Bihar Development: बिहार में बन रहा देश का सबसे लंबा सड़क पुल, जमीन की कीमत सुन हो जाएंगे हैरान

पुरे भारत के साथ साथ बिहार में भी इंफ्रास्ट्रक्चर का विकास किया जा रहा है. इसी क्रम में देश के सबसे लंबे सड़क पुल का भी निर्माण बिहार का शोक कहे जाने वाली कोसी नदी किया जा रहा है.
हाल फिलहाल में इस पुल के बनने की कुछ तस्वीरें सामने आई है. ऐसे में इस पुल के बनने के बाद से इसके आसपास के इलाकों में जमीन की कीमतें आसमान छूने लगी है.
मधुबनी और सुपौल के बीच देश का सबसे लंबा सड़क पुल
अक्सर ऐसा देखा गया है की जिस किसी इलाके में इंफ्रास्ट्रक्चर क्षेत्र में कार्य होता है वहां की जमीन की कीमतों में भी काफी इजाफा देखने को मिलने लगता है.

बिहार में भी कुछ ऐसा ही वाकया सामने आ रहा है. दरअसल राज्य के कोसी नदी पर मधुबनी के भेजा और सुपौल के बकौर के बीच देश का सबसे लंबा सड़क पुल बनाया जा रहा है.
जमीन की कीमतें सुनकर हो जाएंगे हैरान
अब ऐसे में इस पुल निर्माण के कारण से आसपास के इलाकों में जमीन की कीमतों में बेतहाशा वृद्धि देखने को मिल रही है. इस इलाके में जमीन की कीमतें सुनकर आप भी हैरान हो जाएंगे.
स्थानीय लोगों की माने तो सुपौल जिले में बकौर और भेजा के बीच बनने वाले पुल से जमीन की कीमतों में लगभग 50 गुना तक वृद्धि दर्ज की गई है. स्थानीय लोगों का कहना है कि कुछ वर्ष पहले तक जिस जमीन की कीमतें एक लाख भी नहीं थी. वहीं जमीन अब लाखों में बिक रहा है.
लगातार विकसित होते इंफ्रास्ट्रक्चर के कारण से एन एच 57 के किनारे की जमीन की कीमतें लाखों में पहुंच चुकी है. वहीं हाल बकौर भेजा के बीच बनने वाली पुल के आस-पास की जमीनों का भी हो गया है.
सड़क किनारे की जमीन 30 से 45 लाख रुपए प्रति कट्ठा

स्थानीय लोगों का कहना है की – “कभी जिन इलाकों धूल उड़ा करती थी और बारिश के दिनों में जलजमाव होता था. लोग जहां की जमीन हजारों में भी लेना मुनासिब नहीं समझते थे. वहां अब जमीन की कीमतें लाखों में पहुंच गयी हैं.”
इलाके के स्थानीय पूर्व उप मुखिया अजय कुमार झा ने कहा कि – “पुल की चर्चा होने से पहले इस इलाके में जमीन लेने वाला कोई नहीं था. लेकिन, अब सड़क किनारे की जमीन 30 से 45 लाख रुपए प्रति कट्ठा बिकने लगी है.
वहीं सड़क के थोड़ा अंदर वाले इलाके में भी जमीन भी 5 से 10 लाख रुपये प्रति कट्ठा बिक रही है.” बता दे की बिहार में बकौर से भेजा के बीच बन रहे पुल से विभिन्न इलाकों मे जाना आसान हो जाएगा.
इस वजह से बढ़ी जमीन की कीमतें
ऐसे में कई लोग पेट्रोल पंप, होटल व्यवसाय करने के उद्येश्य से यहां की जमीनों के प्रति आकर्षित हो रहे हैं. स्थानीय लोगों के अनुसार इस पुल के बनने के बाद से यहां देश-विदेश के लोग आएंगे.
ऐसे में बकौर-भेजा बाजार का भी विस्तार होगा. यही वजह है कि लोग अभी से ही यहां जमीन खरीदने में जुट गए हैं. समारिक दृष्टिकोण से महत्वपुर्ण इस पुल के निर्माण की वजह से लोगो के जमीन की कीमतें बढ़ गयी हैं.
Conclusion
मालूम हो की बिहार के बकौर एवं मधुबनी जिले के भेजा के बीच बन रहे देश के सबसे लंबे (10.2 किलोमीटर) महासेतु का निर्माण तेजी से किया जा रहा है.
केंद्रीय परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय से 1199 करोड़ 58 लाख रुपए की लागत से इस महासेतु का एप्रोच सहित निर्माण हो रहा है. जिसमे 1051.3 करोड़ रुपए से केवल पुल का निर्माण हो रहा है.
इसके निर्माण कार्य में दो-दो एजेंसियां लगी हुई है, जिसमें गैमन इंजीनियर्स एंड कांक्ट्रेक्टर्स प्राईवेट लिमिटेड और मेसर्स ट्रांस रेल लाईटिंग प्राईवेट लिमिटेड (ज्वाईंट वेंचर )शामिल हैं.
भारतमाला प्रोजेक्ट फेज-5 के तहत बन रहे इस पुल का 56 फीसदी काम पूरा किया जा चुका है. इस पुल के बन जाने के बाद से मधुबनी और सुपौल जिला मुख्यालय की दूरी भी घट कर लगभग 70 किलोमीटर हो जाएगी.
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