Breaking News: बिहार छोड़कर दिल्ली चले केके पाठक, नितीश सरकार ने दी आवेदन को मंजूरी

KK Pathak left Bihar for Delhi

बिहार के तेज तर्रार और सख्त मिजाज अधिकारी केके पाठक को लेकर एक जरुरी खबर सामने आई है। फेमस आईएएस अधिकारी और बिहार शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक की बिहार से विदाई होने वाली है।

1990 बैच के आईएएस अफसर केके पाठक (KK Pathak) ने केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर दिल्ली जाने के लिए आवेदन दिया था। जिसको अब राज्य की नितीश सरकार ने अपनी मंजूरी भी दे दिया है।

बिहार छोड़कर दिल्ली चले केके पाठक

बिहार सरकार ने केके पाठक का आवेदन स्वीकार कर प्रतिनियुक्ति पर दिल्ली जाने के लिए उन्हें NOC दे दिया है। सामान्य प्रशासन विभाग के आधिकारिक सूत्रों ने भी 29 फ़रवरी 2024 को इस बात की पुष्टि की है।

इस खबर के सामने आने के बाद केके पाठक फिर से चर्चा का विषय बने हुए है। बता दे की बिहार में केके पाठक के फैसलों को लेकर लगातार विवाद हो रहा था। विभिन्न शिक्षक संघ, अभिभावक संघ, राजनेताओं ने उनके फैसलों पर आपत्ति जताते हुए उनके खिलाफ मोर्चा खोला हुआ था।

राज्य सरकार के निशाने पर थे केके पाठक

KK Pathak was on the target of the state government regarding the timing of government schools in Bihar
बिहार में सरकारी स्कूलों की टाइमिंग को लेकर राज्य सरकार के निशाने पर थे केके पाठक

केके पाठक अपनी तेजतर्रार छवि के लिए पहचाने जाते हैं। हाल ही में बिहार में सरकारी स्कूलों की टाइमिंग को लेकर पाठक राज्य सरकार के निशाने पर थे। एक ओर जहाँ केके पाठक बिहार में सरकारी स्कूलों में 9 बजे से शाम के 5 बजे तक चलाना चाहते थे।

वहीँ राज्य के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सरकारी स्कूलों को सुबह 10 से शाम को 4 बजे तक चलने का आदेश दिया था। इसके अलावा उन पर लाइव वीडियो कोंफ्रेसिंग में टीचरों को गाली देने का आरोप भी लगाया गया है।

सीएम नीतीश कुमार बता चुके है ईमानदार अधिकारी

मालूम हो की केके पाठक की छुट्टी करने से पहले बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने सदन में केके पाठक को सार्वजनिक रूप से एक ईमानदार अधिकारी बता चुके हैं।

विपक्ष पाठक के खिलाफ कारवाई की मांग लगातार कर रहा था, लेकिन मुख्यमंत्री ने केके पाठक को ईमानदार अधिकारी बताते हुए उनके खिलाफ किसी भी तरह की करवाई से इंकार कर दिया था।

मुख्यमंत्री के साथ-साथ राजभवन से तनातनी

हाल ही में विश्वविद्यालयों के क्षेत्राधिकार को लेकर केके पाठक का बिहार के राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर से भी विवाद हुआ था। दरअसल शिक्षा विभाग ने सभी कुलपतियों और विश्वविद्यालयों के पदाधिकारियों की बैठक बुलाई थी।

लेकिन राजभवन ने पदाधिकारियों को इस बैठक में जाने से मना कर दिया। जिसके बाद राज्य के सभी वीसी ने इस मीटिंग से दूरी बनाए रखी। केके पाठक ने भी एक्शन लेते हुए बैठक में शामिल नहीं होने वाले वीसी और अन्य पदाधिकारियों का वेतन रोक दिया।

Conclusion

गौरतलब है कि केके पाठक ने बिहार की स्कूली शिक्षा में सुधार को लेकर कई काम किये है। वहीँ पाठक के कुछ फैसलों से शिक्षकों में तो नाराजगी थी, लेकिन विद्यालयों में पाठक कें खौफ से ही सही पठन पाठन का एक माहौल जरूर बन गया था।

राज्य के शिक्षक भी समय से स्कूल आने-जाने लगे थे। केके पाठक की इस कार्रवाई से छात्र और अभिभावक खुश थे। बता दे की केके पाठक के रिटायरमेंट में अभी काफी समय बचा हुआ है।

लेकिन ऐसा प्रतीत होता है की विवादों से छुटकारा पाने के लिए केके पाठक ने दिल्ली जाने का मन बनाया है। अब बिहार सरकार ने भी केके पाठक को केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर दिल्ली जाने को मंजूरी दे दी है।

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