बिहार की बेटी ने किया कमाल, मात्र 17 की उम्र में विदेशी यूनिवर्सिटी से मिली डॉक्टरेट की डिग्री

बिहार अपनी युवा प्रतिभा की वजह से देश और दुनिया में जाना जाता है। यहाँ के युवा अपने मेहनत के दम पर अलग अलग क्षेत्र में बिहार का परचम लहराते आ रहे है। इन्हीं में से एक नाम है बिहार की जाह्नवी का।
मात्र 17 साल की उम्र में जाह्नवी को बुसान यूनिवर्सिटी ऑफ फॉरेन स्टडीज साउथ कोरिया ने डॉक्टरेट की मानद उपाधि से नवाजा है। आईये जानते है की आखिर बिहार की इस बेटी ने यह सफलता कैसे हासिल की है?
बिहार की बेटी जाह्नवी ने किया कमाल
बिहार के मुजफ्फरपुर की रहने वाली जाह्नवी अपनी उपलब्धियों के वजह से चर्चा में बनी रहती है। जाह्नवी की उपलब्धियों पर उनके पुरे परिवार के साथ पूरा जिला गौरवान्वित महसूस करता है।
एक बार फिर जाह्नवी ने एक बड़ा मुकाम हासिल कर दिखाया है जिसे जानकर हर कोई यहीं कह रहा है कि धिया(बेटी) ने तो कमाल कर दिखाया। दरअसल जाह्नवी को हाल ही में पुडुचेरी बुलाया गया था।
जाह्नवी को 17 साल की उम्र में डॉक्टरेट की मानद उपाधि

वहां पर उन्हें समाजसेवा के क्षेत्र में डॉक्टरेट की मानद उपाधि से नवाजा गया। जाह्नवी को सोशल वर्क के फिल्ड में विशिष्ट योग्यता हासिल करने की वजह से सबसे कम उम्र में डॉक्टरेट की उपाधि मिली है।
जाह्नवी ने यह उपलब्धि साउथ कोरिया की बुशान क्रिश्चियन यूनिवर्सिटी फॉर फॉरेन स्टडीज से प्राप्त की है। जाह्नवी की इस उपलब्धि से उनके माता पिता बेहद खुश हैं।
दरअसल, 17 साल की उम्र में जहाँ अधिकतर छात्र मैट्रिक या इंटर कर पाते हैं, वहीँ मुजफ्फरपुर की जाह्नवी ने इतनी कम उम्र में डॉक्टरेट की उपाधि पा ली है। जाह्नवी के पिता संतोष कुमार और मां अर्चना कुमारी अपनी बेटी की सफलता से काफी आनंदित हैं।
डॉक्टरेट की डिग्री सपने में भी नहीं सोचा
इस मौके पर जाह्नवी ने कहा कि – “डॉक्टरेट की उपाधि मिलना ऐसी चीज है जो कि बच्चा कभी सपने में भी नहीं सोचता है। मैंने भी नहीं सोचा था कि इतनी जल्दी डॉक्टर बनी आऊंगी।
मेरी जर्नी में काफी संघर्ष रहे तो अचीवमेंट्स भी रहे।” वर्तमान उपलब्धि पर जाह्नवी ने कहा कि – “मुझे काफी अच्छा और प्राउड फील हो रहा है।”
पहले भी रोशन कर चुकी बिहार का नाम
मालूम हो कि जाह्नवी ने पहले भी बिहार का नाम रोशन किया है। पहले जेंडर इक्वलिटी फिर अंतर्राष्ट्रीय एड्स सम्मलेन के द्वारा बनी डॉक्यूमेंट्री में भागीदारी और फिर मिस टीन इंडिया 2022 का खिताब अपने नाम किया था।

इसके बाद बीते साल जाह्नवी को भारत के राष्ट्रपति भवन से भी बुलावा आया था, जहां जाह्नवी ने अपने परिवार के साथ जाकर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से भी मुलाकात की थी।
दो किताबें भी लिख चुकी हैं जाह्नवी
इसके साथ ही जाह्नवी को संयुक्त राष्ट्र फाउंडेशन ने लगातार तीन बार अवार्ड से भी नवाजा है। जेंडर इक्वलिटी को लेकर लीड कर रही जाह्नवी कई अंतर्राष्ट्रीय अवार्ड जीत चुकी है। जाह्नवी वर्तमान में कॉमन वेल्थ में सेक्सुअल और रिप्रोटेक्टिव राइट को लीड करती है।
इसके अलावा जाह्नवी दो किताबें भी लिख चुकी हैं। जाह्नवी लैंगिक समानता और महिला सशक्तिकरण के क्षेत्र में सोशल वर्क करती हैं। इसके साथ ही उनका इंट्रेस्ट मॉडलिंग और एक्टिंग में भी है।
और पढ़ें: Success Story: बिहार का किसान स्ट्रॉबेरी की खेती से बना करोड़पति, पहले हरियाणा में करते थे मजदूरी