Bihar Teacher News: बिहार के शिक्षक अब नहीं बना पाएंगे इंस्टाग्राम रील्स और शॉर्ट्स वीडियो, चैट पर भी पाबन्दी, जानिए नया आदेश

बिहार में शिक्षकों के लिए रोज नए नियम और आदेश लागू किये जा रहे है। अब बिहार शिक्षा विभाग (Education Department Bihar) के अपर मुख्य सचिव ने आदेश जारी कर बिहार के सरकारी स्कूलों में शिक्षकों के मोबाइल फोन चलाने पर रोक लगा दी है।
इससे पहले बिहार के सरकारी स्कूल के शिक्षकों की ऑनलाइन हाजिरी शुरू किये जाने की खबर सामने आई थी। आपको बता दे की शिक्षा विभाग ने एक और फरमान जारी कर शैक्षणिक और गैर शैक्षणिक कर्मियों के जीन्स टी-शर्ट पहन कर कार्यालय आने पर भी पाबन्दी लगा दी है।
बिहार के शिक्षक नहीं बना पाएंगे इंस्टाग्राम रील्स और शॉर्ट्स वीडियो
अब बिहार के 80 हजार सरकारी स्कूलों में नियुक्त शिक्षक अब स्कूल अवधि में अनावश्यक मोबाइल चलाने में व्यस्त नहीं रह पायेंगे। शिक्षा विभाग ने स्कूल अवधि में शिक्षकों की वाट्सएप (WhatsApp) व अन्य चैटिंग पर भी रोक लगा दी है।
इसके साथ ही शिक्षक शॉर्ट वीडियो (Shorts Video) और इंस्टाग्राम रील्स (Instagram Reels) भी नहीं बना पाएंगे। उसके लिए भी साफ़ मनाही कर दी गयी है। अब शिक्षक केवल शैक्षणिक गतिविधियों के लिए और जरूरी कॉल ही कर सकते है।
इसके लिए प्रधानाध्यापकों को सख्त निगरानी के लिए कहा गया है। शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक ने सभी जिला शिक्षा पदाधिकारियों को इस आदेश को कड़ाई से लागू करने को कहा है।
शिक्षक केवल इस तरह कर सकते है मोबाइल का इस्तेमाल
केके पाठक ने आदेश जारी कर कहा कि – “सभी शिक्षक स्कूल समय से आ-जा रहे हैं। अधिकांश शिक्षक निष्ठापूर्वक शिक्षण कार्य में लगे रहते हैं, लेकिन इनमें से कुछ शिक्षक ऐसे भी हैं जो बच्चों को टास्क देकर वाट्सएप और रील्स देखने में लग जाते हैं। इसलिए विभाग ने इस पर सख्ती लगाते हुए स्कूल अवधि में इस तरह के सोशल मीडिया (Social Media) में व्यस्त रहने पर रोक लगायी है।”
अपर मुख्य सचिव ने स्पष्ट किया है कि अब शिक्षक केवल अनिवार्य काॅल या शैक्षिक गतिविधियों के लिए ही मोबाइल का उपयोग कर सकेंगे।
क्यों लिया गया ऐसा फैसला?
विभाग द्वारा जारी निर्देश में कहा गया है कि कई शिक्षक अभी भी ऐसे हैं, जो शैक्षणिक गतिविधियों के दौरान अपने फोन पर वाट्सएप चैटिंग और दूसरी गतिविधियों पर लिप्त रहते हैं। इससे पठन-पाठन पर ख़राब असर पड़ रहा है। इस तरह की रिपोर्ट आने के बाद विभाग की तरफ से यह सख्त कदम लिया गया है।
निरीक्षण के दौरान शिक्षकों की उपस्थिति पर विभाग का खास फोकस रहा। इसका काफी फायदा भी हुआ है। अधिकतर शिक्षक अब स्कूल आने भी लगे हैं। अब विभाग का फोकस है कि जो शिक्षक आयें, वह केवल शैक्षणिक गतिविधियों में ही शामिल रहे हैं।