Bihar Shikshak Bharti: काउंसलिंग में हजारों चयनित अभ्यर्थी नहीं हुए शामिल, 1.70 लाख पदों में से इतने रह गए खाली

many selected candidates did not participate in bpsc tre counselling

बिहार लोक सेवा आयोग की ओर से जारी बिहार शिक्षक भर्ती प्रक्रिया अब अपने अंतिम चरण में है। लेकिन इस बीच एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है। दरअसल 1.70 लाख शिक्षक भर्ती परीक्षा के बाद कुल 1 लाख 22 हजार शिक्षक अभ्यर्थियों का चयन हुआ है लेकिन हजारों चयनित अभ्यर्थियों ने काउंसलिंग नहीं कराई है।

प्राप्त जानकारी के अनुसार लगभग 10 हजार शिक्षक अभ्यर्थी काउंसलिंग में शामिल नहीं हुए है। अब ऐसे में पहले चरण की शिक्षक नियुक्ति प्रक्रिया के बाद कई पद खली रह जाएंगे।

1.70 लाख पदों में से इतने रह गए खाली

बिहार शिक्षक भर्ती के काउंसलिंग के दौरान 10 हजार शिक्षक अभ्यर्थियों ने हिस्सा नहीं लिया है। जिसके बाद से ये पद खली रह गए है। पहले से ही पहले चरण की बहाली में 50 हजार से अधिक सीटें खाली रह गई थी, अब यह संख्या 60 हजार के पार हो गई है।

60 thousand seats remained vacant in the first phase of Bihar teacher recruitment
बिहार शिक्षक भर्ती के पहले चरण की बहाली में 60 हजार सीटें रह गई खाली

गौरतलब है की बिहार के नव चयनित शिक्षकों को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार 02 नवंबर 2023 को नियुक्ति पत्र सौंपेंगे। जिसके बाद से सभी का इंडक्शन ट्रेनिंग शुरू की जाएगी। यह ट्रेनिंग 04 नवंबर 2023 से प्रदेश के 77 शैक्षणिक संस्थानों में मिलेगी।

छठ के बाद होगी स्कूलों में पोस्टिंग

हालांकि पहले से नियुक्त शिक्षकों को इंडक्शन ट्रेनिंग की आवश्यकता नहीं पड़ेगी, उन्हें सिर्फ चयनित जिले में जाकर नियुक्ति पत्र लेना होगा। पहले से नियुक्त शिक्षकों को नियुक्ति पत्र लेकर मूल विद्यालय में योगदान करना होगा। छठ के बाद सॉफ्टवेयर से स्कूलों में पोस्टिंग होगी। आवंटित जिले में ही पोस्टिंग के बाद योगदान देना होगा।

ग्रामीण स्कूलों में पदस्थापित होंगे नए शिक्षक

इसके अलावा नवनियुक्त शिक्षकों के पदस्थापन में गांवों के स्कूलों को प्राथमिकता दी जाएगी। जिलों से प्राप्त रिपोर्ट बताती है कि शहरों के मुकाबले ग्रामीण क्षेत्रों में अवस्थित स्कूलों में छात्रों के अनुपात में शिक्षक कम हैं।

इसको देखते हुए विभाग ने यह फैसला लिया है। इसी के हिसाब से नवनियुक्त शिक्षकों को स्कूल आवंटित करने की तैयारी चल रही है। विभाग से प्राप्त जानकारी के मुताबिक नौवीं-दसवीं के शिक्षकों के सभी पद उन उत्क्रमित माध्यमिक स्कूलों को दिये गये हैं, जो ग्रामीण क्षेत्रों में स्थापित हैं।

वहीं, 11 वीं और 12 वीं के अधिकांश शिक्षकों के पद भी ग्रामीण क्षेत्रों के स्कूलों में ही खाली पड़े हुए हैं। कमोवेश प्राथमिक विद्यालयों में भी यही स्थिति है। वहीं, जिला शिक्षा पदाधिकारी की अनुशंसा पर शहर के स्कूलों में भी पदस्थापन किये जाएंगे।

हालांकि, ये वैसे स्कूल होंगे जहां छात्र अधिक हैं और शिक्षक काफी कम। इसी हिसाब से सॉफ्टवेयर में स्कूलों के नाम और विषयवार पद अपलोड किये जा रहे हैं। शिक्षकों के नाम भी दर्ज किए जाएंगे।

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