400 करोड़ की लागत से पटना में बन रहा है कलाम साइंस सिटी, खासियत जान हैरान रह जायेंगे आप

बिहार की राजधानी पटना को बहुत ही जल्द एक विश्वस्तरीय साइंस सिटी का सौगात मिलने वाला है, 400 करोड़ से भी अधिक की लागत से पटना में बन रहे डॉ ए पी जे अब्दुल कलाम साइंस सिटी कई रूपों में खास होने वाला है। परियोजन अगले साल तक पूरा होने की उम्मीद है।

राज्य भवन निर्माण विभाग के अधिकारियों की माने तो डॉ ए पी जे अब्दुल कलाम साइंस सिटी परियोजना पर अब तक लगभग 60% सिविल कार्य पूरा हो चुका है, राजेंद्र नगर में मोइन-उल-हक स्टेडियम के पास 15 एकड़ भूमि पर 30,000 वर्ग मीटर क्षेत्र में अत्याधुनिक तकनीक से युक्त जी+1 भवन का निर्माण किया जा रहा है।  यह प्रोजेक्ट अगले साल के आखरी महीने तक पूरा हो जायेगा।

भवन निर्माण विभाग के सचिव कुमार रवि ने कहा है की, “ साइंस सिटी में लगने वाले प्रदर्शनियों पर काम भी शुरू हो गया है। इमारत का वास्तुशिल्प डिजाइन तैयार करने वाली निजी कंपनी फ्लाइंग एलीफेंट को ही प्रदर्शनी डिजाइन करने का अनुबंध दिया गया है। उन्होंने बताया कि, “मॉडलों की संख्या 200 से बढ़ाकर 243 कर दी गई है। इन मॉडलों को साइंस सिटी की दीर्घाओं में प्रदर्शित किया जाएगा। राज्य का विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग प्रदर्शनी डिजाइनों को मंजूरी देगा।

जानिए क्या होगी खासियत

  • साइंस सिटी का निर्माण 400 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से किया जा रहा है, जिसमें सिविल वर्क और प्रदर्शन शामिल हैं।
  • इस साइंस सिटी में कुल चार दीर्घाएं होंगी – ‘बॉडी एंड माइंड’, ‘बेसिक साइंसेज’, ‘स्पेस एंड एस्ट्रोनॉमी’ और ‘सस्टेनेबल प्लैनेट’ साथ ही चार लर्निंग सूट भी होंगे – ‘मेकर स्पेस’, ‘बिग डेटा सेंटर’, ‘किचन’ और ‘जिम’।
  • डिजाइन के अनुसार, पहली मंजिल पर एक छात्रावास का निर्माण किया जाएगा, खासकर स्कूली बच्चों के लिए जो अध्ययन यात्रा या भ्रमण के लिए रुकना चाहते हैं। एक बार पूरा हो जाने पर, छात्रावास में 250 बच्चों को समायोजित किया जाएगा और इसे लर्निंग सूट से जोड़ा जाएगा।
  • परियोजना की परिकल्पना 2012 में की गई थी और निर्माण कार्य मार्च 2019 में सीएम नीतीश कुमार द्वारा परियोजना की नींव रखने के बाद शुरू हुआ था।
  • प्रस्तावित साइंस सिटी का उद्देश्य लोगों के बीच विज्ञान को बढ़ावा देना और बिहार में वैज्ञानिक विकास के शानदार इतिहास का प्रदर्शन और संरक्षण करना है।