बिहार में कोचिंग पढ़ाने वाले शिक्षकों की खैर नहीं, KK Pathak ने जारी किया नया आदेश

नए साल के साथ केके पाठक का नया आदेश भी सामने आ चूका है. इस बार उनके राडार पर बिहार में कोचिंग पढ़ाने वाले शिक्षक आ गए है. जिसको लेकर केके पाठक ने राज्य के सभी जिलाधिकारियों को आवश्यक पहल करने का निर्देश जारी कर दिया है.
कोचिंग संस्थानों में जाकर बच्चों को पढ़ाने वाले इन शिक्षकों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी. आईये जानते है KK Pathak द्वारा जारी किया गया नया आदेश क्या है?
केके पाठक के निशाने पर ऐसे शिक्षक
एक बार फिर से बिहार के सख्त मिजाज अधिकारी और शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक (KK Pathak) भड़के हुए है. केके पाठक के निशाने पर इस बार ऐसे सरकारी शिक्षक आए हैं जो कोचिंग संस्थान में जाकर बच्चों को पढ़ाते हैं.
केके पाठक ने सभी जिलाधिकारियों को कोचिंग संस्थानों में जाकर बच्चों को पढ़ाने वाले सरकारी शिक्षकों पर सख्त कार्रवाई को लेकर आवश्यक पहल करने का निर्देश दिया है.
कोचिंग संस्थानों से यह लिखित रूप से लिया जाए
इस मामले पर केके पाठक ने कहा है कि – “कोचिंग संस्थानों में पढ़ाने के लिए शिक्षक स्कूल से छुट्टी के पहले ही चले जाते हैं, या छुट्टी ले लेते हैं. इस पर कड़ी निगरानी की आवश्यकता है.”
उन्होंने आगे कहा है कि – “कोचिंग संस्थानों से यह लिखित रूप से लिया जाए कि उनके यहां पर किसी भी सरकारी शिक्षकों की सेवा नहीं ली जाती है.”
KK Pathak ने जारी किया नया आदेश
इसके अलावा शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक ने सभी जिलों को निर्देश दिया है कि शिक्षकों के अवकाश लेने की मनोवृत्ति पर भी रोक लगाएं। एक साथ स्कूल में 10 प्रतिशत से ज्यादा शिक्षकों के छुट्टियां स्वीकृत नहीं किये जाए और इस बात को पूरी तरह से सुनिश्चत किया जाए.
वहीँ जिला शिक्षा पदाधिकारी के माध्यम से स्कूल के प्रधानाध्यापक को यह निर्देश देने को कहा जाए की वह एक साथ कई शिक्षकों को छुट्टी स्वीकृत न करे. जिसको लेकर केके पाठक ने सभी जिलाधिकारियों और उप विकास आयुक्तों को आवश्यक पहल करने का निर्देश दिया है.
सभी जिलाधिकारियों को केके पाठक ने लिखा पत्र
केके पाठक ने इस सबंध में सभी जिलाधिकारियों को लिखे पत्र में कहा है कि – “एक फरवरी 2024 से बोर्ड की वार्षिक परीक्षाएं शुरू होनी हैं। ऐसे में आवश्यक है कि सभी शिक्षक बच्चों को ठीक से पढ़ाएं।
शिक्षकों की उपस्थिति स्कूलों में बेहतर हो. शिक्षकों पर कड़ा अनुशासन बनाए रखने की आवश्यकता है. ऐसे भी देखा गया है कि बिहार लोक सेवा आयोग से चयनित करीब 50 शिक्षक योगदान देने के बाद भगोड़े हो गए हैं. ऐसे भगोड़े शिक्षकों को निलंबित करते हुए, उनपर विभागीय कार्रवाई शुरू करें।”
बता दे की बिहार बोर्ड परीक्षा 2024 (Bihar Board Exam 2024) को लेकर माध्यमिक स्कूलों में विशेष कक्षाएं आयोजित हो रही हैं. इसका काफी लाभ भी दिख रहा है.बच्चों के अभिभावक भी इस काम की प्रशंसा कर रहे हैं. ऐसे में यह बेहद जरुरी है कि शिक्षकों की छुट्टी पर नियंत्रण लगाया जाए.
केके पाठक शिक्षा विभाग द्वारा दिए गए अपने आदेशों को लेकर सुर्ख़ियों में बने रहते है. हाल ही में उनको हटाने के लिए बिहार के राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर से शिकायत भी की गई थी.
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