Bihar Rail Update: अब ट्रेनें नहीं होगी लेट, गंतव्य पर पहुंचेंगी समय से पहले, रेलवे अपना रहा नया ट्रिक

भारतीय रेलवे अपनी बेहतर सेवाओं के लिए लगातार अपने में कई बदलाव करते रहता है,और उसे बीते कई दिनों से यात्रियों की लगातार शिकायत मिल रही थी, कि ट्रेन लेट चल रही है, जिससे यात्रियों को काफी नुकसान भी उठाना पड़ रहा था।

इन्हीं सब शिकायतों को देखते हुए रेलवे ने एक नई ट्रिक अपनाई है। जिसे रेलवे के टेक्निकल भाषा में लूजटाइमिंग कहा जाता है। क्या है ये लूज़टाइमिंग और कैसे यह रेलवे और उसके यात्रियों के लिए सहयोगी है, आइए आपको बताते हैं इस लेख के माध्यम से।

क्या है लूजटाइमिंग

आपको बता दें कि लूजटाइमिंग के कारण ट्रेनों को अपने हजार किलोमीटर के सफर में लगभग 2 घंटे से ज्यादा का व्यर्थ समय लगता है।इंडियन रेलवेज द्वारा यह फैसला किया गया है कि ट्रेनों में लिए जाने से विलंब से चलने वाली ट्रेनें, ज्यादा समय तो ले रही हैं लेकिन अंतिम स्टेशन पर समय से पहले पहुंच जा रही है। इसके अलावा यात्रियों की यह शिकायत की ट्रेनें अपने डेस्टिनेशन पर लेट से पहुंचती है उसका भी समाधान हो रहा है।

क्यों अपनाया जा रहा लूज टाइमिंग

रेलवे द्वारा लूजटाइमिंग जैसी ट्रिक को इसलिए अपनाया जा रहा है ताकि ट्रेनों को उनके डेस्टिनेशन पर सही समय पर पहुंचाया जा सके। रेलवे के द्वारा रास्ते में लेट हो जाने वाली ट्रेनों को समय से उसके गंतव्य स्टेशन तक पहुंचाने के लिए लूजटाइमिंग का सहारा लिया जा रहा है।

अगर ट्रेन रास्ते में लेट  भी हो गई है, फिर भी ट्रेन अपने अंतिम दो स्टेशनों के बीच समय अंतराल अधिक रखकर गंतव्य पर ठीक समय से पहुंच जा रही है। अतः रेलवे इस नुस्खे से समय पर गाड़ियों को गंतव्य स्टेशनों पर पहुंचा रहा है।

यात्रियों की सुविधा के लिए

रेलवे द्वारा लूज टाइमिंग उपयोग में लाने से ट्रेन ने अपने बोर्डिंग स्टेशन से  यदि विलंब से भी चलती है तो, भले ही उन्हें समय ज्यादा लगता है लेकिन अपने अंतिम स्टेशन पर वह समय से पूर्व ही पहुंच रही है।

इसका उदाहरण बीते दिनों देखने को मिला आपको बता दें कि 24 जुलाई को हावड़ा से 13021 हावड़ा रक्सौल मिथिला एक्सप्रेस दोपहर 3:45 के बदले 3:46 बजे चली और अपने बोर्डिंग स्टेशन से लेट में खुलने के बावजूद भी अपने डेस्टिनेशन पर 45 मिनट पहले ही पहुंच गई ट्रेन सुबह 9:00 के बदले 25 जुलाई को 8:15 बजे ही रक्सौल स्टेशन पर पहुंच गई थी।

हालांकि हावड़ा से लेट खुलने के कारण अन्य स्टेशनों पर भी यह ट्रेन लेट से ही पहुंची यह दुर्गापुर स्टेशन पर 20 मिनट, आसनसोल में 25 मिनट, चितरंजन में 35 मिनट बछवाड़ा में 23 मिनट विलंब से पहुंची थी।इन सबके बावजूद यह ट्रेन ढोली स्टेशन पर समय से पहुंच गई और मुजफ्फरपुर 17 मिनट पहले और रक्सौल 45 मिनट पहले पहुंच गई थी।

रेलवे कर रहा पंक्चुअलिटी रैंकिंग में सुधार

आपको बता दें कि भारतीय रेलवे पंक्चुअलिटी रैंकिंग में सुधार करना चाह रहा है इसलिए लगातार कई अलग-अलग ट्रिक्स को अपनाकर ट्रेनों को स्टेशन पर समय से पहुंचाने की कोशिश में लगा हुआ है।

और अब लूजटाइमिंग यानी ट्रेन के अंतिम 2 स्टेशनों पर समय का अंतराल अधिक निर्धारित किया जा रहा है जिससे ट्रेनों को रास्ते में लेट होने के बाद भी अपने डेस्टिनेशन स्टेशन पर समय से पूर्व पहुंचाया जा सके।

लूज टाइमिंग वाली प्रमुख ट्रेनें

  • गाड़ी संख्या 125 56 संपर्क क्रांति मोतीपुर – मुजफ्फरपुर दूरी 27 किलोमीटर और निर्धारित समय 63 मिनट
  • गाड़ी संख्या 13021 मिथिला राम गढ़वा – रक्सौल दोनों स्टेशनों के बीच की दूरी 15 किलोमीटर और इसका निर्धारित समय 60 मिनट है
  • गाड़ी संख्या 15028 मौर्य रांची – हटिया दोनों के बीच की दूरी 8 किलोमीटर और निर्धारित समय 25 मिनट रखी गई है।