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बिहार के इस DM की अनोखी पहल! बैलून से सजा स्कूल, बैंड बाजे के साथ एक ही दिन में 13422 बच्चों का हुआ एडमिशन

बिहार में शिक्षा का स्तर काफी निचे है, खासतौर से बिहार के सीमांचल इलाके में यह दर और भी कम है। छोटे छोटे बच्चे आंगनवाड़ी के बाद स्कूल की पढाई भी पूरी नहीं कर पा रहे है जिस वजह से इस मामले में सुधार नहीं हो रहा है।

इसी को देखते हुए बिहार के एक जिलाधिकारी ने अपने जिले में बच्चों के स्कूलों में एडमिशन को लेकर एक विशेष अभियान चलाया और एक ही दिन में हजारों बच्चों को आंगनवाड़ी से स्कूल तक पहुंचाया।

जिलाधिकारी की अनोखी पहल

हम बात कर रहे बिहार राज्य के पूर्णिया जिले की जहाँ के डीएम ने एक ही दिन 13422 बच्चो का एडमिशन करा कर एक मिसाल कायम किया है। इस अनोखी पहल की शुरुआत को धूमधाम बेंड बाजो के साथ बैलून से  स्कूल को सजाकर बच्चो का एडमिशन कराया गया।

डीएम ने कराया स्कूल में दाखिला

आपको बता दे कि संविधान संशोधन विधेयक 86 के एक्ट 21A  के तहत 6 साल से 14 साल के बच्चो को मुफ्त और अनिवार्य शिक्षा का प्रावधान है। हमारे देश में कोई भी बच्चा शिक्षा से वंचित न रहे इसलिए सरकार ने फ्री में शिक्षा दे रही है।

लेकिन इसके बाद भी हमारे देश में ऐसे बहुत से बच्चे शिक्षा से ड्राप आउट हो जाते है। इसी के बीच बिहार के डीएम ने स्कूल चले हम अभियान के तहत पूर्णिया जिले में 1 दिन में 13422 बच्चो का सरकारी स्कूल में एडमिशन कराया। आपको बता दे कि ये सभी बच्चे आंगनवाड़ी केंद्र से थे, इन बच्चो के एडमिशन करने के लिये डीएम ने बेंड बाजो से और स्कूल को सजाकर बच्चो का एडमिशन कराया।

समारोह में शामिल हुए अधिकारी

बच्चो के एडमिशन स्कूल में करने के लेकर विद्यालय में समारोह का आयोजन किया गया जिसमे डीएम कुंदन कुमार, अपर समाहर्ता केडी प्रज्वल, डीडीसी साहिला, जिला शिक्षा पदाधिकारी शिवनाथ रजक और भी अधिकारी शामिल हुए। इस समारोह में डीएम कुंदन कुमार ने कहा की आंगनवाड़ी में पढ़ने वाले बच्चे आईसीडीएस के अंतर्गत आते हैं जिसके तहत स्कूल शिक्षा विभाग के अंतर्गतआता है। इसलिए दोनों में समन्वय स्थापित कर आंगनवाड़ी केंद्र में पड़ने वाले जितने भी बच्चे जिनकी आयु 6 वर्ष से अधिक थी उन सभी बच्चो को  मध्य विद्यालयों में टैग करा कर वेलकमिंग माहौल में उनका एडमिशन करवाया गया है।

क्या कहते है जिलाधिकारी कुंदन

इसके साथ ही डीएम कुंदन कुमार ने बताया कि बच्चो के एडमिशन के साथ ही उन्हें पढ़ाई करने के लिए मुफ्त में किताब और कापिया भी दी गई  जिससे वह जल्द से जल्द पढ़ाई शुरू करे। उन्होंने यहाँ भी कहा कि उनका मुख्य उद्देश्य बच्चो को उचित शिक्षा देना है कोई भी बच्चा बिना शिक्षा का न रहे और ड्रॉपआउट न करे। जिससे जिले की साक्षरता दर बढ़े।

इस अभियान को बढ़ावा देने के लिए उन्होंने के टीम भी बनायीं है। यह सब उन बच्चो पर निगरानी रखेंगे की बच्चे ड्रॉपआउट तो नहीं ही रहे है। साथ ही जो बच्चे ग्रामीण क्षेत्र से स्कूल पढ़ने नहीं आ रहे है उन सभी का एडमिशन स्कूल में करवाए।

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