकर्ता

याचिकाकर्ता मुजफ्फरपुर स्थित चंद्रलोक कॉन्टिनेंटल नामक होटल का मालिक था। उसने रिजवान नाम के व्यक्ति को ये भवन को होटल के रूप में चलाने के लिए 1 जून, 2016 को लीज पर लिया था। लीज की अवधि 30.4.2017 तक की थी।

30 अगस्त, 2016 को पुलिस ने उक्त होटल से 2.25 लीटर शराब की एक बोतल मिलने के कारण शराबबंदी का केस रिजवान पर चला। मई 2017 में होटल को जब्त किया गया।

अधिकारीयों को फटकार

खंडपीठ ने इस बात पर हैरानी जताई कि आबकारी अधिकारियों ने उक्त होटल को सिर्फ इस बात के लिए सील कर राज्यसात किया, क्योंकि उक्त होटल की लीज अनिबंधित थी।

फैसले में कोर्ट ने यह भी कहा कि ये अधिकारियों का मनमानापन हैं, जब प्राथमिकी और अनुसंधान में मकान मालिक की संलिप्तता नहीं मिली तो फिर उसके होटल वाले भवन को सील करना गैरकानूनी है।