Patna Metro Project: पटना मेट्रो निर्माण कार्य की लेटेस्ट तस्वीरें आई सामने, इस दिन से दौड़ेगी मेट्रो
Patna Metro Project: बिहार की राजधानी पटना में मेट्रो का निर्माण कार्य लगातार जारी है. पटना मेट्रो का अंडरग्राउंड रास्ता अब अपने आकार में आता दिखाई देने लगा है.
पटना मेट्रो निर्माण कार्य की लेटेस्ट तस्वीरें (Patna Metro Photos) सामने आई है, जिसके बाद ऐसे कयास लगाए जा रहे है की पटना में जल्द ही मेट्रो दौड़ना शुरू हो जाएगी। आईये देखते है फोटोज.
पटना मेट्रो के दो सुरंग में एक की खुदाई पूरी

दरअसल पटना मेट्रो प्रोजेक्ट के तहत मोइनुल हक स्टेडियम से पटना विश्वविद्यालय तक दो सुरंग में एक की 1100 मीटर और दूसरे की 700 मीटर खुदाई पूरी हो चुकी है.
जिसके बाद इस खंड के एलिवेटेड सेक्शन (मलाही पकड़ी से आइएसबीटी) के साथ ही अंडरग्राउंड सेक्शन (राजेंद्र नगर से अशोक राजपथ होते हुए पटना जंक्शन तक) का सिविल ही नहीं, इलेक्ट्रिक व मैकेनिकल आदि कार्य पूरा करते हुए मेट्रो ट्रेनों का परिचालन जल्द शुरू होने जा रहा है.
मोइनुल हक स्टेडियम से पटना विवि तक अंडरग्राउंड खुदाई
हालांकि पटना मेट्रो के कॉरिडोर एक यानि दानापुर से बेली रोड होते हुए खेमनीचक तक अभी अंडरग्राउंड सेक्शन का काम शुरू नहीं होने से इसका लक्ष्य अब तक पूरा नहीं हो सका है.
हाल ही में दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन (DMRC) ने पहली बार मोइनुल हक स्टेडियम से पटना विवि तक अंडरग्राउंड सेक्शन की चल रही खुदाई कार्य से मीडिया को अवगत करवाया.

इस दौरान डीएमआरसी के एडवाजर (विशेष कार्य) दलजीत सिंह एवं निदेशक कार्य अजय कुमार के साथ ही इस प्रोजेक्ट से जुड़े अन्य अधिकारी भी वहां मौजूद थे.
इस दिन से दौड़ेगी पटना मेट्रो
पटना मेट्रो निर्माण कार्य में जुटे अधिकारियों के अनुसार स्टेडियम से यूनिवर्सिटी तक 1500 मीटर की चल रही अंडरग्राउंड खुदाई में उतारी गयी दो टनल बोरिंग मशीन (टीबीएम) में से एक टीबीएम ने 1100 मीटर जबकि दूसरे टीबीएम ने करीब 700 मीटर की खुदाई पूरी कर ली है.

आने वाले दो से तीन महीने के भीतर बाकी बचे काम को पूरा करने का टारगेट रखा गया है. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार पटना मेट्रो का कॉरिडोर दो यानि आइएसबीटी से पटना जंक्शन वाया अशोक राजपथ, राजेंद्र नगर) फरवरी 2027 तक चालू हो सकता है.
आम जनता का भी सहयोग मांगा

सलाहकार दलजीत सिंह ने पटना मेट्रो निर्माण में उच्च सुरक्षा मानदंडों व सफाई व्यवस्था की जानकारी शेयर करते हुए निर्माण परिसरों को स्वच्छ रखने में आम जनता का भी सहयोग मांगा.
इस दौरान उन्होंने कहा की – “निर्माण बैरिकेडिंगों पर पान की पीक, थूक व गंदगी फेंके जाने से उनको साफ करने में काफी पानी और मैनपावर खर्च होता है.”
दूसरे शहरों के मुकाबले लग रहा थोड़ा अधिक समय

दलजीत सिंह ने आगे कहा कि – “पटना की मिट्टी क्ले (चिकनी) होने की वजह से खुदाई में दूसरे शहरों के मुकाबले थोड़ा अधिक समय लग रहा है.”
निर्माण जटिलताओं की चर्चा करते हुए उन्होंने बताया कि अंडरग्राउंड खुदाई शुरू करने से पहले 1500 से अधिक भवनों की स्थिति का सर्वे किया गया था. जिसके साथ ही 100 से अधिक बोरिंग को स्थानांतरित किया गया.
मीडिया के सवाल पर उन्होंने कहा कि – “भूकंप की दृष्टि से संवेदनशील होने की वजह से इसके स्ट्रक्चर को जोन-5 कंडीशन के हिसाब से डिजाइन किया गया है.”
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