NEET UG Result 2023: माता पिता चलाते है चाट की दूकान, बेटी ने NEET में पाई सफलता, ऐसे की तैयारी

इस बार NEET UG Result 2023 बहुत चौंकाने वाला रहा। साधारण और माध्यम वर्गीय परिवार के बच्चों ने असाधारण परिणाम लाकर अपने माता-पिता का नाम रोशन किया है। बात करे यदि बिहार के गया शहर की रहने वाली तृप्ति राज की तो उन्होंने भी बेहतर प्रदर्शन किया है और 6792 रैंक लाकर अपने परिवार तथा जिले का नाम रौशन किया है।
तृप्ति बहुत ही साधारण परिवार की लड़की है और उनके पिता चाट की दुकान लगाते हैं। ऐसे तृप्ति ने अपने कठिन परिश्रम से आसाधारण परिणाम लाकर नीट की परीक्षा पास की है। आईये जानते है उनके सफलता की कहानी……….
चाट दुकान चलाकर बेटी को बनाया डॉक्टर
तृप्ति ने दूसरे अटेम्प्ट में नीट यूजी के परीक्षा क्वालीफाई की है और 720 में से 651 अंक प्राप्त हुए हैं। उन्होंने अपनी दसवीं तक की पढ़ाई डीएवी मानपुर से पूरी की है। जबकि इंटरमीडिएट की पढ़ाई केंद्रीय विद्यालय 1 से हुई है। बचपन से ही डॉक्टर बनने का ख्वाब देखने वाली तृप्ति का आज सपना पूरा हो गया है।
तृप्ति के इस सपने को पूरा करने में उनके माता-पिता का महत्वपूर्ण योगदान रहा है। तृप्ति के माता पिता (प्रीति केसरी और विजय राज केसरी) शहर के रमना रोड में चाट का दुकान चलाते है।
चाट दुकान चलाकर अपनी बेटी को डॉक्टर बनाना किसी सपने से कम नहीं था, लेकिन आज वह सपना इनकी बेटी तृप्ति ने पूरा कर दिखाया है।
डॉक्टर बन करेंगी निःशुल्क सेवा
तृप्ति को फिजिक्स में 99.82 परसेंटाइल, केमिस्ट्री में 99.94 परसेंटाइल जबकि बायोलॉजी में 95.28 परसेंटाइल मिले हैं। कुल मिलाकर तृप्ति को 99.66 परसेंटाइल प्राप्त हुआ हैं। उनकी ऑल इंडिया रैंक 6792 जबकि कैटेगरी रैंक 2417 है।
मीडिया से बात करते हुए तृप्ति राज ने बताया कि इंटरमीडिएट में जाने के साथ ही मेडिकल की तैयारी शुरू कर दी थी। उनका बचपन से ही शौक था कि वह एक डॉक्टर बने और डॉक्टर बनकर सप्ताह में 1 दिन गरीबों को निशुल्क सेवा करें।
तृप्ति ने ऐसे की तैयारी
तृप्ति के माता-पिता चाट दुकान चलाते हैं। उन्होंने कभी किसी तरह की कोई दिक्कत नहीं होने दी। 2022 में पहला अटेम्प्ट दिया था जिसमें 594 अंक प्राप्त हुए थे और सिर्फ दो अंक से एमबीबीएस नहीं मिला था। लेकिन इस बार अच्छे अंक मिले हैं और उम्मीद है बेहतर कॉलेज मिलेगी।
उन्होंने बताया कि मेडिकल की तैयारी के लिए अनअकैडमी का ऑनलाइन क्लासेस किया और घर बैठे ही इसकी तैयारी कर रहे थे। उन्होंने बताया कि वह अपने माता-पिता की अनुपस्थिति में चाट दुकान भी संभालती थी। तृप्ति सिर्फ दो बहने हैं। इनकी छोटी बहन अभी दसवीं की पढ़ाई कर रही है।
चाट बेचकर अपनी बेटी को पढ़ाया
तृप्ति के इस उपलब्धि पर इनके परिवार में काफी खुशी का माहौल है। तृप्ति के माता प्रीति केशरी ने बताया कि चाट बेचकर बहुत कठिनाइयों के साथ अपनी बेटी को पढ़ाया है और आज वह हम लोगों का सपना पूरा करने जा रही है। हम लोग यही कामना करते हैं कि वह देश का एक बेहतर डॉक्टर बने और गरीबों को निःशुल्क इलाज करें।