बिहार में बनेगा मेगा टेक्सटाइल पार्क, 1700 एकड़ जमीन चिन्हित, बढ़ेंगे रोजगार के अवसर

Mega Textile Park to be built in-Bihar

बिहार के लोगों के लिए खुशखबरी है। जल्द ही राज्य में मेगा टेक्सटाइल पार्क बनने जा रहा है। जिसको लेकर तैयारी काफी जोरों शोरों से चल रही है।

टेक्सटाइल पार्क बनने से लोगों के लिए रोजगार के मौके बनेंगे। जानकारी के अनुसार यह बिहार का सबसे बडा टेक्टाइल पार्क होगा।

Cabinet approves 7 mega integrated textile parks with Rs 4,445 c
बिहार में मेगा टेक्सटाइल पार्क बनने जा रहा

इसके निर्माण से बिहार में काफी बदलाव देखने को मिलेगें। इस प्रोजेक्ट के लिए उत्तर प्रदेश से लगकर 1700 एकड़ जमीन को भी फाइनल कर दिया गया है।

लोगों को मिलेगा रोजगार

यह पार्क रतवाल में बनने जा रहा है। बताया जा रहा है कि यह टेक्सटाइल का सबसे बड़ा पार्क बनेगा। इसके साथ ही इस प्रोजेक्ट के शुरू होने से लोगों को रोजगार भी प्राप्त होगा।

The creation of a textile park will create employment opportunities for the people.
टेक्सटाइल पार्क बनने से लोगों के लिए रोजगार के मौके बनेंगे

डीएम के निर्देश के बाद इस योजना को एसडीएम दीपक मिश्रा ने भी काम को शुरू कर दिया है। एसडीएम ने बताया कि स्थानीय लोगों को रोजगार देने के लिए यह एक बड़ा कदम उठाया जा रहा है।

बिहार-उत्तर प्रदेश को जोड़ेगा ये प्रोजेक्ट

इस प्रोजेक्ट के लिए विशेषज्ञों की टीम को नियुक्त किया गया है जो कि लगातार इस पर नजर रखेगी। इसके अलावा बरसात के मौसम में जलजमाव को लेकर भी एसडीएम ने जल संसाधन विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक की और इससे निपटने के लिए कई कार्य किये जा रहे हैं।

Team of experts is continuously inspecting the site
एक्सपर्टों की टीम स्थल का लगातार निरीक्षण कर रही

टेक्सटाइल पार्क को हवाई मार्ग से जोड़ने के भी प्रयास किये जा रहे हैं क्योंकि उत्तर प्रदेश के कुशीनगर अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे की दुरी महज 60 किलोमीटर है।

इस तरह से देश और विदेश में हवाई संपर्क बना रहेगा। इसके साथ ही सरकार ने बिहार और उत्तर प्रदेश को जोड़ने वाली जमीन को औद्योगिक हब के लिए इस्तेमाल किया जायेगा।

लेना होगी अनापत्ति प्रमाण पत्र

Efforts are also made to connect the textile park by air
टेक्सटाइल पार्क को हवाई मार्ग से जोड़ने के भी प्रयास

टेक्सटाइल पार्क को 1700 एकड़ की जमीन में तैयार किया जायेगा। इसके संबंध में जुड़े सभी विभागों से अनापत्ति प्रमाण पत्र पर अनुमति हासिल की जा रही है। इस प्रोजेक्ट में विशेष अनुमति के लिए जल विभाग और वन विभाग की जरूरत है, जिनसे अनापत्ति प्रमाण की मांग की गई है।’