बिहार में जनता को सौंपा गया मुंगेर गंगा ब्रिज अप्रोच, लोकार्पण के बाद ही पुल के ऊपर चढ़े हजारों लोग, देखे तस्वीरें

Munger Ganga Bridge approach handed over to the public in Bihar

सीएम नीतीश कुमार व केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने बिहार के मुंगेर में मणि नदी पर बने घोरघट पुल व मुंगेर रेल सह सड़क पुल का लोकार्पण किया। इसके साथ ही इन दोनों ही रास्तों पर आवाजाही शुरू हो गई। हालाँकि केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जुड़े। रेल सह सड़क पुल के एप्रोच रोड के लोकार्पण के बाद ही खगड़िया, बेगूसराय और मुंगेर के लोग पहली बार पूल पर चढ़ कर आनंद उठाने को उतावले हो उठे।

हजारों की संख्या में लोग और मोटर गाड़ियां अचानक ही पुल पर चलने लगे और अचानक जाम की स्थिति पैदा हो गई। मुंगेर में बने इस 14.5 किलोमीटर लंबे एनएच 333बी के अन्तर्गत गंगा नदी पर रेल-सह-सड़क पुल की पहुंच पथ परियोजना करीब 19 साल बाद पूरी हुई। इस रोड ब्रिज के करीब 14.5 किलोमीटर अप्रोच रोड के निर्माण में 696 करोड़ रुपये खर्च हुए।

Nitish Kumar and Union Minister Nitin Gadkari inaugurated Bihar Ghorghat bridge and Munger rail cum road bridge
नीतीश कुमार व केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने बिहार के घोरघट पुल व मुंगेर रेल सह सड़क पुल का लोकार्पण किया

प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने किया था शिलान्यास

आपको बता दे की प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने अपने जन्मदिन के दिन यानी 26 दिसंबर 2002 को मुंगेर रेल रोड ब्रिज का शिलान्यास किया था। उस दौरान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार केंद्र में रेल मंत्री थे और इस कार्यक्रम में भी मौजूद थे। इसके बाद 2016 में तत्कालीन रेल राज्य मंत्री मनोज सिन्हा ने इसके रेल पुल वाले हिस्से का उद्घाटन किया था। इसके बाद से इस पुल पर रेल का चलना शुरू हो गया था। लेकिन सड़क पुल के लिए अप्रोच रोड को लेकर अड़चन आ रही थी।

बिहार में लगातार हो रहा विकास

People got excited to enjoy climbing the pool for the first time
लोग पहली बार पूल पर चढ़ कर आनंद उठाने को उतावले हो उठे

लोगों ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि काफी अच्छा महसूस हो रहा है। बिहार में लगातार विकास हो रहा है।अब बेगूसराय और मुंगेर की दूरी और खगड़िया की दूरी कम हो गई है। लोगों को इस बात का सुखद अनुभव हो रहा था कि कल तक जहां नाव से आते-जाते थे वहां गाड़ियों से फर्राटा भरते हुए महज 5 से 10 मिनट में ही इस पार से उर पार चले जा रहे थे।  लोग अपनी खुशी का इजहार करते हुए यह गीत भी गा रहे थे – ऊपर हवा गाड़ी, बीचे रेल गाड़ी, नीचे बहे गंगा धार हो…

बरसों पुरानी मुरादें हुई पूरी

वहीं पुल के उद्घाटन के बाद नितीश कुमार ने खुशी जताते हुए कहा कि अब भागलपुर बिहार के अन्य जिलों से नजदीक से जुड़ गया है। यहां के लोगों की बरसों पुरानी मुरादें पूरी हो गईं है। 19 साल बाद इस पुल का उद्घाटन हो सका। घोरघट ऐतिहासिक दृष्टिकोण से भी महत्वपूर्ण है क्योंकि महात्मा गांधी के हाथ में हमेशा दिखने वाली लाठी इसी गांव के लोगों ने उन्हें भेंट की थी।